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लखनऊ, 21 अक्टूबर 2022 : दिल्ली के अखिलभारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) मेंसांसदों के इलाजके लिए विशेषव्यवस्था किए जानेपर विवाद बढ़तादेख AIIMS ने एसओपीवापस ले लियाहै। एम्स नेइस बारे मेंलोक सभा सचिवालयको सूचित कियाहै।
जानकारी के अनुसार, एम्स में मौजूदासांसदों के लिएचिकित्सा देखभाल व्यवस्था केसंबंध में एम्सनिदेशक डॉ एमश्रीनिवास का पत्रतत्काल प्रभाव से वापसले लिया गयाहै। दरअसल, फोर्डा (फेडरेशन आफ रेजिडेंटडाक्टर एसोसिएशन), एफएआइएमए (फेडरेशनआफ आल इंडियामेडिकल एसोसिएशन) सहित रेजिडेंटडाक्टरों के कईसंगठनों ने एम्सप्रशासन के फैसलेका कड़ा विरोधकिया था।
देश वीवीआइपीकल्चर के खिलाफलड़ रहा
एफएआइएमए ने केंद्रीयस्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडवियाको पत्र लिखकरकहा था किएक तरफ देशवीवीआइपी के खिलाफलड़ रहा है।केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री नेआम मरीज बनकरसफदरजंग अस्पताल सहित कईअस्पतालों जीसीएचएस डिस्पेंसरी मेंचिकित्सा सुविधाओं का निरीक्षणकिया था।
इलाज कोलेकर प्रोटोकॉल मेंदो भाव
वहीं, दूसरी तरफएम्स में सांसदोंके इलाज केलिए विशेष इंतजामकी मानक प्रक्रियाबनाई गई थी।इससे पता चलताहै कि एम्सप्रशासन खुद सांसदोंव आम जनताके इलाज केप्रोटाकॉल को लेकरदो भाव रखताहै। इस फैसलेने डाक्टरों कीनैतिकता को प्रभावितकिया है। कुछको बेहतर औरकुछ लोगों कोकम इलाज कीऐसी नीति स्वीकारनहीं की जासकती।
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