नई दिल्ली, 28 मार्च 2022 : दुश्मन से मुकाबला करने के लिए जम्मू-कश्मीर के नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर तैनात भारतीय सेना पहले से कहीं और ज्यादा मजबूत हो गई है। एलओसी में तैनात सैनिकों को फिनलैंड से मंगाई गईं नवीनतम स्नाइपर राइफलें दी गईं हैं। सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नवीनतम स्नाइपर राइफल्स को सेना में शामिल किया गया है। वे अब इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। ये साको .338 टीआरजी-42 स्नाइपर (Sako TRG 42 rifles) राइफलें हैं।
अधिक जानकारी देते हुए सेना के अधिकारी ने कहा कि साको .338 टीआरजी-42 स्नाइपर राइफल्स की बेहतर रेंज मारक क्षमता और टेलीस्कोपिक हैं। उन्होंने कहा कि नियंत्रण रेखा पर स्नाइपर्स को नई राइफलों पर प्रशिक्षित किया जा रहा है। अधिकारी ने कहा कि यह कदम नियंत्रण रेखा पर परिचालन की गतिशीलता में बदलाव के बीच स्नाइपर्स को और अधिक घातक बनाने के लिए है। साथ ही कहा कि जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) के साथ आगे के इलाकों में गश्त कर रहे सैनिकों के लिए स्निपिंग एक बड़ी चुनौती रही है।
हमलों के खिलाफस्नाइपर्स को प्रशिक्षितकरने के लिएकिया गया प्रेरित
2018 और 2019 के बीचएलओसी और अंतरराष्ट्रीयसीमा के साथतनाव बढ़ने केसाथ ही घटनाओंकी संख्या मेंअचानक वृद्धि हुईहै। जिससे सशस्त्रबलों को बेहतरस्नाइपर राइफलों को शामिलकरने और इसतरह के हमलोंके खिलाफ अपनेस्नाइपर्स को प्रशिक्षितकरने के लिएप्रेरित किया गयाहै।
यह राइफलदुनियाभर में सबसेसटीक और भरोसेमंदहथियारों में सेएक
साको टीआरजी-42 (Sako TRG -42) स्नाइपर राइफल एक बोल्ट-एक्शन स्नाइपर राइफलहै, जिसे फिनिशबंदूक निर्माता साकोद्वारा डिजाइन और विकसितकिया गया है।राइफल को शक्तिशाली .338 लापुआ मैग्नम आकार केकारतूसों को फायरकरने के लिएडिजाइन किया गयाहै। अधिकारी नेकहा कि बिनागोला-बारूद के 6.55 किलोग्राम वजनी स्नाइपरराइफल की प्रभावीरेंज 1,500 मीटर है।यह राइफल दुनियाभरमें सबसे सटीकऔर भरोसेमंद हथियारोंमें से एकमाना जाता है।
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