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दिल्ली के मुख्यमंत्री Arvind Kejriwal गिरफ्तार- जेल से चलेगी सरकार, जानिए - अब ईडी के साथ कैसे कटेगी AK की रात



सीएम केजरीवाल को ईडी ने किया गिरफ्तार


दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार कर लिया है। ईडी ने पहले दसवां समन जारी किया और उसके बाद उनके आवास पर पहुंची। गिरफ्तारी से पहले सीएम केजरीवाल से दो घंटे तक पूछताछ की। जिसके बाद Arvind Kejriwal को गिरफ्तार कर लिया गया। दिल्ली के मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी दिल्ली शराब घोटाला मामले में हुई है।

 

जानकारी के अनुसार जांच एजेंसी दिल्ली के मुख्यमंत्री के घर की तलाशी भी ली है। ऊधर शराब घोटाले के मामले में अरविंद केजरीवाल की लीगल टीम सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच गई।

 

अरविंद केजरीवाल ही मुख्यमंत्री रहेंगे- आतिशी

दिल्ली की मंत्री आतिशी ने अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी की पुष्टि की है। आतिशी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ही मुख्यमंत्री रहेंगे। चाहे जेल से सरकार चलानी पड़ी तो चलाएंगे। आतिशी ने गिरफ्तारी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में केस फाइल करने की बात कही।


अगर केजरीवाल जेल जाते हैं तो वो वहीं से ही सरकार चलाएंगे - दिल्ली विधानसभा के स्पीकर रामनिवास गोयल

अगर ये केजरीवाल जी को गिरफ्तार करते हैं, तो वह जेल से सरकार चलाएंगे। पार्टी के तमाम पार्षदों, विधायकों, सांसदों, पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं और दिल्ली की जनता से पूछकर ये सामूहिक निर्णय पहले ही लिया जा चुका है। दिल्ली की जनता भी इस पर मुहर लगा चुकी है। तो केजरीवाल जी जेल से ही सरकार चलाएंगे, किसी और को सीएम बनाने का सवाल ही नहीं उठता।

 

क्या कहता है संविधान

भारतीय संविधान में इस बात का उल्लेख ही नहीं है कि अगर किसी प्रदेश के मुख्यमंत्री को गिरफ्तार किया जाता है तो उसे इस्तीफा देना ही पड़ेगा। देश में ऐसा कोई कानून नहीं है, जो किसी पार्टी और मुख्यमंत्री को जेल से सरकार चलाने से रोकता हो. भारत के संविधान में भी इस पर स्थिति को स्पष्ट नहीं किया गया है। कानून में ये बताया गया है कि दोषी साबित होने से पहले कोई भी नेता जेल में रहते हुए मुख्यमंत्री, मंत्री, सांसद और विधायक बना रह सकता है और जेल से ही सरकार को भी चला भी सकता है। इस हिसाब से अभी अरविंद केजरीवाल को जेल से दिल्ली की सरकार चलाने में कानूनी रूप से कोई परेशानी नहीं होगी।


इससे पहले जिन लोगों की मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए गिरफ्तारी की नौबत आई उन्होंने नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दिया था, ताकि मुख्यमंत्री के पद की गरिमा को ठेस ना पहुंचे, परंतु केजरीवाल के मामले में लगता है नैतिकता की पोटली यमुना में पहले ही बहा दी गई है।  

 

आज रात SC से तत्काल सुनवाई मांग नहीं करेंगे- अभिषेक सिंघवी

अरविंद केजरीवाल की हाईकोर्ट से पीटीशन खारिज होने के बाद सुप्रीम कोर्ट में उनकी तरफ से केस की ई-फाइलिंग की गई। जिसकी अब तक मेंशनिंग नहीं हुई है। ऐसी जानकारी मिल रही है कि सुप्रीम कोर्ट के सामने यह मामला कर रखा जाएगा और पहले सुनवाई की अपील की जाएगी। केजरीवाल के मामले की कल सुप्रीम कोर्ट में मेंशनिंग हो सकती है।

इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय की दिल्ली के मुख्यमंत्री के घर पर छापेमारी के बीच उनके वकील ने बयान दिया है। वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी का कहना है कि अरविंद केजरीवाल आज रात सुप्रीम कोर्ट में सुरक्षा की याचिका पर तत्काल सुनवाई की मांग नहीं करेंगे।

 न्यायिक सदस्य एनजीटी के न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) सुधीर अग्रवाल के अनुसार

किसी सरकारी अधिकारी के जेल जाने की स्थिति में उसे निलंबित करने का कानून है, लेकिन राजनेताओं पर कानूनी तौर पर ऐसी कोई रोक नहीं है। फिर भी चूंकि दिल्ली पूर्ण राज्य नहीं है, ऐसे में अगर मुख्यमंत्री इस्तीफा नहीं देते हैं तो राष्ट्रपति दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लागू कर सकते हैं।

 

किन मामलों में मुख्यमंत्री को छूट नहीं

संविधान के अनुच्छेद 361 के तहत मुख्यमंत्री को सिविल मामलों में गिरफ्तारी और हिरासत से छूट मिली हुई है, लेकिन क्रिमिनल मामलों में मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी हो सकती है। ठीक यही नियम प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री, लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य, विधानसभा और विधान परिषद के सदस्यों के लिए भी हैं। हालांकि, राष्ट्रपति और राज्यपाल को पद पर रहते हुए कोई गिरफ्तार नहीं कर सकता है।

