कांग्रेस विधायक अदिति सिंह और राकेश सिंह की विधानसभा सदस्यता रद्द करने की याचिका को विधानसभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित ने खारिज कर दिया है। साक्ष्यों के अभाव में कांग्रेस की याचिका खारिज की गई है। रायबरेली सदर विधायक अदिति सिंह और हरचंदपुर सीट से विधायक राकेश सिंह के खिलाफ दल-बदल कानून के तहत सदस्यता खत्म करने के लिए कांग्रेस विधानमंडल दल नेता आराधना मिश्रा ने याचिकाएं दायर की थीं । याचिका खारिज होने के बाद अदिति सिंह और राकेश सिंह कांग्रेस विधायक बने रहेंगे। अदिति और राकेश कांग्रेस के गढ़ रायबरेली से विधायक हैं जहां से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी सांसद हैं।
अदिति ने कांग्रेस को 2019 का चुनाव जिताने में अहम भूमिका निभाई थी। रायबरेली में 6 विधानसभा सीटों पर 2017 में 2 कांग्रेस, 1 सपा और 3 भाजपा जीती थी।
अदिति सिंह के पिता अखिलेश प्रताप सिंह साल 1993 से रायबरेली सदर सीट से 5 बार विधायक रहे। तीन बार कांग्रेस के सिंबल पर तो दो बार निर्दलीय चुनाव जीता। लेकिन 2017 के चुनाव में उन्होंने बेटी अदिति को चुनावी मैदान में उतारा। यह अदिति का पहला चुनाव था, जिसे उन्होंने 89,163 वोटों के बड़े अंतर से जीता।
गांधी परिवार से अदिति सिंह का करीबी रिश्ता रहा है। लोकसभा चुनाव में अदिति ने सोनिया गांधी के लिए प्रचार किया था। इसका असर परिणामों में भी नजर आया। रायबरेली लोकसभा में पांच विधानसभा- रायबरेली सदर, बछरावां, हरचंदपुर, सरेनी सीट हैं। सोनिया गांधी को सबसे अधिक 1,23,043 वोट रायबरेली सदर सीट से मिले थे। चर्चा है कि, अदिति पर कार्रवाई से अगले चुनाव में कांग्रेस को नुकसान हो सकता है।
जाहिर है अदिति सिंह की सदस्यता रद्द करने की याचिका डालकर कांग्रेस ने बड़ी मुसीबत मोल ले ली है। अब अदिति के खिलाफ डाली गई याचिका खारिज हो गई है जिसका आने वाले विधानसभा चुनाव में असर पड़ना निश्चित है।
टीम स्टेट टुडे
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