
वाराणसी, 8 मई 2022 : श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर से सटे ज्ञानवापी परिसर की एडवोकेट कमिश्नर की निगरानी में सर्वे तथा वीडियोग्राफी के मुस्लिम पक्ष के विरोध को केन्द्रीय आवासन एवं शहरी कार्य राज्यमंत्री कौशल किशोर ने उचित नहीं माना है। वाराणसी में शनिवार को श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन-पूजन के बाद बाहर निकले मंत्री कौशल किशोर ने कहा कि किसी की भी यहां के ज्ञानवापी प्रांगण का सर्वे का विरोध करना ठीक नहीं है।
मंत्री कौशल किशोर ने कहा कि ज्ञानवापी परिसर का सर्वे कराया ही इसलिए जा रहा है कि सच सामने आ जाए। सर्वे करने वाली टीम के अंदर नहीं घुस देने के प्रश्न पर कहा कि कोर्ट का जो आदेश है उसका पालन करना ही होगा। किसी के रोकने से सर्वे नहीं रुकेगा। अदालत का जो निर्णय है उसे सबको मानना चाहिए और शांति से सर्वे होने देना चाहिए। लखनऊ के मोहनलालगंज से सांसद कौशल किशोर ने कहा कि कोर्ट के निर्देश पर ज्ञानवापी का सर्वे कराया जा रहा है। इसका किसी को भी विरोध नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सच को दिखाने या फिर उसकी वीडियोग्राफी पर किसी को भी आपत्ति नहीं होनी चाहिए। मुस्मिल पक्ष के ज्ञानवापी के सर्वे में लगे एडवोकेट कमिशनर को बदलने की मांग पर कौशल किशोर ने कहा कि मांग तो कोई भी कर सकती है, लेकिन जब कोर्ट ने निर्णय कर दिया है कि ज्ञानवापी का सर्वे होना चाहिए तो किसी को भी सर्वे से डरने की क्या जरूरत है। सच तो सामने आने ही चाहिए। मुस्लिम पक्ष के ज्ञानवापी के अंदर का सर्वे तथा वीडियोग्राफी का विरोध नहीं होना चाहिए। कौशल किशोर ने कहा कि ज्ञानवापी का सर्वे होने के बाद सच सामने आएगा। उन्होंने कहा कि आप भी जानते हैं कि ज्ञानवापी का मतलब क्या होता है।
केन्द्रीय मंत्री नेकहा कि ज्ञानवापीमस्जिद परिसर के अंदरका सर्वे जरूरहोना चाहिए। इसकाकोर्ट ने भीआदेश दिया है।सर्वे पर किसीको उस परशक नहीं करनाचाहिए। उन्होंने कहा किजब कोर्ट केनिर्देश पर सर्वेतथा वीडियोग्राफी होरही है तोतो यह सबपरिसर में क्योंनहीं होगा। उन्होंनेकहा कि वैसेभी ज्ञानवापी शब्दकोई उर्दू काशब्द नहीं है।अब कोर्ट केसर्वे के बादसब तय होजाएगा। यह मंदिरहै या मस्जिदके फैसला अदालतकरेगी। एआइएमआइएम के प्रमुखअसदुद्दीन ओवैसी के ज्ञानवापीके सर्वे कोकानून का उल्लंघनकरने वाला बतानेपर मंत्री कौशलकिशोर ने कहाकि कोर्ट नेजो आदेश दियाहै, उसका अनुपालनजरूरी है। अगरओवैसी को लगताहै कि कोर्टका आदेश ठीकनहीं है तोवह दूसरी अदालतमें जा सकतेहैं।
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