लखनऊ, 29 मई 2022 : लोकसभा चुनाव 2019 में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन कर दस सीट जीतने वाली बहुजन समाज पार्टी लोकसभा की दो सीट पर होने वाले उप चुनाव में एक पर अपना प्रत्याशी उतार रही है। लखनऊ में बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने बसपा के जिलाध्यक्षों के साथ बैठक के बाद उप चुनाव में आजमगढ़ में प्रत्याशी उतारने का फैसला किया है। बसपा ने रामपुर लोकसभा उप चुनाव ना लड़नेका भी निर्णय लिया है। रामपुर और आजमगढ़ सीटों के लिए उपचुनाव 23 जून को होंगे। रामपुर की सीट आजम खां तथा आजमगढ़ की सीट अखिलेश यादव के लोकसभा के इस्तीफा देने के बाद से खाली है।
बसपा मुखिया मायावती ने रामपुर में 23 जून को होने वाले लोकसभा उप चुनाव में अपना प्रत्याशी ना उतारने की घोषणा की है। माना जा रहा है मायावती ने अखिलेश यादव से नाराज चल रहे आजम खां के प्रत्याशी को समर्थन देने का मन बना लिया है। मायावती रामपुर लोकसभा उपचुनाव में अपना प्रत्याशी नहीं उतारेंगी। उनका कहना है कि इस सीट को अभी और मजबूत करने की जरूरत है, जिससे 2024 में आम चुनाव लड़ा जा सके। पार्टी यहां पर किसी को समर्थन नहीं देगी। बहुजन समाज पार्टी आजमगढ़ में अपना प्रत्याशी उतारेगी। यहां से पार्टी ने पूर्व प्रत्याशी शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली को उम्मीदवार घोषित किया है। बसपा मुखिया मायावती ने आजमगढ़ मंडल के कोऑर्डिनेटर को लोकसभा के उपचुनाव में हर तरीके से लग जाने और कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर लोकसभा जीतने पर फोकस करने का निर्देश दिया है।
मायावती ने बीते वर्ष शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली को बसपा विधायक दल का नेता बनाया था, लेकिन विधानसभा चुनाव 2022 से पहले गुड्डू जमाली को बसपा मुखिया ने पार्टी से बाहर कर दिया। इसके बाद गुड्डू जमाली ने अखिलेश यादव से हाथ मिलाया। उनको भरोसा था कि उनको आजमगढ़ के मुबारकपुर से समाजवादी पार्टी से टिकट मिलेगा। सपा ने अखिलेश यादव को प्रत्याशी घोषित किया तो शाह आलम ने असद्दुदीनओवैसी की पार्टी एआइएमआइएम से चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए।
बहुजन समाज पार्टी की लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर लखनऊ में एक अहम बैठक में प्रदेश स्तरीय सभी कमेटियों के पदाधिकारी मौजूद रहे। मायावती ने बैठक में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि अभी से मिशन 2024 के चुनाव में हम सभी को लगना है। उन्होंने कहा कि हमारे पास लोकसभा की अभी दस सीट हैं। अब हमको इनकी संख्या को दोगुना करना है। उन्होंने कहा कि संगठन के कार्यकर्ताओं को बूथ स्तर पर बाबा साहेब व कांशीराम के बताए गए सिद्धांतों पर कार्य करने के लिए जोडऩे का कार्य करना है।
मायावती ने कहा कि बसपा सीमित संसाधनों वाली पार्टी है और वह उन पार्टियों से लड़ रही है जो पूंजीपतियों के समर्थन से चलाई जाती हैं। हमें छोटी कैडर आधारित बैठक कर पार्टी को मजबूत बनाना है। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव 2022 में हमें इतने खराब परिणाम की उम्मीद नहीं थी।
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