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तो क्या वाट्सएप (whatsapp) बंद हो जाएगा भारत में!

Writer's picture: statetodaytvstatetodaytv


समय के साथ सबको बदलना पड़ता है कभी जरुरत के मुताबिक कभी मजबूरी में। वाट्सएप के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ है। वाट्सएप की नई पालिसी को लेकर यूजर्स के बीच कन्फ्यूज़न बना ही हुआ है कि अब केंद्र सरकार की नई सख्त गाइडलाइंस ने इस एप की मुसीबत बढ़ा दी है।


दरअसल केंद्र सरकार की नई गाइडलाइंस के मुताबिक सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स को पूछे जाने पर सरकार या अदालत को ये बताना होगा कि किसी मैसेज का ओरिजन क्या है यानी उसकी शुरुआत किसने की।


WhatsApp यहीं फंस गया है। दरअसल वाट्सएप एंड टु एंड एन्क्रिप्शन की वजह से ये नहीं पता लगा सकता मैसेज किसने और कहां से किया है। इससे पहले भी सरकार की तरफ से ऐसी मांग की गई थी। लेकिन इस बार ये मांग नहीं, बल्कि गाइडलाइन है. अगर वाट्सएप इस गाइडलाइन को फॉलो करने से मना कर देता है तो भारत में इसका इस्तेमाल रुक जाएगा। हो सकता है सरकार इस पर प्रतिबंध लगा दे।


पहले भी सरकार दे चुकी है निर्देश


वाट्सएप पर वायरल होने वाले मैसेज बड़ा सिरदर्द हमेशा से रहे हैं। 256 लोगों को एक साथ मैसेज फारवर्ड करने की सुविधा अब एक बार में पांच लोगों तक सीमित हो चुकी है। सिर्फ ब्राडकॉस्ट आप्शन के जरिए अधिकतम 256 लोगों को एक बार में संदेश दिया जा सकता है। ग्रुप क्रिएट करने पर भी अधिकतम सीमा लागू है।


सरकार की पूर्व की आपत्तियों पर वाट्सएप ने जवाब देते हुए सरकार को अपनी तकनीक के बारे में सूचना दी थी। जिसमें कहा गया था कि एंड टु एंड एन्क्रिप्शन की वजह से नहीं मुमकिन नहीं है कि मैसेज का ऑरिजनेटर कौन है।


दरअसल सरकार ने WhatsApp एक ऐसा टूल बनाने को कहा था जो ये पता लगाए की ऑरिजिनेटर कौन है। मैसेज कहां से जेनेरेट किया गया। तब WhatsApp ने कहा था कि ऐसा करना संभव नहीं है। अगर ऐसा किया जाए तो WhatsApp का सोल खत्म हो जाएगा और जो वॉट्सऐप की खासियत है वो रहेगी ही नहीं। वॉट्सऐप ने ये भी कहा था कि अगर ऐसा किया गया तो ये WhatsApp यूजर्स की प्राइवेसी के साथ खिलवाड़ होगा। हांलाकि यूजर्स की प्राइवेसी का तो सिर्फ बहाना है क्योंकि अन्य प्लेटफार्म्स पर इस तरह की जानकारी के साथ ही प्रवेश मिलता है।


क्या है एंड टु एंड एनक्रिप्शन


एंड टु एंड एन्क्रिप्शन के बारे में साधारण शब्दों में बताएं तो ये एक एन्क्रिप्शन मेजर है जिसकी वजह से सेंडर और रिसीवर के अलावा कोई भी तीसरा शख्स या एजेंसी मैसेज नहीं देख सकते हैं। एंड टु एंड एन्क्रिप्शन में मैसेज के ऑरिजन को ट्रेस कर पाना भी मुमकिन नहीं होता है।


हांलाकि भारत या अमेरिका समेत दुनिया के कई देशों में सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स का इस्तेमाल जिस तरह नकारात्मक कारणों में हुआ है उसके बाद देश की सुरक्षा को लेकर इस तरह के प्लेटफार्म्स पर हो रही गतिविधियों को लेकर पूरी दुनिया में सरकारों ने नए नियम और प्रतिबंध लागू किए हैं।


टीम स्टेट टुडे


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1 comentario


Miembro desconocido
25 feb 2021

वॉट्सएप् हो या कोई भी और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, देश की सुरक्षा से खिलवाड़ की इज़ाजत किसी को भी किसी भी रूप में नही दी जा सकती। कोई न कोई अंकुश सब पर जरूरी है।

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