अभी जेड प्लस श्रेणी और एनएसजी कवर से लैस है उनकी सिक्योरिटी
- मुख्यमंत्री के साथ ही राज्यपाल और अति विशिष्ट लोगों की सुरक्षा को पुख्ता बनाने के लिए अत्याधुनिक उपकरण खरीदेगी यूपी पुलिस
- एक करोड़ रुपये से अधिक के उपकरण खरीदेगी यूपी पुलिस, सुरक्षा में इस्तेमाल होंगे 91 नये अत्याधुनिक उपकरण
- प्रदेश भ्रमण, रैलियों, धार्मिक स्थलों, कुंभ मेला सहित महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया फैसला
लखनऊ, 19 जून। यूपी पुलिस देशभर में करोड़ों लोगों के चहेते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने जा रही है। इसके लिए महकमा 1 करोड़ रुपए से अधिक मूल्य के अत्याधुनिक उपकरण खरीदने की तैयारी कर रहा है। विभिन्न आतंकी समूहों सहित कई राष्ट्रविरोधी ताकतों की ओर से संभावित खतरों को देखते हुए महकमा हर स्तर पर मुख्यमंत्री के सुरक्षा घेरे को लगातार मजबूत करता रहता है। बता दें कि सीएम योगी को जेड प्लस श्रेणी और एनसजी कमांडो का कवर प्राप्त है। वहीं प्रदेश पुलिस के जांबाज जवानों का दस्ता भी उनकी सुरक्षा में हर वक्त तैनात रहता है।
1.02 करोड़ रुपए के 91 उपकरण खरीदेगी यूपी पुलिस
पुलिस विभाग मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विभिन्न जिलों में दौरों के वक्त उनकी सुरक्षा के स्तर को और मजबूत बनाने की तैयारी कर रहा है। इसमें ड्रोन, बॉडीवॉर्न कैमरा, ड्रेसकैम और नाइट विजन की अतिरिक्त खेप को भी सीएम की सुरक्षा व्यवस्था में जोड़ा जाएगा। मुख्यमंत्री के साथ ही राज्यपाल की सुरक्षा को भी पुख्ता बनाया जाना है। इस संबंध में शासन की ओर से एडीजी हेडक्वार्टर को जारी पत्र में स्पष्ट किया गया है कि राज्यपाल, मुख्यमंत्री सहित अन्य अतिविशिष्ट और विशिष्ट महानुभावों के प्रदेश भ्रमण, रैलियों, धार्मिक स्थलों, कुंभ मेला सहित महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए 1 करोड़ 2 लाख 20 हजार रुपए के 91 उपकरणों की खरीद की जानी है।
इन उपकरणों को खरीदेगी यूपी पुलिस
प्रदेश के पुलिस महकमे की ओर से तीन अत्याधुनिक ड्रोन कैमरों की खरीद की जानी है, जिसकी कुल कीमत 42 लाख रुपए है। इसके अलावा 50 बॉडीवॉर्न कैमरा की कुल कीमत 25 लाख है। वहीं 34 ड्रेसकैम की कीमत 6 लाख 80 हजार है, जबकि 4 नाइट विजन की कीमत 28 लाख 40 हजार रुपए आंकी गई है। ये सभी कीमतें या तो पूर्व खरीद के आधार पर अथवा जैम पोर्टल के आधार पर तय की गई हैं। गृह विभाग की ओर से पुलिस महकमे के तकनीकि दक्ष अधिकारियों को सभी उपकरणों की गुणवत्ता जांचने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। ये उपकरण, जिलों में दौरे के वक्त सीएम और राज्यपाल की सुरक्षा में तैनात कर्मियों और फ्लीट के वाहनों से अटैच की जाएंगी।
जीपीएस ट्रैकिंग डिवाइस से लैस होंगे राज्य प्रवर्तन दस्ते के वाहन
-उत्तर प्रदेश के राज्य प्रवर्तन वाहन बेड़े की गाड़ियों पर लगाए जाएंगे 223 जीपीएस डिवाइसेस, कई अन्य टेक्नोलॉजिकल अपग्रेडेशन की प्रक्रिया भी शुरू
-सीएम योगी की मंशा के अनुसार तैयार की गई विस्तृत कार्ययोजना का क्रियान्वयन शुरू, श्रीट्रॉन को सौंपा गया है जिम्मा
-श्रीट्रॉन में पहले से इम्पैनल्ड कंपनियों में से किसी एक एजेंसी को कार्यावंटन के बाद मिलेगा बेड़े के अपग्रेडेशन का मौका
-अपग्रेडेशन में जीपीएस व वीएलटी डिवाइस इंस्टॉलेशन के साथ ही उन्हें संचालित करने के लिए डेटाबेस युक्त बैकएंड सॉफ्टवेयर भी होगा डेवलप
