SC पहुंचा कोरोनाकाल में लोगों को लूटने और भारत सरकार को बदनाम करने वाली कांग्रेसी टूलकिट का मामला
कोरोना की दूसरी लहर सुनियोजित थी। संक्रमण के गहरे घावों के चलते इस षडयंत्र में लोगों की जान जाना भी निश्चित था। दवा, ऑक्सीजन, अस्पताल की किल्लत के साथ कालाबाजारी – मुनाफाखोरी के किस्से भी आम हो गए। एक तरह लोगों की जान जा रही थी तो दूसरी तरफ सरकार के खिलाफ लोगों में गम में डूबे लोगों के हवाले से सरकार के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा था।
अब तक चार बातें स्पष्ट रुप से सामने आईं हैं -
1- ऑक्सीजन इक्युपमेंट सप्लाई में जो नवनीत कालरा पकड़ा गया अदालत में उसकी पैरवी कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने की। जो सामान बाजार से खत्म होता उसे कांग्रेस नेता लोगों की मदद के नाम पर सप्लाई करने लगते।
2- प्रिंट, इलेक्ट्रानिक और सोशल मीडिया का एक बड़ा तबका कोरोना से निपटने के सरकार के प्रयासों, जागरुकता और जानकारियों से ज्यादा लोगों को डराने और नकारात्मक खबरों को प्रमुखता से दिखाता रहा।
3- कांग्रेस के पास एक टूलकिट मिली है जिसमें मौत के इस तांडव का प्रोग्राम यानी कब क्या करना है कैसे करना है बरामद हुआ है।
4- राज्यों में विपक्षी दलों की सरकारों ने कांग्रेस की योजना के मुताबिक केंद्र पर लगातार दबाव बनाया। कभी सुझाव, कभी कमी तो कभी अदालतों का सहारा लेकर केंद्र की घेरने की हर कोशिश की गई और लोगों को भड़काया गया।
कोरोनाकाल में केंद्र सरकार को देश और विदेश तक बदनाम करने की साजिश और उससे जुड़े सबूतों का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है।
बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर 'सबूत' पेश किए हैं। पात्रा का दावा है कि यह टूलकिट कांग्रेस द्वारा तैयार की गई और कोरोना काल में राजनीतिक लाभ लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दुनिया में देश की छवि खराब करने की तैयारी थी। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा के मुताबिक ये टूलकिट 'सौम्या वर्मा' ने तैयार की है।
कौन है टूलकिट तैयार करने की आरोपी सौम्या वर्मा
संबित पात्रा ने बताया कि सौम्या कांग्रेस सांसद एमवी राजीव गौड़ा के ऑफिस में काम करती हैं।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सौम्या वर्मा के सोशल मीडिया अकाउंट्स का ब्योरा और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी तथा गौड़ा के साथ उनकी कुछ तस्वीरें साझा कीं।
संबित पात्रा ने टूलकिट के स्रोत से संबंधित एक दस्तावेज भी जारी किया।
संबित पात्रा को कहां मिला टूलकिट और कैसे हुआ खुलासा
संबित पात्रा ने इंटरनेट मीडिया पर जो फोटोज शेयर की हैं, उनमें सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर एक टूलकिट डॉक्यूमेंट दिखाई दे रहा है। इसमें राइटर का नाम सौम्या वर्मा दिख रहा है। अगले कुछ फोटोज में ये महिला राहुल और सोनिया के साथ दिख रही हैं। एक और फोटो में इन्हें कांग्रेस के राज्यसभा सांसद राजीव गौड़ा के ऑफिस का मेंबर बताया गया है।
पात्रा ने लिखा है कि कांग्रेस कल ये जानना चाहती थी कि इस टूलकिट का राइटर कौन है। इस पेपर की प्रॉपर्टी चेक कीजिए। ऑथर- सौम्या वर्मा। सौम्या वर्मा कौन हैं? सबूत खुद बोल रहे हैं। क्या अब राहुल और सोनिया इस पर जवाब देंगे?
