चुनाव है तो घोषणा होनी ही है। फिलहाल बिहार में बीजेपी ने अपनी घोषणाओं का पिटारा जनता के सामने खोल दिया है। कोरोनाकाल में दोनों हाथों से जनता की मदद का दम भरने वाली बीजेपी ने जिस तरह घोषणा पत्र में कोरोना का टीका मुफ्त में लगाने का वादा किया है वो हैरान करने वाला है। एक तरफ केंद्र और बीजेपी शासित राज्य सरकारों ने कोरोना के इलाज में जिस तरह लोगों की चिंता की उसके बाद मुफ्त टीके की बात कह कर बीजेपी विरोधियों के निशाने पर भी आ गई है।
सिर्फ इतना ही नहीं महज दो दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोनाकाल में देश को संबोधित करते हुए एक एक व्यक्ति तक कोरोना की वैक्सीन पहुंचाने का वादा किया था।
बीजेपी ने बिहार की सत्ता में वापसी पर 19 लाख लोगों को रोजगार देने का भी वादा किया है। जिसमें चार लाख लोगों के लिए सरकारी नौकरियां और 15 लाख लोगों के लिए रोजी-रोजगार का इंतजाम शामिल है।
अपने सूत्र वाक्य 'भाजपा है तो भरोसा है' पर काम करने की प्रतिबद्धता जताते हुए पार्टी ने गुरुवार को अपना घोषणा-पत्र जारी कर दिया। इसे संकल्प-पत्र का नाम दिया गया है। इसमें एक लक्ष्य, पांच सूत्र और 11 संकल्प को साकार करने की वचनबद्धता है।
निर्मला सीतारमण ने जारी किया घोषणा पत्र
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पटना में संकल्प पत्र जारी करते हुए कहा कि कि 2020 से 2025 यानी शासन के पांच वर्षो में 'आत्मनिर्भर बिहार' बनाने का लक्ष्य है। निर्मला सीतारमण ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत मेडिकल और इंजीनियरिंग आदि की पढ़ाई हिंदी में भी होगी।
बीजपी का एक लक्ष्य: आत्मनिर्भर बिहार
पांच सूत्र
1. शिक्षित बिहार
2. उद्योग आधार, सबल समाज
3. सशक्त कृषि, समृद्ध किसान
4. स्वस्थ समाज
5. गांव-शहर सबका विकास
बिहार के लिए बीजेप के 11 संकल्प
1. आइसीएमआर द्वारा कोरोना के टीका को स्वीकृत मिलने के बाद प्रत्येक बिहारवासी का मुफ्त में टीका लगाया जाएगा।
2. मेडिकल-इंजीनियरिंग समेत सभी तकनीकी पाठ्यक्रम की पढ़ाई हिंदी में होगी।
3. अगले एक वर्ष में तीन लाख शिक्षकों की नियुक्ति होगी।
4. अगले पांच वर्षो में पांच लाख लोगों को आइटी हब विकसित कर रोजगार का अवसर उपलब्ध कराया जाएगा।
5. बिहार में 10 लाख समूहों के जरिये 50 हजार करोड़ रुपये के सूक्ष्म वित्तीय सहायता से एक करोड़ महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया जाएगा।
6. दस हजार चिकित्सक और 50 हजार पैरा-मेडिकल कर्मियों समेत एक लाख लोगों को स्वास्थ्य विभाग में नौकरी। 2024 तक दरभंगा में एम्स के निर्माण का वादा।
7. धान, गेहूं के बाद अब दलहन की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की तय दरों पर होगी।
8. 2022 तक 30 लाख लोगों को पक्के मकान देने का वादा।
9. दो वर्षो के अंदर 15 नए निजी और कांफेड आधारित खाद्य प्रसंस्करण उद्योग लगाने का वादा।
10. मीठे पानी में पलने वाली मछलियों के उत्पादन से दो वर्षो में मछली उत्पादक राज्यों में बिहार को पहले स्थान पर लाना।
11. एक हजार नए किसान उत्पाद संघों की बेहतर आपूर्ति चेन बनाना। इससे 10 लाख रोजगार पैदा होंगे। इसमें मुख्य रूप से मक्का, फल, सब्जी, चूड़ा, मखाना, पान, मसाला, शहद, मेंथा, औषधीय पौधों के उत्पादन को बढ़ावा दिया जाएगा।
बीजेपी ने अपने संकल्प पत्र में जैसे ही कोरोना के मुफ्त टीके का ऐलान किया विपक्ष ने पार्टी को निशाने पर ले लिया।
बीजेपी के वादे पर कई लोग उठा रहे हैं सवाल
वायनाड के सांसद राहुल गांधी ने ट्वीट किया, "भारत सरकार ने कोविड वैक्सीन वितरण की घोषणा कर दी है। ये जानने के लिए कि वैक्सीन और झूठे वादे आपको कब मिलेंगे, कृपया अपने राज्य के चुनाव की तारीख देखें।
बीजेपी के इस वादे पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर ने भी तीखी टिप्पणी की। थरूर ने सुभाष चंद्र बोस के प्रसिद्ध नारे की तर्ज पर अपने ट्वीट में लिखा, "तुम मुझे वोट दो मैं तुम्हें वैक्सीन..." थरूर ने आगे लिखा, "कैसी डर पैदा करने वाली कुटिलता है! क्या इलेक्शन कमीशन इनको और इनकी बेशर्म सरकार को टोकेगा।
आरजेडी ने गुरुवार को ट्वीट करके कहा, 'कोरोना का टीका देश का है, भाजपा का नहीं! टीका का राजनीतिक इस्तेमाल दिखाता है कि इनके पास बीमारी और मौत का भय बेचने के अलावा कोई विकल्प नहीं है! बिहारी स्वाभिमानी हैं, चंद पैसों में अपने बच्चों का भविष्य नहीं बेचते!
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि क्या बीजेपी पार्टी के खजाने से इन टीकों का भुगतान करेगी? यदि यह सरकारी खजाने से आ रहा है तो बिहार को मुफ्त टीके कैसे मिल सकते हैं, जबकि देश के बाकी हिस्सों में भुगतान करना पड़ेगा? यह लोकलुभावन वादा गलत है, क्योंकि कोरोना के समय यह भेदभाव करता है।
बीजेपी के इस वादे पर मचे घमासान के बीच बीजेपी के बिहार प्रभारी और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव भूपेंद्र यादव ने अपनी पार्टी का पक्ष रखा। बीजेपी सांसद भूपेंद्र यादव ने स्पष्ट किया कि वैक्सीन पर केंद्र सरकार कोई न्यूनतम मूल्य तय करती है तो हमने बिहार के लिए सिर्फ यह कहा है कि अगर बिहार में सरकार बनती है तो हम उसे राज्य में मुफ्त में सभी लोगों को दिलवाएंगे ।
टीम स्टेट टुडे
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