दुनिया का कोई भी हिस्सा हो, एक जमात ऐसी है जिसकी फितरत कहीं भी कभी भी नहीं बदलती। उपद्रव, अराजकता, कट्टरता, बर्बरता, धार्मिक उग्रता, हिंसा, मारकाट यही उनकी पहचान है।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बांग्लादेश के दौरे पर हैं। दोनों देशों की सरकारें आपसी रिश्तों को, आमजन के संबंधों को मधुर करने में लगी हैं। लेकिन धार्मिक आंधता का पट्टा चढ़ाए मुस्लिम कट्टरपंथी ने बांग्लादेश में हिंसा का नंगानाच शुरु कर दिया है।
मुस्लिम कट्टरपंथियों ने हिंदू मंदिरों सहित पूर्वी बांग्लादेश में एक ट्रेन पर हमला कर दिया। हिंसा की विभिन्न घटनाओं में लगभग दो दर्जन लोग घायल हुए हैं। ब्राह्माणबरिया से मिल रही जानकारी के अनुसार पूरा जिला जल रहा है। विभिन्न सरकारी आफिसों को आग के हवाले करने के साथ ही उपद्रवियों ने प्रेस क्लब तक को नहीं बख्शा है। कई हिंदू मंदिरों पर भी हमला किया गया है। कट्टरपंथियों ने देश के पश्चिमी जिले राजशाही में भी दो बसों को आग के हवाले कर दिया।
रविवार को हिफाजत-ए-इस्लाम नामक संगठन से जुड़े कट्टरपंथियों ने पूर्वी जिले ब्राह्माणबरिया में एक ट्रेन पर हमला कर दिया। इसमें दस लोग घायल हुए हैं। एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक हमलावरों ने ट्रेन पर हमला कर इंजन रूम सहित सभी कोच को क्षतिग्रस्त कर दिए।
ढाका के नजदीक नारायणगंज में प्रदर्शनकारियों ने लकड़ी और रेत के जरिये रास्ता रोकने की कोशिश की तो जवाब में पुलिस ने रबर की गोली और आसूं गैस के गोले दागे। जिसमें एक दर्जन लोग जख्मी हुए हैं। हिफाजत-ए-इस्लाम के नेता अजीजुल हक शनिवार को चटंगाव में आयोजित एक रैली में कहा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस ने गोलियां चलाई है। हम अपने भाइयों का खून व्यर्थ नहीं जाने देंगे।
विरोध-प्रदर्शनों पर पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई में अब तक 10 कट्टरपंथियों की मौत हो चुकी है।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बांग्लादेश की 50वीं वर्षगांठ पर आयोजित समारोह में हिस्सा लेने शुक्रवार को ढाका पहुंचे थे। वह सद्भावना के तौर पर अपने साथ 12 लाख कोरोना वैक्सीन भी ले गए थे, लेकिन कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन उनकी यात्रा का विरोध कर रहे थे।
टीम स्टेट टुडे
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