महाकुम्भ का प्रथम अमृत स्नान
महाकुम्भ के पहले अमृत स्नान की महाकुम्भ प्रशासन ने की सभी तैयारियां पूरी
अखाड़ों के अमृत स्नान में पूर्व परंपरा का होगा पालन , सुबह 6.15 पर होगा महाकुंभ का प्रथम अखाड़े का स्नान
परम्परा का पालन करते हुए श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी करेगा सबसे पहले अमृत स्नान, सबसे आखिर में श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल
महाकुम्भ नगर, 13 जनवरी।
प्रयागराज महाकुंभ की भव्य शुरुआत हो चुकी है। पौष पूर्णिमा के स्नान पर्व के सकुशल समापन के बाद अब सभी को प्रतीक्षा है महाकुम्भ के महा स्नान यानी शाही स्नान की जिसे इस बार नाम मिला है अमृत स्नान का। महाकुम्भ मेला प्रशासन की तरफ से पूर्व की मान्यताओं का पूरी तरह अनुसरण करते हुए सनातन धर्म के 13 अखाड़ों को अमृत स्नान में स्नान क्रम भी जारी किया गया है। सभी अखाड़ों को इसकी जानकारी दे दी गई है।
सबसे पहले अमृत स्नान करेगा महानिर्वाणी अखाड़ा
महाकुम्भ मेला 2025 में अखाड़ों के परम्परागत पूर्व से निर्धारित कम के अनुसार अमृत स्नान की तिथियों और उनके स्नान क्रम की सूचना अखाड़ों को मिल चुकी है। श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के सचिव महंत आचार्य देवेंद्र सिंह शास्त्री बताते हैं कि अखाड़ों के अमृत स्नान की तिथि , क्रम और समय की जानकारी आ चुकी है। मकर संक्रान्ति दिनांक 14 जनवरी को
श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी सबसे पहले अमृत स्नान करेगा जिसके साथ श्री शम्भू पंचायती अटल अखाड़ा भी होगा ।
यह अखाड़ा 5.15 पर शिविर से प्रस्थान करेगा और 6.15 पर घाट पहुंचेगा। इसे 40 मिनट का समय स्नान के लिए दिया गया है । यह 6.55 पर घाट से वापस शिविर के लिए रवाना होगा और 7.55 पर शिविर पहुंचेगा।
अन्य अखाड़ों के लिए भी आवंटित हुई समय सूची
दूसरे स्थान पर श्री तपोनिधि पंचायती श्री निरंजनी अखाड़ा, एवं श्री पंचायती अखाड़ा आनन्द अमृत स्नान करेगा। इसका शिविर से प्रस्थान का समय 06.05,घाट पर आगमन का समय 07.05,स्नान का समय 40 मिनट, घाट से प्रस्थान का समय 7.45 शिविर में आगमन का समय 8.45 रहेगा।
तीसरे स्थान पर तीन संन्यासी अखाड़े अमृत स्नान करेंगे। जिसमें श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा एवं श्री पंच दशनाम आवाहन अखाड़ा तथा श्री पंचाग्नि अखाड़ा शामिल हैं । इसका शिविर से प्रस्थान का समय 07.00.घाट पर आगमन का समय 08.00,स्नान का समय 40 मिनट, घाट से प्रस्थान का समय 8.40 शिविर में आगमन का समय 9.40 होगा।।
बैरागी अखाड़ों के लिए भी जारी हुई समय सूची
तीन बैरागी अखाड़ों में सबसे पहले अखिल भारतीय श्री पंच निर्मोही अनी अखाडा 09.40 पर शिविर से चलेगा, 10.40 पर घट पहुंचेगा और 30 मिनट स्नान के बाद 11.10 पर घाट से रवाना होकर 12.10 पर शिविर पहुंच जाएगा। इसी क्रम मेंअखिल भारतीय श्री पंच दिगम्बर अनी अखाडा 10.20 पर शिविर से निकलेगा, 11.20 पर घाट पहुंचना , 50 मिनट स्नान के बाद 12.10 पर घाट से रवाना होकर 13.10 पर शिविर वापस आ जाएगा। इसी तरह अखिल भारतीय श्री पंच निर्वाणी अनी अखाड़ा 11.20 पर शिविर से चलेगा 12.20 पर घाट पहुंचेगा। 30 मिनट स्नान के बाद 12.50 पर वहां से वापस 13.50 पर शिविर आ जायेगा।
अन्य अखाड़ों की समय सूची
शेष बचे तीन अखाड़ों में उदासीन से जुड़े अखाड़े आते हैं। इसमें उदासीन श्री पंचायती नया उदासीन अखाडा
12.15 पर अपने शिविर से रवाना होकर 13.15
पर घाट पहुंचेगा और 55 मिनट स्नान करने के बाद
