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धारा 370 खत्म होने के बाद जम्मू-कश्मीर और लद्दाख लगातार बदलाव महसूस कर रहे हैं। खास तौर से जम्मू-कश्मीर जो लगातार आतंक के साए में रहे अब नई कहानी लिख रहे हैं। धारा 370 खत्म होने के बाद पीडीपी और नेशनल कांफ्रेंस समेत तमाम अलगाववादी ताकतों और पाकिस्तान की लाख कोशिशों के बावजूद घाटी में आतंकवादी घटनाओं में काफी कमी आई है।
ये बात लोकसभा में केंद्रीय गृहमंत्रालय की तरफ से आंकड़ों के साथ बताई गई है। 2019 में 594, 2020 में 244 और 2021 में फरवरी महीने तक 15 आतंकी घटनाएं हुई हैं।
जबकि साल 2019 में 157, 2020 में 221 और 2021 में फरवरी महीने तक आठ आतंकियों का खात्मा हुआ है।
कश्मीर में खासतौर से अलगाववादियों ने आंतक की नई पौध तैयार की। तमाम युवाओं को गलत राह दिखाई और अलग अलग तरह का लालच देकर जेहाद के रास्ते पर ढकेल दिया। धारा 370 हटने के बाद घाटी में आतंक और आतंकियों के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई की गईं। कई आतंकी ढेर किए गए कई निशाने पर हैं।
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गृह मंत्रालय के अनुसार सरकार ने 42 संगठनों को आतंकवादी संगठन घोषित किया है। गैरकानूनी गतिविधियों (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की पहली अनुसूची में उनके नाम सूचीबद्ध किए हैं। इस दौरान कहा कि भारत में आतंकवाद काफी हद तक सीमा पार से प्रायोजित किया गया है। पिछले तीन वर्षों और चालू वर्ष के दौरान देश, जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमलों के दौरान मारे गए आतंकवादियों और व्यक्तियों की संख्या के बारे में भी मंत्रालय की ओर से जानकारी दी गई।
इसमें कोई दोराय नहीं है कि जम्मू कश्मीर को एक फैक्ट्री की तरह इस्तेमाल करने वाले ना सिर्फ सियासी लोगों की दुकानें बंद हुईं बल्कि धारा 370 हटने के बाद पाकिस्तान परस्त अलगाववादियों की आंतकी फैक्ट्री भी तबाह हुई।
उम्मीद की जा सकती है कि जम्मू-कश्मीर-लद्दाख आने वाले दिनों में वाकई जन्नत बन जाएगा और जो इस जन्नत की राह के कांटे हैं उन्हें जड़ से उखाड़ कर उस जन्नत पहुंचा दिया जाएगा।
टीम स्टेट टुडे
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