नई दिल्ली, 22 अप्रैल 2023 : अरुणाचल प्रदेश के चीन से सटे सीमावर्ती क्षेत्रों के करीब 336 गांवों में जल्द 4-जी मोबाइल टेलीफोन कनेक्टिविटी शुरू हो जाएगी। देश के आखिरी गांव तक 4-जी नेटवर्क की सुविधा सामरिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण है। खासकर ऐसे दौर में जब चीन से रिश्ते ठीक नहीं हैं। चीन से सटे होने की वजह से इन इलाकों में टेलीकाम इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास से पड़ोसी मुल्क की गतिविधियों पर नजर रखने में भी मदद मिलेगी।
अरुणाचल प्रदेश में 4-जी टावर स्थापित करने की परियोजना को मंजूरी
शनिवार को केंद्रीय संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव और कानून मंत्री किरण रिजिजू ने एक समारोह में वहां 4-जी सेवा के लिए 254 नेटवर्क टावरों का लोकार्पण किया। केंद्र सरकार ने 2,675 करोड़ रुपये की लागत से अरुणाचल प्रदेश के 3,721 से ज्यादा गांवों में 2,605 मोबाइल 4-जी टावर स्थापित करने की परियोजना को मंजूरी दी है।
देश के सभी नागरिकों के पास जल्द ही होगा भारतीय सिम वाला नेटवर्क कनेक्शन
इस मौके पर केंद्रीय संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि जल्द ही देश के सभी नागरिकों के पास भारतीय सिम वाला नेटवर्क कनेक्शन होगा। उन्होंने कहा कि देश में 5-जी सेवा का विस्तार दुनिया के किसी भी देश के मुकाबले तेज गति से हो रहा है और पूरा विश्व इसे देख रहा है। उन्होंने कहा कि रिलायंस जियो और एयरटेल काफी तेजी से 5-जी साइट्स की स्थापना कर रहे हैं।
उत्तर-पूर्व में 5-जी के लिए लगाए गए 3437 टावर
उन्होंने कहा कि दूरसंचार विभाग के आंकड़ों के मुताबिक रिलायंस जियो गत तीन मार्च तक 5-जी सेवा के लिए 82,509 साइट्स की स्थापना कर चुका था तो एयरटेल की तरफ से इसके लिए इस अवधि तक 19,142 साइट्स स्थापित की जा चुकी थीं। सबसे अधिक राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 5-जी की 13,094 साइट्स स्थापित हो चुकी हैं। तमिलनाडु, गुजरात, महाराष्ट्र व मुंबई में भी 7000-8000 साइट्स स्थापित हो जा चुकी हैं। उत्तर-पूर्व में 5-जी के लिए 3437 टावर लगाए गए हैं।
12,600 फुट की ऊंचाई पर स्थित त्वांग में भी लगाए 4-जी टावर
वैष्णव ने कहा कि वर्ष 2014 से लेकर अब तक उत्तर-पूर्व में टेलीकाम सेक्टर की बुनियादी सुविधा का लगातार विकास किया जा रहा है और इसी क्रम में 12,600 फुट की ऊंचाई पर स्थित त्वांग तक में 4-जी टावर लगाए गए हैं। अरुणाचल प्रदेश में 4-जी सेवा से जुड़े 254 टावर लगाए जाने से 336 गांवों में 4-जी सेवा बहाल हो जाएगी। चीन से सटे होने की वजह से इन इलाकों में टेलीकाम इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास से पड़ोसी मुल्क की गतिविधियों पर नजर रखने में भी मदद मिलेगी। ये सभी टावर दूरसंचार विभाग के यूनिवर्सल सर्विस आब्लिगेशन फंड (यूएसओएफ) से स्थापित किए गए हैं।
उत्तर पूर्व में टावरों की संख्या में बढ़ोतरी
संचार मंत्री ने बताया कि वर्ष 2014 में उत्तर पूर्व में सिर्फ 19,722 टावर थे और अब इनकी संख्या 94,135 हो चुकी है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने देश के सभी गांवों में 4-जी सेवा बहाल करने के उद्देश्य से 25,000 नए टावर लगाने की मंजूरी दी है और इस काम को पूरा करने में 36,000 करोड़ की लागत अनुमानित है।
बिना संपर्क वाले और दुर्गम इलाकों तक संपर्क बढ़ाना लक्ष्य
केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि शनिवार को जो टावर शुरू किए गए हैं, उनमें से ज्यादातर सीमावर्ती क्षेत्रों में हैं। उन्होंने कहा कि ईटानगर में हाल में 5-जी सेवा को भी लांच किया गया था। हमारा लक्ष्य अब तक बिना संपर्क वाले और दुर्गम इलाकों तक संपर्क बढ़ाना है। इससे दूर-दराज के लोगों को हाई-स्पीड नेटवर्क कनेक्टिविटी मुहैया हो सकेगी।
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