मेरठ के सैनी से लेकर हस्तिनापुर तक भव्य स्वागत
पौराणिक नगरी हस्तिनापुर में महाभारत काल से ही मछुआ समाज का अहम योगदान रहा है
श्रृंगवेरपुरधाम की तर्ज पर हस्तिनापुर का इतिहास भी पुनर्जीवित होना चाहिए
राहुल गांधी, मायावती और अखिलेश को जनगणना पर बहस की खुली चुनौती
07 दिसम्बर 2024। निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल “निषाद पार्टी” के तत्वावधान में निकाली जा रही संवैधानिक अधिकार यात्रा का आज आठवें दिन जनपद मेरठ पहुँची। यात्रा आज जनपद मेरठ से सैनी से इंचौली से मसूरी से मवाना से हस्तिनापुर (अंबेडकर पार्क) से मकदूमपुर से जलालपुर से वीरनगर यात्रा अपने अगले पड़ाव के लिए प्रस्थान करेगी। यात्रा जनपद सहारनपुर से प्रारंभ हुई है और जनपद सोनभद्र तक 200 विधानसभा का सफ़र तय करेगी और यात्रा का समापन नई दिल्ली के इंदिरा गांधी स्टेडियम में किया जाएगा।
हस्तिनापुर में नाविकों से मुलाक़ात
डॉ. संजय निषाद हस्तिनापुर में मछुआ समाज के लोगो से मुलाक़ात करते हुए कहा कि हस्तिनापुर आकर हमेशा गर्व महसूस होता है, हस्तिनापुर की धरती से महारानी सत्यवती ने महाभारत काल में निषाद समाज को पहचान दिलाने का काम किया था। आज मछुआ समाज किसी परिचय का मोहताज नहीं है त्रेता में श्रृंगवेरपुर के महाराजा गुह्यराज निषाद जी ने भगवान राम को सबसे पहले किसी ने भगवान के रूप में देखा था और उनको अपने राज्य में रुकने के लिए आश्रय दिया था साथ ही नत्था लाल केवट जी ने प्रभू श्री राम जी को गंगा पार करवाई थी। द्वापर युग में महाभारत काल में भी निषाद समाज का गौरवशाली इतिहास रहा है। पूर्व की सरकारों ने निषाद समाज के सामाजिक दोहन को लेकर मछुआ समाज के गौरवशाली इतिहास को उजाड़ने का काम किया है।
उन्होंने कहा कि निषाद पार्टी बनाने का संकल्प उन्होंने श्रृंगवेरपुर धाम पर लिया था, और निषाद समाज के गौरवशाली इतिहास को पुनः जीवित करने को लेकर उन्होंने केंद्र व राज्य सरकार से लगातार माँग करते रहे थे, जल्द ही वो दिन आने वाला है जब देश के यशस्वी प्रधानमंत्री और प्रदेश के पूज्य मुख्यमंत्री जी श्रृंगवेरपुर धाम को तीर्थक्षेत्र घोषित करने वाले है, श्रृंगवेरपुर में महाराजा गुह्यराज निषाद जी और प्रभु श्री राम जी की 56 फीट की प्रतिमा बनकर तैयार हो गई है, महाराज गुह्य राज निषाद जी का ऑडिटोरियम बनाया जा रहा है, निषादराज पार्क बनकर लगभग तैयार हो गया है, अयोध्या से चित्रकूट तक बनाए जा रहे राम वन गमन पथ के दो चरणों का भी लोकार्पण करेंगे, पथ भी श्रृंगवेरपुर से होकर ही निकलेगा, जिस पर लगभग 4200 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं, यहां 1100 करोड़ रुपये में प्रदेश सरकार द्वारा गंगा पर पुल भी बनाया जा रहा है।
