देश के राष्ट्रपति का चुनाव हो या किसी राज्य के मुख्यमंत्री का चयन। मोदी-शाह के फैसलों पर देश की जनता का चौंकना अब आदत बन चुका है। उत्तराखंड, कर्नाटक के बाद जब गुजरात में रुपाणी का इस्तीफा हुआ तो कई नाम चर्चा में आए परंतु जो शख्स सीएम की कुर्सी पर बैठेगा उसके नाम की चर्चा तक नहीं थी।
हालांकि सिर्फ मोदी-शाह की जोड़ी ही नहीं भारतीय जनता पार्टी में ये परंपरा रही है कि जिसका नाम चलता है वो कुर्सी पर नहीं बैठता और जो कुर्सी पर बैठता हो वो बैठने से पहले लगभग गुमनाम सा रहता है।
गुजरात के नए मुख्यमंत्री भूपेंद्रभाई रजनीकांत पटेल होंगें। भाजपा विधायक दल की बैठक में उनके नाम को लेकर सहमति बनी, जिसके बाद पार्टी पर्यवेक्षक नरेंद्र सिंह तोमर ने अगले सीएम के तौर पर उनके नाम की घोषणा की। 59 साल के भूपेंद्र पटेल अहमदाबाद की घाटलोदिया सीट से विधायक हैं। वे 2017 में पहली बार विधायक बने थे। उनसे पहले इसी सीट से पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने भी चुनाव जीता था। पटेल कडवा पाटीदार समुदाय का प्रतिनधित्व करते हैं।
भूपेंद्र पटेल के नाम पर शीर्ष नेतृत्व के बीच पहले से ही चर्चा चल रही थी। सूत्र बता रहे हैं कि उनके नाम को उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने सुझाया था। आनंदीबेन पटेल का भूपेंद्र पटेल पर वरदहस्त बताया जा रहा है। वैसे भूपेंद्र पटेल के नाम पर आखिरी फैसला विधायक दल की बैठक में ही हुआ। पार्टी के किसी सदस्य को उनके सीएम बनने की ठीक जानकारी नहीं थी।
भूपेंद्र पटेल सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुके हैं। राजनीति में पूरी तरह एंट्री से पहले वे अहमदाबाद शहरी विकास प्राधिकरण (एयूडीए) के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। बताया जाता है कि गुजरात की मुख्यमंत्री रहते हुए आनंदीबेन पटेल ने खुद उनका समर्थन किया था। बाद में जब आनंदीबेन पटेल को मुख्यमंत्री पद से हटाया गया, तो उन्होंने अपनी सीट से भूपेंद्र पटेल को चुनाव लड़ाने का समर्थन भी किया था। इतना ही नहीं जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री रहे थे, तब 1999-2001 के बीच पटेल अहमदाबाद नगरपालिका की स्टैंडिंग कमेट के अध्यक्ष रहे, जबकि 2008-10 के बीच वे अहमदाबाद नगरपालिका स्कूल बोर्ड के उपाध्यक्ष रहे। 2010 से 2015 के दौरान वे अहमदाबाद के ही थालतेज वार्ड से पार्षद भी रह चुके हैं।
भूपेंद्र पटेल ने 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के शशिकांत पटेल को हराया था। इसे लेकर रोचक किस्सा यह है कि 2017 के विधानसभा चुनाव में राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने चुनाव लड़ने से मना कर दिया था। इसके बाद आनंदीबेन के कहने पर ही उन्हें टिकट दिया गया था। पटेल ने यह चुनाव एक लाख 17 हजार से ज्यादा मतों से जीता था।
टीम स्टेट टुडे
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