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महाराष्ट्र एटीएस 2 लोगों को 7 किलोग्राम यूरेनियम के साथ गिरफ्तार किया है। दोनों ही आरोपी बीते कुछ दिनों से यूरेनियम को बेचने के लिए ग्राहकों की तलाश में थे। जब्त किए गए यूरेनियम की बाजार में कीमत तकरीबन 21 करोड़ रुपये बताई जा रही है। मुंबई स्थित भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर के अधिकारियों ने इस यूरेनियम को वेरीफाई किया है। जिसके बाद में शिकायत दर्ज करवाई गई है।
विस्फोटक बनाने में हो सकता था इस्तेमाल
एटीएस अधिकारियों के अनुसार अगर यह यूरेनियम गलत हाथों में लग जाए तो इसका इस्तेमाल विस्फोटक बनाने में किया जा सकता है। आरोपियों ने किसी प्राइवेट लैब में भी इस यूरेनियम की जांच करवाई थी और लैब वालों ने यूरेनियम की प्योरिटी बताने में आरोपियों की मदद की थी।
शक के घेरे में लैब
महाराष्ट्र एटीएस प्राइवेट लैब की छानबीन करने में जुटी हुई है जहां से इस यूरेनियम की प्योरिटी टेस्ट करवाई गई थी आपको बता दें कि यूरेनियम का इस्तेमाल करें संवेदनशील चीजों को बनाने में किया जाता है 1 किलो यूरेनियम की कीमत 3 करोड़ रुपये के आसपास बताई जा रही है।
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लश्कर की ऑनलाइन भर्ती
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने पिछले साल पश्चिम बंगाल में दर्ज एक ऑनलाइन भर्ती मामले में बुधवार को लश्कर-ए-तैयबा के तीन सदस्यों के खिलाफ पहला अनुपूरक आरोपपत्र दायर किया। एनआइए ने आतंकवादी संगठनों के जिन तीन सदस्यों के खिलाफ यह आरोपपत्र दायर किया है उनमें एक फरार पाकिस्तानी महिला भी शामिल है।
एनआइए के प्रवक्ता ने कहा कि आरोपपत्र कोलकाता स्थित एनआइए की एक विशेष अदालत में तानिया परवीन उर्फ इसरानूर और रिफायत, मलयपुर-बदुरिया (उत्तर 24 परगना), सैय्यद एम इदरीस उर्फ मुन्ना, आंगनवाड़ी (कर्नाटक) और फरार आरोपी आयशा उर्फ आयशा बुरहान, आयशा सिद्दीकी, निवासी सरगोदा, पंजाब (पाकिस्तान) के खिलाफ दायर किया गया है।
प्रवक्ता ने कहा कि यह मामला पिछले साल 18 मार्च को उत्तर 24 परगना जिले के बदुरिया पुलिस थाने में दर्ज किया गया था। यह मामला पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन की सदस्य परवीन की गिरफ्तारी के बाद दर्ज किया गया था। एनआइए ने पांच अप्रैल, 2020 को इसकी जांच अपने हाथ में लेने के बाद मामला फिर से दर्ज किया था और परवीन के खिलाफ कड़े यूए (पी) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आरोपपत्र पहले ही दायर कर दिया है।
एनआईए की छानबीन में पता चला है कि परवीन एक कॉलेज छात्रा थी और उसे लश्कर के पाकिस्तान स्थित काडर द्वारा साइबर स्पेस में भर्ती किया गया था। वह लश्कर की महिला इकाई की आरोपी आयशा बुरहान के साथ कश्मीर में अलगाववादी विचार फैलाने वाले विभिन्न सोशल मीडिया समूहों की को-एडमिन थी।
परवीन भारत और पाकिस्तान में लश्कर के अन्य आरोपी सदस्यों के साथ मिलकर गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त थी और उसने व्यक्तियों को कट्टर बनाया और अन्य व्यक्तियों को भारत के खिलाफ जेहाद के लिए साइबर स्पेस के जरिये भड़काया।
15 अप्रैल को एनआइए ने इस मामले में स्कूल शिक्षक अल्ताफ अहमद राथर को उत्तरी कश्मीर के बांदीपोरा जिले स्थित उसके आवास से गिरफ्तार किया। अधिकारियों ने कहा कि हालांकि, आरोपपत्र में राथर का नाम नहीं लिया गया है लेकिन मामले की जांच अभी जारी है।
टीम स्टेट टुडे
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