14.10 पर घाट से रवाना होकर 15.10 पर शिविर पहुंच जाएगा। इसके बाद श्री पंचायती अखाड़ा, नया उदासीन, निर्वाण की बारी है जो 13.20
बजे शिविर से उठेगा और 14.20 पर घाट पहुंचेगा। यहां एक घंटे स्नान के बाद 15.20 पर घाट से रवाना होकर 16.20 पर शिविर आ जायेगा।
सबसे आखिर में अमृत स्नान करेगा श्री पंचायती निर्मल अखाड़ा । यह अखाड़ा 14.40 पर शिविर से चलेगा और 15.40 पर घाट पहुंचेगा। चालीस मिनट स्नान करने के बाद 16.20 पर घाट से रवाना होकर 17.20 पर शिविर आ जायेगा। यह व्यवस्था मकर संक्रांति और बसंत पंचमी के अमृत स्नान के लिए जारी हुई है।
महाकुम्भ के पहले अमृत स्नान की आखाड़ों में हो रही है दिव्य भव्य तैयारी
आखाड़ों के मण्डलेश्वर, महामण्डलेश्वरों और अन्य पदाधिकारीयों के रथ, हाथी, घोड़े हो रहे तैयार
आखाड़ों के नागा संन्यासी कर रहे हैं भस्म रमा कर अपना श्रृंगार
ढोल,नगाड़ों, तीर-तलवार के साथ निकलेगी अखाड़ों की शोभायात्रा
अखाड़ों में विधि-विधान और इष्टदेव के पूजन के बाद निकलेगी शोभायात्रा
मेला प्रशासन भी है अमृत स्नान के लिए पूरी तरह तैयार
13 जनवरी- महाकुम्भनगर। तीर्थराज प्रयागराज में सनातन आस्था के महापर्व महाकुम्भ का दिव्य भव्य शुभारंभ पौष पूर्णिमा के स्नान के साथ हो गई है। पौराणिक मान्यता के अनुसार महाकुम्भ का पहला अमृत स्नान कल मकर संक्रांति की तिथि पर विधि-विधान से होगा। महाकुम्भ के पहले अमृत स्नान की पूर्व संध्या पर अखाड़ों में तैयारियां पूरे जोश और उत्साह के साथ हो रही हैं। अखाड़ों के अध्यक्ष, मण्डलेश्वरों, महामण्डलेश्वरों,महन्त और अन्य पदाधिकारियों के रथ,हाथी, घोड़ों की साज-सज्जा की जा रही है। नागा साधु-संन्यासी धूनी रमा कर, अपने अस्त्र-शस्त्र, ध्वजा, ढोल-नगाडें, डमरू लेकर अमृत स्नान की शोभा यात्रा की तैयारी कर रहे हैं।
मण्डलेश्वर, महामण्डलेश्वरों और अन्य पदाधिकारीयों के रथ, हाथी, घोड़े हो रहे तैयार
महाकुम्भ के अमृत स्नान का सनातन आस्था में विशेष महत्व है। अनादि काल ले साधु, संन्यासियों और श्रद्धालुओं की महाकुम्भ के अमृत काल में संगम स्नान करने की परंपरा रही है। आदि शंकराचार्य की प्रेरणा से बने अखाड़े महाकुम्भ में दिव्य शोभा यात्रा के साथ अमृत स्नान करते हैं। मान्यता अनुसार मकर संक्रांति के पर्व पर महाकुम्भ का पहला अमृत स्नान होता है। परंपरा अनुसार सभी अखाड़े अपने-अपने क्रम से अमृत स्नान करते हैं। अमृत स्नान की पूर्व संध्या पर सभी अखाड़ों में तैयारियां की जा रही है। अखाड़ों के सभी पदाधिकारियों, महंत, अध्यक्ष, मण्डलेश्वरों, महामण्डलेश्वरों के रथ, हाथी, घोड़ों, चांदी के हौदों की साज-सज्जा फूलों और तरह-तरह के आभूषणों से की जा रही है। किसी रथ पर भगवान शिव का अलंकरण है तो किसी पर मोर और भगवान गणेश का। साथी बैण्ड-बाजे भी अपने-अपने वाद्य यंत्रों के साथ तैयारियां कर रहे हैं।
अखाड़ों में विधि-विधान और इष्टदेव के पूजन के बाद निकलेगी शोभायात्रा
महाकुम्भ के अमृत स्नान में अखाड़ों के साधु-संन्यासी परंपरा अनुसार प्रातः काल दिव्य शोभा यात्रा लेकर संगम की ओर प्रस्थान करेंगे हैं। लेकिन अमृत स्नान की शोभा यात्रा निकलने का क्रम रात्रि से ही शुरू हो जाएगा। अखाड़ों के नागा संन्यासी अपने तन पर भस्म रमा कर,अपनी जटा-जूट का श्रृंगार कर धर्म ध्वजा, तीर-तलवार, भाले, ढोल-नगाड़े लेकर इष्ट देव के जयकारे लगाते हुए संगम की ओर चलेंगे। सबसे पहले अखाड़ों में इष्ट देव का मंत्रोच्चार से पूजन किया जाएगा। इसके बाद स्नान विधि पूजन कर, अखाड़ों के पदाधिकारी अपने-अपने क्रम से रथों, हाथी, घोड़ों पर सवार होकर जयकारे लगाते हुए संगम की ओर बढ़ेंगे।