श्रृंगवेरपुर को वैश्विक स्तर पर पहचान मिलने जा रही है, जिससे की निषाद समाज का गौरवशाली इतिहास विश्वपटल पर प्रदर्शित होगा, उन्होंने कहा की मा० प्रधानमंत्री और यशस्वी मुख्यमंत्री जी से वो जल्द मुलाक़ात कर महाभारतक़ालीन नगरी हस्तिनापुर के इतिहास को भी श्रृंगवेरपुर धाम की तर्ज पर विकसित करने की माँग करेंगे। केंद्र व राज्य सरकार मछुआ समाज के हित में लगातार कदम उठा रही है और उन्हें पूर्ण विश्वास है कि मछुआ समाज के इतिहास को पुनःजीवित करने में श्रृंगवेरपुर धाम की तरह ही ध्यान दिया जाएगा।
जनगणना पर
उन्होंने कहा कि उन्हें ज्ञात हुआ है जल्द ही देश में जनगणना होने वाली है, मछुआ समाज से अपील करते हुए कहा कि केवट, मल्लाह, बिंद, कहार, धीवर, रायकवार, कश्यप, बाथम, तुरैहा, भर, राजभर समेत सभी अन्य 17 उपजातियों को अपनी गिनती संविधान में सूचीबद्ध अनुसूचितजाति मझवार और तुरैहा में करवाये। उन्होंने कहा कि 1961 की जनगणना के अनुसार उत्तर प्रदेश में 70 लाख मझवार की आबादी अंकित थी किंतु धीरे-धीरे वो गिनती बढ़ने की बजाय घटती चली गई और 2011 की जनगणना के अनुसार मझवार की आबादी 7 हज़ार रह गई है। (नोट:- मझवार सेंसस मैन्युअल 1961 एपेंडिक्स फॉर उत्तरप्रदेश के अनुसार अनुसूचितजाति के क्रमांक 53 नंबर पर अंकित है)
उन्होंने कहा कि आख़िर किस अधिकार के तहत पूर्ववर्ती सरकारों ने मझवार की संख्या को कम करने का कार्य किया है, आज विपक्ष में बैठे पूर्व के सत्ताधीश लोग जातीय जनगणना को लेकर घड़ियाली आंसू बहाते है उन्होंने कहा कि वो राहुल गांधी, अखिलेश यादव और मायावती को चैलेंज देते है आये और मझवार व तुरैहा की आबादी की में हुए हेर-फेर व कम होने के मामले पर खुली बहस करें, आख़िर 1961 के अनुसार 70 लाख मझवार की आबादी थी तो 2011 की जनगणना के अनुसार मझवार की आबादी 7 हज़ार कैसे रह गई, आख़िर समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी की बैसाखी पर चल रही 2011 में केंद्र की कांग्रेस सरकार ने कौन सी जनगणना करवाई थी कि आबादी कम हो गई। ऐसे में मछुआ समाज की सभी उपजातियों को मझवार और तुरैहा में गिनती करवाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार से भी बात करेंगे ताकि स्पष्ट हो सके उत्तर प्रदेश में मछुआ समाज (मझवार और तुरैहा) की कितनी आबादी है और पूर्व की सरकारों द्वारा किए गये अत्याचार और भ्रष्टाचार को भी जगज़ाहिर किया जाये।
डॉ. संजय निषाद ने स्पष्ट किया आगामी विधानसभा सत्र में निषाद पार्टी मछुआ आरक्षण के मुद्दे पर सदन में आवाज़ उठाएगी। कहा की संवैधानिक रथ यात्रा के माध्यम से मछुआ समाज को जोड़ने और उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने का काम किया जा रहा है, और प्रदेश के कश्यप, निषाद, केवट, बिंद, मल्लाह, कहार, धीवर, बाथम समेत अन्य 17 उपजातियों का अनुसूचितजाति का लाभ नहीं मिल जाने तक समाज को एकजुटता दिखानी होगी।
इस अवसर पर पूरन कश्यप , डॉ अमित निषाद , जगरोशन कश्यप , व्यास मुनि निषाद , अरविंद निषाद , अरुणा कश्यप, पप्पू कश्यप, मुकेश कश्यप, बाबू राम कश्यप, हरिओम कश्यप, बालेंद्र कश्यप, जनकन्दनी निषाद, गुंजा निषाद, एवं अन्य गणमान्य मौजूद रहे।
#meerut #rathyatra #nishadparty #matsyamantri #sanjaynishad
Комментарии