उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने अखिलेश को आड़े हाथों लिया है। अखिलेश यादव ने हरदोई में भारत के दो टुकड़े करवाने वाले जिन्ना की तारीफ में ना सिर्फ कसीदे पढ़े बल्कि सरदार पटेल को अपमानित भी कर डाला।
देश के महापुरुषों को सदैव सम्मान देने और राष्ट्रहित से कोई समझौता ना करने वाली बीएसपी प्रमुख मायावती ने अखिलेश पर तीखा प्रहार किया है। मायावती ने अखिलेश के बयान को सपा-भाजपा की मिलीभगत बताया है।
बीएसपी मुखिय ने ट्वीट कर कहा कि सपा मुखिया अखिलेश यादव का जिन्ना को लेकर दिया गया बयान और उसे लपक कर भाजपा की प्रतिक्रिया यह इन दोनों पार्टियों की अंदरूनी मिलीभगत और इनकी सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है। ताकि यूपी विधानसभा आमचुनाव में माहौल को किसी भी प्रकार से हिंदू-मुस्लिम करके खराब किया जाए।
उन्होंने कहा कि सपा और भाजपा की राजनीति एक-दूसरे के पोषक व पूरक रही है। इन दोनों पार्टियों की सोच जातिवादी और सांप्रदायिक होने के कारण इनका आस्तित्व एक-दूसरे पर आधारित रहा है। इसी कारण सपा जब सत्ता में होती है तो भाजपा मजबूत होती है, जबकि बीएसपी जब सत्ता में रहती है तो भाजपा कमजोर होती है।
आपको याद दिला दें कि बीएसपी प्रमुख मायावती ने 31 अक्टूबर को सरदार पटेल की जयंती पर ट्वीट कर उन्हें याद करते हुए राष्ट्र की एकता और अखंडता को बनाए रखने का संदेश जन-जन को दिया था।
टीम स्टेट टुडे
Comments