नई दिल्ली, 3 अक्टूबर 2022 : चीन ने भारतके युवकों कोअपनी जाल मेंफंसा करोड़ों रुपयेकी ठगी की।प्रवर्तन निदेशालय की छापेमारीके बाद पूरामामला सामने आयाहै। दरअसल बेंगलुरुमें ऐसे फर्मोंका संचालन कियाजा रहा हैजिसके पीछे चीनहै। इनपर पार्टटाइम नौकरी कोलेकर धोखाधड़ी काआरोप है। निदेशालयकी छापेमारी मेंबेंगलुरु के 12 फर्मों सेकरीब 5.85 करोड़ रुपये जब्तकिए गए। येफर्म निर्दोष युवाओंके साथ जालसाजीकर रहे थे।
मोबाइल एप कीपशेयररसे हो रहीथी ठगी
चीनी एपकीपशेयरर के जरिएयुवाओं को पार्टटाइम जाब कालालच दे उनसेधन कमाया जारहा था। ED नेमामले में मनीलान्ड्रिंग की जांचशुरू कर दीहै। दरअसल इसमामले में साउथसेन पुलिस स्टेशनमें मामला दर्जकराया गया था।इसमें ही पार्टटाइम नौकरी कोलेकर धोखाधड़ी कामामला दर्ज है।
ऐसे ऐंठतेथे युवाओं सेपैसे
अपनी जांचमें ED को पताचला कि अधिकतरयुवाओं के साथकुछ चीनी लोगोंने धोखाधड़ी कीहै। ED ने बतायाकि कीपशेयरर नामके मोबाइल एपके जरिए युवाओंसे पार्ट टाइमनौकरी देने कावादा कर उनसेपैसे ऐंठे जारहे थे। चीनके लोगों नेभारत में कंपनियांबनाईं जिसमें डायरेक्टर, ट्रांसलेटर (मंडारिन से अंग्रेजीऔर अंग्रेजी सेमंडारिन), HR मैनेजर और टेलीकालर्सके तौर परअधिकतर भारतीयों को नियुक्तकिया था। इनभारतीयों की डिटेल्सके आधार परबैंक में खातेबनाए। आरोपियों नेकीपशेयरर नाम सेमोबाइल एप बनायाऔर व्हाट्सएप वटेलीग्राम के जरिएप्रमोट किया। इसमें युवाओंको पार्ट टाइमनौकरी देने केवादे किए गए।
यूं टास्कदे वसूलता थापैसे
एक इंवेस्टमेंटएप के साथकीपशेयरर को लिंककिया गया औरइस एप परयुवाओं से रजिस्ट्रेशनके लिए रकमनिर्धारित की गई।अधिकारी ने बताया, 'युवाओं को सेलिब्रिटीकी वीडियोज लाइककरने और इसेसोशल मीडिया परअपलोड करने काकाम दिया जाताथा। काम पूराहो जाने केबाद प्रति वीडियो 20 रुपय देने होतेथे जो कीपशेयररके वालेट मेंजमा होता था।'
ED ने बतायाकि कुछ समयके लिए उनकेवालेट में धनराशिजमा होती थीलेकिन बाद मेंप्लेस्टोर से एपरिमूव कर लियाजाता था। इसतरह लोगों कोठगा जा रहाथा। धनराशि कोबेंगलुरु की कंपनियोंके बैंक खातेसे लेकर क्रिप्टोकरेंसी में बदलाजाता था। इसकेबाद यह चीनकी क्रिप्टो एक्सचेंजमें पहुंचता था।यह पूरा कामचीन के कुछलोगों की मानिटरिंगमें फोन वव्हाट्सएप ग्रुप के जरिएहो रहा था।पुलिस द्वारा दायरचार्जशीट में शामिल 92 आरोपियों में से 6 चीन के हैंऔर बाकी ताइवानके। मामले मेंजांच जारी है।
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