लखनऊ, 17 मई 2023 : मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के मेंबर प्रसिद्ध वरिष्ठ अधिवक्ता जफरयाब जिलानी का निशात अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया। बता दें कि वो बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के अध्यक्ष व यूपी के अपर महाधिवक्ता रह चुके थे।
बता दें कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआइएमपीएलबी) के सचिव जफरयाब जिलानी लंबे समय से बीमार चल रहे थे। पहले भी एक दो बार उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई थी। जिसके बाद स्वजनों ने इलाज के लिए लखनऊ के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
अयोध्या बाबरी विवाद में मुस्लिम पक्ष के चर्चित वकील जफरयाब जिलानी का बुधवार को निधन हो गया। वह 73 साल के थे। लंबे समय से बीमार चल रहे थे। निशात अस्पताल में इलाज चल रहा था। वह मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के सदस्य के अलावा बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के अध्यक्ष और यूपी के अपर महाधिवक्ता रह चुके थे। सुन्नी वक्फ बोर्ड और आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में बाबरी मस्जिद मामले में वकील थे।
ऐशबाग कब्रिस्तान में होंगे सुपुर्द-ए-खाक
ऐशबाग के कब्रिस्तान में उन्हें देर शाम सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा। उनके चाहने वालों में शोक की लहर है।जफरयाब जिलानी राजनीति में न होने के बावजूद काफी चर्चित रहे। पिछले तीन दशक से उप्र और देश के बड़े नामों में शामिल थे। अयोध्या विवाद में जफरयाब जिलानी लगातार मुस्लिम पक्ष की बात बड़ी मजबूती से रखने के लिए जाने जाते थे। जफरयाब जिलानी की सबसे खास बात यह थी कि वह संवैधानिक तरीके से हमेशा अपनी बात रखते थे।
लखनऊ के कई शैक्षणिक संस्थानों से भी जुड़े थे जिलानी
जफरयाब जिलानी बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के संयोजक भी रहे हैं। यहां तक की अपने बयानों की वजह से भी वह अक्सर मीडिया और देश प्रदेश की राजनीति में चर्चा में रहते थे। लखनऊ के इसके अलावा वह कई शैक्षणिक संस्थानों से भी जुड़े है। इसमें मुमताज डिग्री कालेज के ट्रस्ट में भी इनका बड़ा योगदान बताया जाता है। यही वजह से है कि लखनऊ में सुन्नी पक्ष भी सभी बड़ी बैठक अक्सर मुमताज कालेज में होती थी।
संवैधानिक ज्ञान के लिए चर्चित थे
ऐशबाग ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने उनके इंतकाल पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि संवैधानिक ज्ञान की वजह से वह चर्चित रहते थे। बाबर मस्जिद के केस की पैरोकारी की। बड़े अधिवक्ता होने के बावजूद आम लोगों की मदद के लिए केस लड़ते थे। आल इंडिया मुस्लिम महिला पर्सनल ला बोर्ड की अध्यक्ष शाईस्ता अंबर ने शाेक व्यक्त किया और कहा कि वह बड़े भाई की तरह महिलाओं से संबंधित कानूनी सलाह दिया करते थे।
लखनऊ के निशात अस्पताल में ली आखिरी सांसें
जफरयाब जिलानी मई 2021 में इस्लामिया कॉलेज में सीढ़ी से गिर गए थे। उनके सिर में गंभीर चोट आई थी। परिजनों ने उन्हें मेदांता में भर्ती कराया था। कई दिनों तक चले इलाज के बाद भी वह पहले की तरह स्वस्थ नहीं हो सके। साल 2022 में 29 अप्रैल को उन्हें सांस लेने में दिक्कत हुई। साथ ही सीने में जकड़न की शिकायत थी। जिस पर उन्हें निशात हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों ने उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया। जहां उनका इलाज चला था। 9 मई को उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया था। वह स्वस्थ होकर घर पर आ गए थे। 15 मई को एक बार फिर उनकी तबीयत बिगड़ी पेशाब रुकने और पेशाब में हल्का खून नजर आने की शिकायत हुई तो दोबारा से निशात हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। उन्हें आईसीयू में डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया था। निशात हॉस्पिटल में ही आज उन्होंने आखरी सांसे ली।
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