 

अनुच्छेद 361

अनुच्छेद 361 के तहत राष्ट्रपति या किसी भी राज्यपाल के खिलाफ उनके कार्यकाल के दौरान किसी भी कोर्ट में कोई क्रिमिनल कार्यवाही शुरू नहीं हो सकती है और न ही कोई कोर्ट हिरासत में लेने का आदेश दे सकती है।

 

गिरफ्तारी से पहले लेनी होगी अनुमति

कोड ऑफ सिविल प्रोसिजर 135 के तहत मुख्यमंत्री या विधान परिषद के सदस्य को सिविल मामलों में गिरफ्तारी से छूट दी गई है, लेकिन क्रिमिनल मामलों में ऐसा नहीं है। हालांकि, क्रिमिनल मामलों में गिरफ्तारी से पहले सदन के अध्यक्ष की मंजूरी लेनी होती है। जिसका मतलब साफ है कि विधानसभा अध्यक्ष की मंजूरी के बाद ही मुख्यमंत्री को गिरफ्तार किया जा सकता है।

 

कब-कब गिरफ्तार नहीं हो सकते मुख्यमंत्री

बता दें कि मुख्यमंत्री या विधान परिषद के सदस्य की गिरफ्तारी कब हो सकती है इसको लेकर भी बकायदा नियम बने हुए हैं। कोड ऑफ सिविल प्रोसिजर 135 के तहत विधानसभा सत्र शुरू होने से 40 दिन पहले और खत्म होने के 40 दिन बाद तक मुख्यमंत्री या विधान परिषद के सदस्य को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री को सदन से गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है।

 

राज्यसभा के पूर्व महासचिव योगेंद्र नारायण ने कहा,

 

केजरीवाल को ईडी ने गिरफ्तार किया है, ऐसे में यदि उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा जाता है तो यह सीधे तौर पर अदालत पर निर्भर होगा कि वह उन्हें मुख्यमंत्री पद के दायित्व का निर्वहन करने देती है या नहीं। इसे लेकर संवैधानिक नियम-कायदे जैसी कोई बात नहीं है। हालांकि, पूर्व में ऐसा कोई मामला ध्यान में नहीं आता, जबकि किसी प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री ने जेल में रहकर सरकार चलाई हो।

 

सनद रहे कि लालू प्रसाद यादव, दिवंगत जे जयललिता, बीएस येदियुरप्पा और हेमंत सोरेन की अलग-अलग मामलों में गिरफ्तारी हुई थी।

 

कौन-कौन हो चुका है गिरफ्तार

चारा घोटाला मामले में सीबीआई की चार्जशीट में लालू प्रसाद यादव का नाम सामने आया था, जिसके बाद उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया था और राबड़ी देवी मुख्यमंत्री बनी थी। इसके बाद ही लालू प्रसाद यादव की गिरफ्तारी हुई थी।

वहीं जयललिता ने आय से अधिक संपत्ति मामले में दोषी ठहराई गई थी जिसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और फिर उनकी गिरफ्तारी हुई थी। हालांकि, मामले की जांच जब तक चली थी वह मुख्यमंत्री पद पर बनी रही थीं।

ऐसा ही एक मामला साल 2011 में कर्नाटक से सामने आया, जब तत्कालीन मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को अवैध खनन मामले को लेकर लोकायुक्त की रिपोर्ट सामने आने के बाद इस्तीफा देना पड़ा था और कुछ वक्त बाद फिर उनकी गिरफ्तारी हुई थी।

आवास से काफी दूर पहले ही बैरिकेडिंग

आम आदमी पार्टी के किसी भी नेता को केजरीवाल के आवास तक जाने नहीं दिया जा रहा है। आवास से काफी दूर पहले ही पुलिस में बैरिकेडिंग लगा दिया है। बड़ी संख्या में लोग माहौल को देखने के लिए भी आ गए हैं जिससे भारी भीड़ लग गई है।

 

पहुंचे करीब 2000 सुरक्षाकर्मी

अरविंद केजरीवाल के घर पर ईडी की छापेमारी के बीच करीब 2000 से अधिक दिल्ली पुलिस और अर्द्ध सैनिक बलों के जवान यहां पहुंच गए हैं। आम आदमी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं का भी यहां पहुंचना शुरू हो गया है। आप कार्यकर्ताओं ने भाजपा विरोधी नारे लगाना शुरू कर दिया है।

 

आप के कुछ विधायकों को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिया

सीएम आवास के पास सड़क पर बैठकर विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों को पुलिस ने डीटेन करना शुरू किया। आम आदमी पार्टी के विधायक जरनैल सिंह, हाजी युनूस और ऋतुराज को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिया, बसों में बैठाकर थाने भेजा।


अरविंद केजरीवाल का फोन जब्त

ईडी ने अरविंद केजरीवाल का मोबाइल फोन जब्त कर लिया है। मुख्यमंत्री के घर पहुंचे दिल्ली विधान सभा स्पीकर राम निवास गोयल ने कहा कि मनीष सिसौदिया को गिरफ्तार किया गया था लेकिन कुछ पता नहीं चला। अब तक 600 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। वे चुनाव से पहले अरविंद केजरीवाल की आवाज को दबाना चाहते हैं और इसलिए उन्हें गिरफ्तार करना चाहते हैं। उधर मुख्यमंत्री आवास के बाहर आप कार्यकर्ताओं ने विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया।

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