एक्शन में सीएम योगी
साबरमती रिवर फ्रंट जैसा मनोरम होगा कुकरैल रिवर फ्रंट
सीएम योगी की मंशा के अनुरूप कुकरैल नदी पर रिवर फ्रंट बनाने को लेकर तेज हुईं तैयारियां
रिवर फ्रंट डेवलपमेंट के लिए तैयार किया जा रहा डीपीआर, सीएम के समक्ष होगा प्रस्तुतिकरण
लखनऊ नगर निगम ने एसपीवी के गठन से संबंधित ड्राफ्ट शासन को उपलब्ध कराया
अहमदाबाद के साबरमती रिवर फ्रंट के अध्ययन को बनी समिति कर चुकी है स्थलीय निरीक्षण
लखनऊ, 27 जून। लखनऊ में कुकरैल नदी के किनारे प्रस्तावित रिवर फ्रंट अहमदाबाद में स्थित साबरमती रिवर फ्रंट जैसा मनोरम और आधुनिक सुविधाओं वाला हो सकता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर कुकरैल नदी को पुनर्जीवित करने के प्रयासों के क्रम में साबरमती रिवर फ्रंट, अहमदाबाद के अध्ययन के लिए गठित समिति द्वारा पिछले वर्ष ही इसका स्थलीय निरीक्षण एवं भ्रमण कर लिया गया है। रिवर फ्रंट बनाने की कार्यवाही लखनऊ नगर निगम के तहत पूर्ण की जाएगी। इसके लिए नगर निगम द्वारा एसपीवी के गठन से संबंधित ड्राफ्ट शासन को उपलब्ध कराया गया है, जो कि लखनऊ रिवरफ्रंट डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लि. के नाम से होगा।
जल्द तैयार होगा डीपीआर
कुकरैल नदी के किनारे रिवर फ्रंट डेवलपमेंट के लिए संबंधित कंसल्टैंट द्वारा डीपीआर तैयार किए जाने की कार्यवाही की जा रही है तथा जल्द ही सीएम के समक्ष इसका प्रस्तुतिकरण किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि योगी सरकार के विजन के अनुरूप कुकरैल नदी को पुनर्जीवित किए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके साथ ही सीएम योगी के निर्देश पर विभागों को कुकरैल नदी को अविरल, निर्मल और प्रदूषणमुक्त किए जाने के मिशन पर लगाया गया है। इसका उद्देश्य गंदे नालों को कुकरैल में प्रवाहित होने से रोकना, नदी तट का सौन्दर्यीकरण, साइट डेवलपमेंट और ग्रीन बेल्ट विकसित करना है।
नदी में नहीं जा सकेगा नालों का पानी
मुख्यमंत्री द्वारा कुकरैल नदी को प्रदूषण मुक्त और पुनर्जीवित करने के लिए नदी में गिरने वाले 39 नालों को इंटरसेप्ट करने के निर्देश दिए गए थे। इस क्रम में प्रथम चरण में 17 नालों को टेप करने का कार्य 95 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है। वहीं 12 नालों का आईडी कार्य क्रियाशील है और शेष इस महीने तक पूरा हो जाएगा। द्वितीय चरण में 22 नालों को टैपिंग कर 6 एमएलडी अशोधित सीवेज को कुकरैल नदी में गिरने से रोका जाएगा। वहीं तृतीय चरण में न्यूनतम जल प्रवाह बनाए रखने के लिए 40 एमएलटी क्षमता का एसटीपी बनाकर शोधित ट्रीटेड एफ्लुएंट को कुकरैल नदी में अपस्ट्रीम में छोड़ा जाएगा। अकबरनगर में नगर निगम की जमीन पर अवैध निर्माण ध्वस्त करने के बाद 1.50 हेक्टेयर भूमि पर एसटीपी का कार्य किया जाएगा।
जल स्रोतों को किया जाएगा पुनर्जीवित
कुकरैल नदी में पानी की अविरल आपूर्ति के लिए वन क्षेत्र में कुकरैल नदी के जल स्रोतों और जल निकायों को पुनर्जीवित करने के लिए वॉटरपॉन्ड बनाए जाएंगे। वहीं ग्रामीण क्षेत्र में जल स्रोतों और जल निकायों को पुनर्जीवित करने के लिए ग्रामीण विकास विभाग और लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा कार्य किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश जल निगम (नगरीय) द्वारा 40 एमएलडी एसटीपी से पानी नदी में छोड़ा जाना प्रस्तावित है। वहीं सिंचाई विभाग द्वारा शारदा नगर के एस्केप चैनल से लगभग 5 से 15 क्यूसेक पानी उपलब्ध कराया जाएगा।
'जनेश्वर मिश्र पार्क' को आधुनिक स्पोर्ट्स जोन बनाने तैयारी में योगी सरकार
-उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के गोमती नगर में पार्क के मेकओवर की प्रक्रिया शुरू
-सीएम योगी की मंशा अनुसार तैयार की गई विस्तृत कार्ययोजना को किया गया क्रियान्वित, स्पोर्ट्स एरीना बनेगा कायाकल्प का माध्यम
-लखनऊ विकास प्राधिकरण ने शुरू की प्रक्रिया, 10.16 करोड़ रुपए की लागत से परियोजना के अंतर्गत विकास कार्यों को किया जाएगा पूरा
-क्रिकेट, फुटबॉल व वॉलीबॉल ग्राउंड समेत टेनिस कोर्ट से लैस होगा पार्क का स्पोर्ट्स जोन, एजेंसी की नियुक्ति के माध्यम से विभिन्न विकास कार्यों को किया जाएगा पूरा
लखनऊ, 27 जून। उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने के लिए कृत संकल्प योगी सरकार ने प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित जनेश्वर मिश्र पार्क के वृहद कायाकल्प की प्रक्रिया शुरू कर दी है। लखनऊ के गोमती नगर में स्थित इस पार्क में लंबे वक्त से एक स्पेशलाइज्ड स्पोर्ट्स एरीना होने की कमी यहां जाने वाले लोगों को महसूस होती थी। इस जरूरत को भांपते हुए योगी सरकार ने पार्क के कायाकल्प की एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार की थी। सीएम योगी के विजन अनुसार बनी इस कार्ययोजना को क्रियान्वित करते हुए लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने स्पोर्ट्स जोन के विकास के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है। कार्ययोजना के अनुसार, 10.16 करोड़ रुपए के व्यय से सभी विकास कार्यों को पूर्ण किया जाएगा।
क्रिकेट, फुटबॉल, वॉलीबॉल ग्राउंड समेत टेनिस कोर्ट का भी होगा निर्माण
खास बात ये है कि इन विकास कार्यों के जरिए जिन स्पोर्ट्स एमिनिटीज से पार्क को लैस किया जाएगा उनमें क्रिकेट, फुटबॉल व वॉलीबॉल ग्राउंड समेत टेनिस कोर्ट मुख्य है। इन सभी निर्माण कार्यों को पर्यावरण संरक्षण के मानकों व अन्य महत्वपूर्ण गाइडलाइंस का पालन करते हुए पूरा किया जाएगा तथा सभी निर्माणों की उच्च गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए भी एक मॉनिटरिंग मैकेनिज्म बनाया जाएगा।
टू बिड प्रक्रिया के जरिए एजेंसी का होगा चयन व कार्यावंटन
पार्क में स्पोर्ट्स जोने के विकास को लेकर होने वाले सभी कार्यों को पूरा करने के लिए एलडीए द्वारा टू बिड प्रक्रिया को क्रियान्वित किया गया है। इस प्रक्रिया के जरिए एक एजेंसी का चयन होगा और वह ही इन सभी कार्यों को पूर्ण करने के साथ ही एलडीए के अधिकारियों से समन्वय स्थापित कर कार्यों की डेडलाइन, उच्च गुणवत्ता समेत सभी मानकों के पालन व क्रियान्वयन का मार्ग प्रशस्त करेगी। कार्यावंटन के उपरांत एजेंसी की कोशिश होगी कि सभी विकास कार्यों को 9 महीने की अवधि में पूरा कर लिया जाए।
विकास कार्यों की पूर्ति के बाद कई खेल गतिविधियों का हो सकेगा संचालन
168 करोड़ रुपए की लागत से लगभग 376 एकड़ में विकसित किया गया पार्क में लंबे वक्त से स्पोर्टिंग इवेंट्स के संचालन के लिए एक स्पोर्ट एरीना की कमी महसूस हो रही थी। अब इसी कमी को पूरा करते हुए योगी सरकार के विजन अनुसार वृहद स्पोर्ट्स जोन के निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। एलडीए द्वारा शुरू की गई इस प्रक्रिया के पूर्ण होने पर लखनऊ वासियों तथा देश-विदेश से पार्क घूमने आने वाले लोगों को विभिन्न स्पोर्टिंग इवेंट्स का हिस्सा बनने का मौका मिलेगा। विकास कार्यों की पूर्ति के जरिए यहां पर नियमित रूप से विभिन्न स्पोर्टिंग एक्टिविटीज के संचालन का मार्ग प्रशस्त होगा। विकसित होने वाले सभी स्पोर्ट्स एमिनिटीज को आधुनिक स्प्रिंकलर्स, लाइटिंग व अन्य सुविधाओं से पूर्ण किया जाएगा।
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