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केजीएमयू में बनेगा सेंटर आफ एक्सीलेंस, फेफड़े का प्रत्यारोपण होगा आसान

chandrapratapsingh

लखनऊ, 16 जुलाई 2023 : स्वास्थ्य के नजरिए से प्रदेश के लिए अच्छी खबर है। केजीएमयू में प्रदेश का पहला लंग ट्रांसप्लांट सेंटर बनेगा। इससे सूबे के गंभीर मरीजों को फेफड़ा प्रत्यारोपण के लिए हैदराबाद नहीं जाना पड़ेगा। दरअसल, मौजूदा समय में सिर्फ हैदराबाद में ही फेफड़े के प्रत्यारोपण की सुविधा है।

खास बात यह है कि सरकारी संस्थान में शुरू होने से इसके इलाज में भी ज्यादा पैसा खर्च नहीं होगा। केजीएमयू के विस्तार के बाद यह संभव हो पा रहा है। इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है। ट्रामा सेंटर के सामने शिक्षा विभाग की जमीन पर केजीएमयू का विस्तार होगा। इस जमीन पर चार मंजिला टावर बनेगा। दो मंजिल पर सेंटर आफ एक्सीलेंस के विभाग स्थापित किए जाएंगे। इसमें नए विभाग खोलने की तैयारी है। यहां जन्मजात बीमारी से पीड़ित मरीजों को उच्चस्तरीय इलाज मिलेगा।

मौजूदा समय में विश्वविद्यालय के रेस्पीरेटरी मेडिसिन, पल्मोनरी एंड क्रिटिकल केयर यूनिट में फेफड़े की बीमारी का इलाज मुहैया कराया जा रहा है। ट्रांसप्लांट की सुविधा शुरू होने से केजीएमयू देशभर में जाना जाएगा। चार मंजिला टावर में एक तल पर मेडिसिन विभाग और एक पर जनरल सर्जरी विभाग के मरीजों को इलाज मिलेगा। यह माड्युलर आपरेशन थिएटर, पोस्ट आपरेशन थिएटर और आइसीयू से लैस होगा। केजीएमयू के कुलपति डा. बिपिन पुरी के मुताबिक, भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया पूरी होते ही निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा।

चार हास्टल भी बनेंगे

डा. बिपिन पुरी ने बताया कि विश्वविद्यालय में प्रदेशभर के मरीज आते हैं। इसके विस्तार के लिए लंबे समय से जमीन की तलाश थी। अच्छी बात यह है कि हमें मेडिकल कालेज के ठीक बगल जमीन मिल गई। उन्होंने सेंटर आफ एक्सीलेंस के अलावा यहां हास्टल भी बनाने पर विचार किया जा रहा है। ये हास्टल एमबीबीएस, बीडीएस, नर्सिंग व पैरामेडिकल छात्राओं के लिए होगा। वर्तमान में केजीएमयू 4500 बेड छह से सात हजार रोजाना ओपीडी 500 नियमित डाक्टर 950 करोड़ का वार्षिक बजट

मैं अपने लक्ष्य के करीब हूं। केजीएमयू के विस्तार की वजह से ही लंग ट्रांसप्लांट सेंटर बनाने का सपना सच होने जा रहा है। यह उत्तर भारत का पहला सरकारी संस्थान होगा, जहां फेफड़ा प्रत्यारोपण की सुविधा मिलेगी। शिक्षा विभाग की जमीन मिलने से यह संभव हो पाया है। इसका खाका तैयार कर लिया गया है। अगले दो साल में यहां लंग ट्रांसप्लांट सेंटर की सुविधा मिलेगी।

लेफ्टिनेंट जनरल डा. बिपिन पुरी, कुलपति, केजीएमयू

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