टूलकिट का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट
वहीं टूलकिट का मामला सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुंचा है। अधिवक्ता शशांक शेखर झा ने याचिका लगाकर पूरे मामले की एनआईए से जांच कराने की मांग रखी है। याचिका में कहा गया कि टूलकिट के जरिए सरकार के खिलाफ लोगों को भड़काने और दुनिया में भारत की छवि बिगाड़ने की योजना थी। याचिका में कहा गया है कि दोष साबित होने पर कांग्रेस की मान्यता रद हो।
क्या लिखा है टूलकिट में
1. कुंभ को बदनाम करो लेकिन ईद या रमजान की भीड पर चुप रहो।
2. समर्थक पत्रकारों से मदद लेकर कुंभ को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बदनाम करो।
3. नए वायरस को चीनी नहीं बल्कि भारतीय वायरस कहो।
4. नए स्टेन को "मोदी स्टेन" कहो।
5. पीएम केयर पर प्रश्न उठाओ और बदनाम करो।
6. विस्ता प्रोजेक्ट का विरोध करो।
7. प्रधानमंत्री मोदी की इमेज और ख्याति बढती जा रही है, इसको तोडने का ये एक अवसर है।
8. चिताओं की फोटो वायरल करो।
9. भारत की भरपेट बदनामी विदेशी पत्रकारों की तरह करो।
10. कोविड संसाधन जैसे बेड, औक्सीजन आदि को अपने लोगों को हॉस्पिटल में भर्ती कराकर ब्लॉक करो और हमारे कहने पर ही बेड खाली करो।
11. किसी ऐसे व्यक्ति की मदद न करें जो “इंडियन यूथ कांग्रेस ( IYC) को फेसबुक / ट्विटर टैग नहीं करता है।
12. पत्रकारों और अपने लोगों की मदद को प्राथमिकता दें।
13. मोदी को बराबर अंतराल पर भावनात्मक रूप से अपील करती हुई चिट्ठी लिखी जाए।
क्या कहा कांग्रेस सांसद राजीव गौड़ा ने?
गौड़ा ने एक ट्वीट में कहा कि "हमने पार्टी के लिए सेंट्रल विस्टा पर एक रिसर्च नोट तैयार किया था जो कि सही और तथ्य-आधारित है। मैंने कल ट्वीट किया था। पात्रा एक असली डॉक्युमेंट का मेटाडेटा दिखा रहे हैं और उसे एक फेक दस्तावेज से जोड़ रहे हैं।
क्या कहा योगगुरु रामदेव ने
योगगुरु रामदेव ने भी इस पूरे विवाद पर अपनी राय दी है। उन्होंने कहा, 'टूलकिट के माध्यम से कुंभ मेला और सनातन हिंदू धर्म को बदनाम करना सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक साजिश, पाप और अपराध है। जो लोग ऐसा कर रहे हैं उनसे हाथ जोड़कर प्रार्थना है आप राजनीति करिए लेकिन 100 करोड़ से ज्यादा हिंदुओं का अपमान मत करिए।' रामदेव ने कहा, "आप बहुत घिनौनी हरकत कर रहे हैं। देश आपको कभी माफ नहीं करेगा। देश के लोगों को ऐसी सनातन विरोधी और भारत विरोधी ताकतों का मिलकर बहिष्कार और विरोध करना चाहिए।"
टूलकिट सामने आने पर कांग्रेस ने कराई थी एफआईआर
कांग्रेस ने भाजपा पर ‘‘फर्जी टूलकिट’’ तैयार करने का आरोप लगाते हुए भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा सहित उसके वरिष्ठ नेताओं बीएल संतोष, स्मृति ईरानी, संबित पात्रा तथा कई अन्य के खिलाफ दिल्ली पुलिस में ‘जालसाजी’ की शिकायत दर्ज कराई।
क्या होती है टूलकिट
आम टूलकिट तो औजारों का सेट होती है लेकिन इंटरनेट के दौर में जो टूलकिट चर्चा में है उसे किसी मुद्दे, आंदोलन या अभियान के लिए बड़े वर्ग को प्रभावित करने के उपायों के संकलन के तौर पर समझ सकते हैं।
‘‘टूलकिट’’ एक प्रकार का दस्तावेज होता है जिसमें अपने अभियान को आगे बढ़ाने के लिए बिंदुवार मुद्दे होते हैं। अभियान को धार देने के उद्देश्य से इन्हीं मुद्दों पर विरोधियों को घेरने के लिए प्रचार-प्रसार किया जाता है।
टूलकिट जितनी विस्तृत और परिपूर्ण होगी, लोगों के लिए उतना ही उपयोगी साबित होगी। इनका प्रयोग राजनीतिक अपना एजेंडा चलाने या चुनाव अभियान के लिए भी करने लगे हैं।
कृषि कानून विरोधी प्रदर्शनों के दौरान ग्रेटा थनबर्ग की टूलकिट भी काफी चर्चा में रही थी।
टीम स्टेट टुडे
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