लखनऊ, 14 सितंबर 2022 : वाराणसी के सिकरौरामें 36 साल पहलेहुए सामूहिक हत्याकांडकेस में बुधवारको माफिया बृजेशसिंह इलाहाबाद हाईकोर्ट में पेशहुआ। हालांकि न्यायमूर्तिडा. केजे ठाकरव न्यायमूर्ति नलिनकुमार श्रीवास्तव कीखंडपीठ ने इसकेस की सुनवाईसे स्वयं कोअलग कर लिया।अन्य पीठ नामितकरने के लिएयाचिका मुख्य न्यायमूर्ति केपास भेज दीगई है।
माफिया बाहुबली बृजेशसिंह पर हत्याका आरोप लगायागया था जिसमेंउसे बरी करदिया गया। वाराणसीजिला कोर्ट ने 2018 में फैसला दिया था, तब कोर्ट नेइस केस मेंसभी 13 आरोपियों को बरीकर दिया था।निचली अदालत केफैसले को अपीलदाखिल कर इलाहाबादहाई कोर्ट मेंचुनौती दी गईहै। इसमें कोर्टने बाहुबली कोपेश होने कानिर्देश दिया था।
विभिन्न आराधिक मामलोंमें बृजेश सिंहवाराणसी सेंट्रल जेल मेंपिछले 13 सालों से बंदथा। 13 साल बादचार अगस्त, 2022 मेंमाफिया बृजेश सिंह बाराणसीसेंट्रल जेल सेरिहा हुआ है।यह मामला 36 साल पुरानाहै। इस हत्याकांडमें सात लोगोंकी हत्या हुईथी।
सत्र न्यायालयने अपने फैसलेमें बृजेश सिंहको बरी करदिया था। पीड़ितपक्ष का कहनाहै कि हत्याकांडमें उसकी बेटीभी घाटल हुईथी, लेकिन निचलीअदालत ने उसकेबयानों पर गौरनहीं किया। वहींपरिवार के सातलोगों की हत्याके मामले कामुख्य गवाह अबभी मौजूद है।
याची नेइस जघन्य हत्याके मामले मेंबृजेश सिंह कोसजा दिए जानेकी मांग कीहै। बृजेश सिंहपर वाराणसी जिलेके बलुआ थानेमें आईपीसी कीधारा 148, 149, 302, 307, 120बी एवंआर्म्स एक्ट कीधारा 25 के तहतप्राथमिकी दर्ज कराईगई थी। उसपर एक हीजाति के सातलोगों की हत्याका आरोप है।
बता देंकि बृजेश सिंहके ऊपर 41 मामलेदर्ज थे। इसमेंसे 15 में वहबरी हो चुकाहै। अभी सिर्फतीन मुकदमों काट्रायल चल रहाहै। इसमें भीदो मामलों मेंउसे पहले हीजमानत मिल चुकीहै। पिछले दिनोंगाजीपुर के उसरीचट्टी मामले मेंउसे हाई कोर्टने जमानत देदी थी, जिसकेबाद वह जेलसे बाहर आगया है।
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