कोविड-19 को देखते हुए सरकार ने सभी तरह के धार्मिक आयोजनों पर रोक लगा रखी है। इसके बावजूद कौशांबी जनपद के सैनी कोतवाली के अझुवा कस्बे में एक मकान के अंदर चंगाई सभा का आयोजन किया गया। कहा तो यह भी जा रहा है कि चंगाई सभा के आयोजन की आड़ में कुछ लोगों का धर्म परिवर्तन कराया जा रहा था। मामले की सूचना मिलने पर इलाकाई पुलिस ने मकान पर छापा मारा। मकान के अंदर मौजूद लोगों ने दरवाजा नहीं खोला तो पुलिस दरवाजा तोड़कर अंदर घुसी और वहां मौजूद लोगों को बाहर निकाला। इस दौरान पुलिस को चकमा देकर तमाम लोग फरार हो गए। पुलिस ने मौके से 13 महिलाओं व दो पुरुषों को हिरासत में ले लिया। हिरासत में लिए गए सभी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
चंगाई सभा का आयोजन सैनी कोतवाली के अझुवा पुलिस चौकी अंतर्गत स्थानीय कस्बा के वार्ड नंबर एक में नेशनल हाईवे टू किनारे गंगाराम के मकान में किया गया। यहां पर कई दर्जन लोगों की भीड़ इकट्ठा की गई। जानकारी के मुताबिक गंगा राम की पत्नी गंगा देवी मिशनरी समाज के लोगों के साथ मिलकर स्थानीय लोगों का धर्म परिवर्तन करने की कोशिश कर रही थी। मुखबिर ने जब चंगाई सभा और धर्म परिवर्तन की सूचना पुलिस को दी तो मौके पर दबिश दी गई। पुलिस ने मकान के अंदर मौजूद लोगों को बाहर निकलने के लिए कहा लेकिन उन लोगों ने अंदर से दरवाजा बंद कर लिया। इसके बाद पुलिस ने दरवाजा तोड़ा और अंदर मौजूद लोगों को बाहर निकाला। इस दौरान कुछ लोग मकान की छत पर चढ़ गए, उन्हे भी नीचे उतारा गया। हालांकि पुलिस बल की संख्या कम होने का फायदा उठाते हुए कई दर्जन लोग मौके से फरार भी हो गए। मकान के अंदर से पुलिस को मिशनरी से जुड़े धार्मिक दस्तावेज व तस्वीरें भी मिली।
चंगाई सभा का आयोजन कर रहे लोगों का कहना है कि वह वह मौके पर प्रार्थना सभा में शामिल हुए थे। प्रार्थना करने पर उनकी बीमारियां दूर होती हैं। हिंदू होते हुए दूसरे धर्म के आराध्य की पूजा करने के बाबत चंगाई सभा में शामिल महिलाओं का कहना था कि वह तो सिर्फ "सर जी" के आदेश पर ऐसा कर रही थी।
टीम स्टेट टुडे
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