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रिपोर्ट - आदेश शुक्ला
ट्विटर की देश विरोधी गतिविधियों को देखते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भारत में बने कू एप पर अपना अकाउंट बना लिया है। सीएम योगी ने कू से पोस्ट का सिलसिला भी शुरु कर दिया है।
ट्विटर से योगी आदित्यनाथ के साथ साथ कई अन्य मंत्रियों और केंद्र सरकार के मंत्रियों का भी मोहभंग हुआ है। ज्यादातर नेता अब कू पर अपना अकाउंट बना रहे हैं।
उत्तर प्रदेश में ट्विटर सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने के मामले में दोषी पाया गया है। ट्विटर के खिलाफ एफआईआर भी गाजियाबाद में दर्ज कराई गई है।
मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कू पर सबसे पहले गाजीपुर में गंगा नदी की लहरों पर तैरते संदूक में मिली नवजात बच्ची के जीवन रक्षा करने वाले नाविक को लेकर पोस्ट किया। सीएम योगी ने 'कू पर पोस्ट किया, कि गाजीपुर में मां गंगा की लहरों पर तैरते संदूक में रखी नवजात बालिका गंगा की जीवन रक्षा करने वाले नाविक ने मानवता का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया है। नाविक को आभार स्वरूप सभी पात्र सरकारी योजनाओं से लाभान्वित किया जाएगा।
आपको बता दें कि गाजियाबाद में एक मुसलमान बुजुर्ग की पिटाई कुछ मुसलमानों ने ही की। बुजुर्ग की दाढ़ी काटी गई और जय श्री राम के नारे भी लगवाए। इस पूरी घटना का वीडियो भी बनाया गया जिसे बाद में कुछ मुस्लिम पत्रकारों और देश विरोधी तत्वों ने ट्वीट कर सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश की।
पारदर्शिता और अभियव्यक्ति की आजादी के नाम पर भारत सरकार के नियम कानून मानने से इंकार करने वाले ट्विटर ने इस वीडियो की पड़ताल करना तक जरुरी नहीं समझा। इस बीच उसकी इंटरमीडिएटरी मान्यता यानी मध्यस्थ की मान्यता को भारत सरकार ने रद्द कर दिया जिसके बाद उस पर कानूनी कार्रवाई का रास्ता खुल गया। इसी बीच गाजियाबाद की घटना ने तूल पकड़ा और ट्विटर का दोष इसमें स्पष्ट रुप से सामने आ गया। जिसके बाद ट्विटर पर एफआईआर दर्ज कराई गई।
टीम स्टेट टुडे
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