मेला प्रशासन भी है अमृत स्नान के लिए पूरी तरह तैयार
मेला प्रशासन ने भी पहले अमृत स्नान के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। अखाड़ों के आने का क्रम, उनका मार्ग, स्नान का घाट और समय आदि निर्धारित कर दिया गया है। अखाड़ों के मार्ग में बैरिकेड लगा दिये गये हैं ताकि किसी तरह की भगदड़ न होने पाये। मेला क्षेत्र के सभी थानों और पुलिस कर्मियों को दिशानिर्देश जारी किये जा चुके हैं। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी वॉच टॉवर और आईसीसी कंट्रोल रूम से अमृत स्नान की शोभायात्रा की निगरानी करेंगे। सीएम योगी के निर्देशों के मुताबिक मेला प्रशासन अमृत स्नान काल में साधु-संन्यासियों पर हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा करवाएगा।
योगी बाबा के संगम पर विदेशी श्रद्धालुओं ने की प्रशंसा
विदेशी युवकों ने की महाकुम्भ की व्यवस्था की सराहना
राजपाल ने अपने संदेश और प्रदर्शन से युवाओं को किया प्रेरित
महाकुम्भ नगर, 13 जनवरी।
महाकुम्भ 2025 का आयोजन भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म की ताकत को वैश्विक स्तर पर पहुंचाने का प्रतीक बन गया है। संगम पर आयोजित इस भव्य आयोजन में विदेशी श्रद्धालु भारतीय संस्कृति से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने इसकी मुक्त कंठ से प्रशंसा की। ऑस्ट्रेलिया से आई श्रद्धालु इला और उनके साथ अन्य विदेशी युवकों ने योगी बाबा की व्यवस्थाओं और महाकुम्भ के प्रबंधन को लेकर अपनी खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा, "महाकुम्भ में महा स्नान और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए अद्भुत व्यवस्था की गई है। संगम पर सुरक्षा, स्वच्छता और शांति का ऐसा नजारा पहली बार देखा।"
महाकुम्भ की बेहतरीन व्यवस्थाओं पर योगी आदित्यनाथ को सराहना
महाकुम्भ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा की गई व्यवस्थाओं को विदेशी सनातन प्रेमियों ने सराहा। संगम पर सुरक्षित, दिव्य और व्यवस्थित माहौल ने श्रद्धालुओं को प्रभावित किया। विदेशी युवकों ने भी इस आयोजन की भव्यता और अनुशासन को लेकर प्रशंसा की।
महाकुम्भ 2025 भारतीय संस्कृति और धर्म के प्रचार-प्रसार का माध्यम बनते हुए भारत की वैश्विक पहचान को और मजबूत कर रहा है।
राजपाल बने युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत, नहीं पहनते हैं कपड़े
हरियाणा के रोहतक जिले के सीसर गांव से आए राजपाल योगी, जो ठंड में भी कपड़े नहीं पहनते हैं। अपनी अनूठी जीवनशैली और संदेश से सभी का ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने कहा, "मैं युवाओं को जागरूक करना चाहता हूं कि वे नशे से दूर रहें, शरीर को स्वस्थ रखें और सनातन संस्कृति के मूल्यों को अपनाएं। सोशल मीडिया और महाकुम्भ जैसे आयोजन इस संदेश को फैलाने का बेहतर जरिया हैं।"
राजपाल ने यह भी कहा कि अगर युवा अपनी संस्कृति और शक्ति को पहचानें, तो भारत फिर से "विश्वगुरु" बन सकता है।
3000 पुशअप्स: शक्ति का अद्भुत प्रदर्शन
राजपाल योगी ने एक हाथ से 3000 पुशअप्स लगाकर शारीरिक और मानसिक शक्ति का उदाहरण प्रस्तुत किया। उन्होंने युवाओं से अपील की, "शारीरिक और मानसिक शक्ति का संतुलन ही सफलता की कुंजी है। अपनी परंपराओं को अपनाएं और माता-पिता की आज्ञा का पालन करें।"
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