कोरोनाकाल में नौकरशाही बनाम डॉक्टरों की जंग खुलकर सामने आ गई है। इस जंग के केंद्र में है प्रधानमंत्री का संसदीय क्षेत्र वाराणसी। यहां 27 डॉक्टरों ने कोविड 19 से जुड़े समस्त प्रभारी पदों से सामूहिक इस्तीफा दे दिया है। साथ ही सीएमओ को पत्र भेजकर प्रशासनिक अफसरों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। समस्त प्रभारियों पर अनावश्यक दबाव बनाने से डॉक्टर भड़क गए हैं। प्रशासन की तरफ से डॉक्टरों पर मुकदमे दर्ज कराने की धमकी देने के बाद स्थिति ज्यादा बिगड़ गई। दरअसल कोरोना से हुई मौतों का जिम्मेदार प्रभारी डॉक्टरों को बताने से डॉक्टर भड़क गए।
कोरोना से आज हुई एसीएमओ डॉ जंगबहादुर की मौत पर गंभीर आरोप लगे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि मृतक एसीएमओ को बर्खास्त करने की धमकी दी गयी थी। जो चिट्ठी सीएमओ को लिखी गई है उसमें पूछा गय है कि एसीएमओ की मौत का जिम्मेदार कौन है।
जिस पर डाक्टरों का कहना है कि कि क्या प्रशासन एसीएमओ की मौत की जिम्मेदारी लेगा। इसके अलावा बड़ी बात ये भी है कि आज कोरोना से जान गंवाने वाले वाराणसी के एसीएमओ डॉ जंग बहादुर का शव भी बदल दिया गया। एसीएमओ के परिवार ने पूर्व इंस्पेक्टर के पिता का दाह संस्कार कर दिया। इस बीच पूर्व इंस्पेक्टर का परिवार बीएचयू अस्पताल पर मुकदमा दर्ज कराने की तैयारी में है।
टीम स्टेट टुडे
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