वैक्सीन है नही 18 वर्ष से अधिक आयु का कैसे होगा टीकाकरण-आशोक सिंह
24 करोड़ की आबादी, आवश्यकता 48 करोड़ डोज की, आर्डर एक करोड़ का-अशोक सिंह
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता अशोक सिंह ने राज्य की योगी सरकार से सवाल करते हुए कहा कि राज्य के पास वैक्सीन है नहीं, फिर 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग का आज से शुरू हुआ वेक्सिनेशन अपने अंजाम तक कब तक पहुचेगा, यह सरकार बताये? उन्होंने कहा कि 24 करोड़ की आबादी वाले राज्य को 48 करोड़ डोज की आवश्यकता है। आज से शुरू हुए वैक्सीनेशन के लिये राज्य की योगी सरकार ने कुल एक करोड़ डोज का आर्डर दिया है जिसकी आपूर्ति 15 मई के पूर्व किसी कीमत पर होने की संभावना नही है। उसके बावजूद योगी जी कह रहे हैं कि वैक्सीन की कमी नहीं है। यदि कमी नही है तो फिर सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश के सभी जनपदों में आज से वेक्सिनेशन अभियान शुरू करने में राज्य सरकार विफल क्यों हुई ? उन्होंने कहा कि मई कोरोना का पिक माह का पूर्वानुमान वैज्ञानिक चिकित्सक पूर्व से बता रहे थे उसके बाद भी यथार्थ के धरातल पर बात न कर हवा हवाई घोषणाएं कर जनता को गुमराह किया जा रहा है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता अशोक सिंह ने कहा कि झूठ बोलने में अपने को चैंपियन साबित करने में लगी योगी सरकार विदेश से किटें आयात करने की बात कर रही है। लेकिन ग्लोबल टेंडरिंग की योजना की घोषणा के बाद भी वह अभी अंधकार में है। प्रक्रिया कब शुरू होगी उसके लिये अभी किसी तरह की तैयारी नही है। बल्कि सरकार के अंदर से ही उसकी प्रक्रिया पर अभी से सवाल उठने लगे है यह ग्लोबल टेंडर कब होगा? कितने दिनों में वैक्सीन आएगी? इसका जवाब राज्य के मुखिया को देना होगा। यह भी बताना होगा कि राज्य की लापरवाही, उदासीनता के चलते पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन न मिलने से होने वाली मौतों का कौन जिम्मेदार होगा?
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि योगी सरकार झूठ की बुनियाद पर फर्जी आंकड़ों के सहारे प्रदेश की जनता को गुमराह कर संक्रमितों व उनके परिवार को धमकाकर संक्रमण नियंत्रित करना चाहती है। राज्य की स्वास्थ्य सेवाएं अपंगता की स्थिति में है वहीं सरकार नवरत्नों के साथ मिलकर कोरी बयानबाजी के बल पर सुर्खियां बटोरने का प्रयास मात्र कर रही है उससे मरीजों के जीवन की तनिक भी चिंता नही है। वह बेड, आईसीयू, वेंटिलेटर, टेस्टिंग, ट्रेसिंग, ट्रीटमेंट के साथ आक्सीजन की पर्याप्त व्यवस्था करने में विफल हो चुकी है। संक्रमण का खतरा लगातार ग्रामीण इलाकों को गिरफ्त में ले रहा है। बिना जांच गांवों में संक्रमण से हो रही मौतों को कोरोना से हुई मौत नहीं माना जा रहा। उत्तर प्रदेश की संक्रमण की भयावहता विकरालता का अंदाजा अस्पतालों, ऑक्सीजन सिलेंडर के लिये लगी लंबी लाइनों व श्मशान, कब्रस्तान में जलती चिताओं व दफन होते शवो के साथ रह-रह कर उठती सिसकियां बताती है कि उत्तर प्रदेश में संक्रमण किस चरम पर है।
राज्य कांग्रेस प्रवक्ता अशोक सिंह ने कहा कि सरकार की हीलाहवाली लापरवाही के लिये योगी जी को स्वयं अपनी पार्टी भाजपा के विधायकों, सांसदों के उन पत्रों का संज्ञान लेना चाहिये जो पूर्व में आपके कैबिनेट मंत्री ब्रजेश पाठक ने सबसे पहले लिखा था। वहीं से यह सवाल उठने लगा था कि मंत्रिमंडल की सामूहिक जिम्मेदारी के स्थान पर एक व्यक्ति और उसके चहेते अफसरों की मनमानी चल रही है। भाजपा विधायक रत्नाकर मिश्रा, सांसद कौशल किशोर के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री भाजपा सांसद श्रीमती मेनका गांधी का पत्र योगी शासन द्वारा कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने की किस तरह अनदेखी की जा रही है
कांग्रेस प्रवक्ता अशोक सिंह ने योगी सरकार से मांग करते हुए कहा कि वह अखबारों में सुर्खियां बटोरने वाले बयानों से बाज आकर जमीनी सच्चाई को स्वीकार कर मरीजों को बेहतर इलाज के साथ ऑक्सीजन, बेडों व आवश्यक स्वास्थ्य सम्बन्धी दवाओं की कालाबाजारी रोकने के लिये कदम उठाएं व संवेदनहीन अधिकारियों पर कड़ी कार्यवाही करें।
टीम स्टेट टुडे
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