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निजीकरण के खिलाफ कांग्रेस का हल्ला बोल अजय माकन बोले – मोदी सरकार डुबो रही है जनता की गाढ़ी कमाई



कांग्रेस महासचिव और पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय माकन लखनऊ पहुंचे। कांग्रेस मुख्यालय पर आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में माकन ने कहा कि मोदी सरकार ने जनता की गाढ़ी कमाई की मेगा डिस्काउंट सेल लगा दी है। 60 साल में बनीं सार्वजनिक संपत्तियों को कौढ़ियों के भाव बेचा जा रहा है। भारत सरकार ने पूरे देश मे 12 मंत्रालयों की 20 से ज्यादा बेशकीमती संपत्तियों को पूंजीपतियों को सौंप दिया है।


माकन ने कहा कि 8 राष्ट्रीय राजमार्ग, साई सेंटर, जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम बंग्लुरू को भी बेचा जा रहा है। उन्होंने कहा, मैं पूर्व खेल मंत्री होने के नाते कह रहा हूं कि इन फैसलों से देश को अच्छा खिलाड़ी मिलना बंद हो जाएंगे। कांग्रेस इस तरह से निजीकरण का पुरजोर विरोध करती है।


प्रयागराज रेलवे लाइन और पॉवर सेक्टर का निजीकरण किया जा रहा है। पीएम नरेंद्र मोदी ने मॉनिटाइजेशन और डी मॉनिटाइजेशन नाम की दो फिल्में बनाई हैं। इनसे देश बर्बादी की ओर बढ़ रहा है। पीएम कहते हैं कि इस तरह से मिले छह लाख करोड़ रुपये का इस्तेमाल इंफ्रास्ट्रक्चर में करेंगे, जोकि असत्य है। उन्होंने कहा दिग्विजय सिंह की अध्यक्षता में कमेटी गठित की जाएगी, जो निजीकरण और इस सरकार की नीतियों के खिलाफ लड़ाई लड़ेगी।


माकन ने कहा कि मित्र पूंजीपतियों के हाथों देश का इंफ्रास्ट्रक्चर बेचा जा रहा है। उन्होंने कहा कि वाराणसी के लाल बहादुरी शास्त्री एयरपोर्ट को 500 करोड़ रुपये में बेचा जा रहा है, जोकि तत्काल नहीं मिलेंगे। उन्होंने कहा कि शक पैदा करने वाली वाली बात यह है कि ये सभी कुछ गुपचुप तरीके से तय किया गया। निजीकरण हमनें भी किया, पर एकाधिकार नहीं हुआ। रेलवे लाइन का निजीकरण नहीं किया। बड़े पैमाने पर निजीकरण से आरक्षण खत्म होगा। निजीकरण सिर्फ केंद्र का मामला नहीं है। जब राज्य की जमीनें बेच रहे हैं, तो उनकी सहमति क्यों नहीं ली जा रही है।


NDA-यूपीए की तुलना अजय माकन ने कहा एनडीए की तुलना अगर यूपीए से ढांचागत आधार के सृजन को लेकर की जाए तो यूपीए के मुकाबले एनडीए का रिकार्ड काफी खराब है। पिछले कुछ सालों में प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस पर जो भी भाषण दिए हैं, उनका मुख्य केंद्र मुख्य रूप से ढांचागत आधार ही रहा है, लेकिन एनडीए सरकार की इस बिंदु पर अगर यूपीए से तुलना की जाए तो एनडीए का रिकार्ड खराब है। 12वीं योजना योजना काल के दौरान ढांचागत आधार में निवेश को 36 लाख करोड़ रुपए समग्रित पर आंका गया। यह जीडीपी का 5.8 प्रतिशत औसत है, वित्तीय वर्ष 2018 और 2019 में यह अनुमान 10 लाख करोड़ पर आ गया।


माकन ने कहा कि सरकार का मुख्य मुद्दा ढांचागत आधार को बेहतर करना नहीं है, बल्कि कुछ चुनिंदा उद्योगपति दोस्तों को एकाधिकार का अवसर देना है। आज अमेरिका तक फेसबुक, गूगल और अमेजन जैसी संस्थाओं पर नियंत्रण के लिए विभिन्न तरह के नियम-कानून बना रहा है। सरकार ने 12 मंत्रालयों की 20 परिसंपत्तियों को निजी क्षेत्र को सौंपने के लिए चिह्नित किया है। इनका सांकेतिक मौद्रिक मूल्य सरकार ने 6 लाख करोड रुपये दिखाया है। इन परिसंपत्तियों के निर्माण में पिछले 70 साल के दौरान काफी मेहनत, बुद्धि और निवेश लगा है। अर्थशास्त्री कौशिक बसु ने भी कहा है कि इन परिसंपत्तियों को किराए के भाव बेचने का कार्य किया जा रहा है।


उन्होंने कहा कि यूपीए शासन काल में निर्णय किया गया था कि रणनीतिक परिसंपत्तियों का निजीकरण नहीं किया जाएगा। रेलवे लाइन और गैस पाइप लाइन को लेकर विशेष सतर्कता रखी जाती थी। राष्ट्रीय राजमार्ग भी हमेशा से रणनीतिक महत्व रखते रहे हैं। सरकारी संस्थानों को प्राइवेट हाथों में देने से पहले यूनियनों से बात कर उन्हें विश्वास में लेना सबसे जरूरी है। जिन 10 रेलवे स्टेशनों को बिक्री के लिए चुना गया है, ये सभी निवेश के लिहाज से आकर्षक रेलवे स्टेशन हैं। नई विशेष कंपनियों के कैग के बाहर होने से उनकी समीक्षा कभी संभव ही नहीं हो पाएगी।


इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू, राष्ट्रीय सचिव धीरज गुर्जर और मीडिया चेयरमैन नसीमुद्दीन सिद्दीकी, उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी मीडिया विभाग के संयोजक अशोक सिंह भी मौजूद थे।


टीम स्टेट टुडे


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