जब हम किसी संत का जन्मदिवस मनाते हैं तो वह क्षण हमारे अनगिनत पाप कर्मों से मुक्ति का साधन बनता है। आध्यात्मिक गुरु देवेंद्र मोहन भैयाजी के इतना कहते ही “स्वामी जी महाराज की जय” के गगनभेदी जयकारों से गुंजायमान हो उठा।
ब्रह्मलीन परमसंत स्वामी दिव्यानंद महाराज जी के 92वां जन्मोत्सव बरेली के भोजीपुरा स्थित स्वामी दिव्यानंद नगर आश्रम में धूमधाम से मनाया गया। स्वामी जी के आध्यात्मिक उत्तराधिकारी देवेंद्र मोहन भैयाजी के सानिध्य में 17 और 18 सितंबर को विशेष जन्मोत्सव सत्संग एवं भंडारे का आयोजन किया गया।
गुरु महिमा का वर्णन करते हुए देवेंद्र मोहन भैयाजी ने कहा कि धरती पर जितने भी संत हुए हैं उनके जन्मदिन का महत्व समझना जरुरी है। जब एक संत धरती पर आता है तो उसका लक्ष्य मानव कल्याण होता है। संत ही हमें इस संसार की सच्चाई को समझने का मार्ग बताते हैं।
हम पूरी जिंदगी दुनिया के जिन भोगों के पीछे दौड़ते रहते हैं वो कुछ काम नहीं आते, परंतु ये बहुत देर में समझ आता है जो दुःख की बात है। संत हमें ऐसा मार्ग बताते हैं जो इस लोक से परलोक तक मनुष्य का परमात्मा से योग कराते हैं। भक्तिमार्ग का रास्ता बहुत बारीक है। संत हमें आसानी से सेवा सिमरन एवम् सत्संग द्वारा इस मार्ग पर चलना सिखाते हैं। संत का सत्संग हमें अपने मन को जीतना सिखाता है।
भैयाजी ने कहा कि मान – सम्मान हो या तिरस्कार कुछ भी शाश्वत नहीं हैं। समय के साथ सबकुछ बदलता है।
कभी कभी एक अच्छे इंसान के भी कुछ ऐसे कर्म उदय हो जाते हैं जिससे वो गलत मार्ग पर चल पड़ता है। कुछ भी अच्छे या बुरे से आगे जब जैसे कर्मों का उदय होते है तब मनुष्य वैसे ही प्रतिक्रियाएं करता है।
संत हमें हर परिस्थिति को स्वीकार करना सिखाते हैं। वो कहते है चाहे जैसी भी परिस्थिति हो हमें उसे स्वीकार करना चाहिए। विषम परिस्थितियों में शिष्य को संभालना और उबारना ही गुरु का काम है। गुरु हमें जीवन का बड़ा स्वरूप समझाते हैं। सुख-दुख में जो गुरु की शरण में है उसे परिस्थितियां विचलित नहीं कर सकतीं। जिसका मन गुरु से जुड़ा है उसे भटकाव नहीं होता।
भैया जी ने हजारों सत्संगियों से कहा कि हमारा गुरु समर्थ है।
वो जानता है कि हमारे लिये क्या अच्छा है क्या बुरा है, वो इस चीज़ का ख़्याल रखता है। हमने जिस दिन गुरु से नामदान लिया वो उसी दिन से हमें हमारे अच्छे के लिये कार्य करना शुरू कर देता है।
स्वामी दिव्यानंद महाराज जी के जन्मदिवस उत्सव में भारत के अलग अलग राज्यों से बीस हजार से ज्यादा सत्सगीं शामिल हुए। इस अवसर पर रजनी केयर फाउंडेशन की ओर से निशुल्क स्वास्थ्य शिविर का भी आयोजन किया गया।
दो दिन तक चले उत्सव में शामिल संगत ने ध्यान, योग, सत्संग के साथ-साथ भंडारे का भी आनंद लिया। सभी सेवादारों ने आध्यात्मिक गुरु देवेंद्र मोहन भैयाजी के सानिध्य में रहकर सेवाकार्यों में बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया।
इस अवसर पर पूर्व सांसद धर्मेंद्र कश्यप, विधायक बोहरान लाल मौर्य, ब्लॉक प्रमुख योगेश कुमार पटेल भी विशेष रुप से उपस्थिति रहे।
जन्मदिवस भंडारे को सफल बनाने में सेवादार मोहन स्वरूप, शंकर लाल, रोशन लाल, वेद प्रकाश गुप्ता, महेश भाई और उनकी लंगर टीम का विशेष योगदान रहा।
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