लखनऊ, 19 जून। उत्तर प्रदेश के समेकित विकास का खाका खींच रही योगी सरकार ने प्रदेश के प्रवर्तन दस्ते में शामिल वाहनों के टेक्नोलॉजिकल अपग्रेडेशन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस क्रम में, राज्य प्रवर्तन दस्ते के वाहनों को जीपीएस ट्रैकिंग व व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग (वीएलटी) डिवाइस से लैस होंगे। साथ ही, इन डिवाइसेस को वाहनों में सही तरीके से संचालित करने के लिए डेटाबेस युक्त बैकएंड सॉफ्टवेयर भी विकसित किया जाएगा। सीएम योगी की मंशा अनुसार राज्य प्रवर्तन वाहन बेड़े के उच्चीकरण की एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार की गई थी, जिसे क्रियान्वित करते हुए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इस क्रम में, श्रीट्रॉन इंडिया लिमिटेड को सर्विस प्रोवाइडर संस्था नियुक्त किया गया है। श्रीट्रॉन में पहले से इम्पैनल्ड कंपनियों को राज्य प्रवर्तन वाहन बेड़े को अपग्रेड करने का मौका कार्यावंटन के बाद मिलेगा। इसी प्रक्रिया को शुरू कर दिया गया है और जून माह के अंत से प्रक्रिया पूरी तरह क्रियान्वित हो जाएगी।
223 जीपीएस डिवाइसेस को किया जाएगा इंस्टॉल
अपग्रेडेशन प्रक्रिया के अंतर्गत उत्तर प्रदेश के राज्य प्रवर्तन वाहन बेड़े की गाड़ियों पर 223 जीपीएस लोकेशन व वीएलटी डिवाइसेस को इन्सटॉल किया जाएगा। इस प्रक्रिया को पूरा किए जाने के अतिरिक्त एक आधुनिक डेटाबेस युक्त बैकएंड सॉफ्टवेयर व वेबसाइटे बेस्ड इंटरफेस भी डेवलप किया जाएगा। यह ट्रैकिंग के साथ ही डैशबोर्ड, डेटाबेस व मैप एक्सेसिबिलिटी के साथ ही लाइसेंस और पूर्ण वीएलटी समाधान के सुचारू संचालन का मार्ग प्रशस्त करेगा। बैकएंड सॉफ्टवेयर को स्थापित वीएलटी उपकरणों से प्राप्त डेटा को कैप्चर, स्टोर, प्रोसेस, विश्लेषण और प्रदर्शित करने के लिए क्लाउड स्टोरेज इनेबल्ड किया जाएगा।
रियल टाइम एक्सेसिबिलिटी से लैस होगा सॉफ्टवेयर
बैकएंड सॉफ्टवेयर को डिजिटल मैप पर वाहन की आवाजाही की रियल टाइम ट्रैकिंग और मॉनिटरिंग के लिहाज से डेवलप किया जाएगा। वाहन ट्रैकिंग डिवाइस को ओवर-द-एयर (ओटीए) कॉन्फ़िगर करने की क्षमता के साथ विकसित किया जाएगा। बैकएंड सॉफ्टवेयर दरअसल एक वेब-आधारित एप्लीकेशन होगा, जिसे विभिन्न प्रकार के उपकरणों जैसे वर्क स्टेशन, लैपटॉप, टैबलेट कंप्यूटर, मोबाइल फोन आदि पर एक्सेस किया जा सकेगा।
एआईएस-140 मानक के अनुसार कार्यों को किया जाएगा पूरा
5 वर्ष की संपूर्ण अनुबंध अवधि के लिए सभी इंस्टॉल किए गए उपकरणों को सिम एक्टिवेशन और रिचार्ज से युक्त किया जाएगा तथा किसी प्रकार की तकनीकी सहायता के लिए एक व्यक्ति भी नियुक्त किया जाएगा। शिकायतों के निवारण के लिए एक उपयुक्त तंत्र विकसित किया जाएगा और मासिक समस्या लॉग और समाधान स्थिति रिपोर्ट परिवहन विभाग, उत्तर प्रदेश को प्रस्तुत की जाएगी। एआईएस-140 मानक के अनुसार इस कार्यों को पूर्ण किया जाएगा। इस कार्य को पूर्ण करने के लिए श्रीट्रॉन द्वारा रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरपीएफ) माध्यम के जरिए इम्पैनल्ड कंपनियों से आवेदन मांगे गए हैं और कार्यावंटन की प्रक्रिया जून माह के अंत के पूर्व पूरी हो जाएगी।
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