योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने उत्तर प्रदेश के गांवों का विकास करने के लिए योजनाओं की झड़ी लगा दी है। एक के बाद एक विकास कार्यों के क्रम में अब ग्रामीण जनता को प्रमाण पत्रों के लिए भटकना नहीं पड़ेगा।
योगी सरकार ने पहली बार हर ग्राम पंचायत में दो जन सेवा केंद्र स्थापित करने का निर्णय लिया है। इससे गांवों में रहने वालों को आय, जाति, निवास प्रमाणपत्र बनवाने के लिए अब दूर नहीं जाना होगा। ग्रामीण जनता को अपनी ग्राम पंचायत में स्थापित जन सेवा केंद्र से ही सारी सुविधाएं मिल सकेंगी। आवेदन के बाद यहां आसानी से उनके प्रमाणपत्र बन जाएंगे। इसके साथ ही डिजिटल पेमेंट की सुविधा भी होगी। सभी सरकारी योजनाओं का लाभ भी जनसेवा केंद्रों पर तत्काल मिलेगा।
16 नवंबर 2020 से शुरू की गई सीएससी 3.0 योजना से अब तक प्रदेश में एक लाख 52 हजार 830 जन सेवा केंद्र स्थापित हो चुके हैं। इन केंद्रों को डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए भीम एप से जोड़ा गया है। आय, जाति, निवास प्रमाणपत्र आदि का शुल्क प्रति आवेदन 30 रुपये निर्धारित है।
जन सेवा केंद्र संचालकों को पहले की तुलना में अब प्रति आवेदन मिलने वाले शुल्क में भी बढ़ोतरी हुई है। यही नहीं कोविड-19 के दौरान सरकार की ओर से की गई शुरुआत का लाभ गांव के लोगों को मिला है। ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल से जुड़े केंद्रों पर 59 हजार 639 लोग कोविड टीकाकरण के लिए रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं।
योगी सरकार ने ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल के माध्यम से 36 विभागों की 267 शासकीय सेवाओं को जनसुविधा केंद्रों व इंटरनेट से जोड़ा है। इस सुविधा से सरकार की योजनाओं का 24.50 करोड़ लोग लाभ उठा चुके हैं। डिजिटल लॉकर योजना के तहत प्रदेश में 30.84 लाख से अधिक डिजिटल लाकर खोले जा चुके हैं।
टीम स्टेट टुडे
Good Yogi ji