कोरोना कर्फ्यू का समय बदला, प्रवासियों पर सख्ती, यूपी में बेकाबू हालात पर काबू के लिए सीएम ने जारी कीं नई गाइडलाइंस
उत्तर प्रदेश में हर दिन कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा एक नया रिकार्ड ही बना रहा है। लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी, कानपुर, गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, मेरठ और गोरखपुर में तो हालात बद से बदतर हैं। सरकार ने फिलहाल उत्तर प्रदेश में बेकाबू हो रहे कोरोना संक्रमण को देखते हुए 10 जिलों में नाइट कर्फ्यू सख्त कर दिया गया है। इन 10 जिले में कोरोना संक्रमण का सबसे ज्यादा प्रभाव हैं। इन जिलों में नाइट कर्फ्यू का समय रात 8 बजे से सुबह 7 बजे तक कर दिया गया है। ये फैसला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कोविड संक्रमण के लिए की गई एक वर्चुअल मीटिंग में लिया है।
कोरोना संक्रमण से बुरी तरह जूझ रहे जिलों में नाइट कर्फ्यू के लिए सख्त मानक भी तय किये हैं। नए मानकों के अनुसार अब जिन जिलों में 2000 से ज्यादा कोरोना के एक्टिव केस होंगे, वहां सख्त नाइट कर्फ्यू लगा दिया जाएगा।
आपको याद दिला दें कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद कोरोना संक्रमण का शिकार हो गए हैं। वो वर्चुअल बैठकों के जरिए प्रदेश की चिंता कर रहे हैं और फैसले ले रहे हैं। यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी कोरोना संक्रमण का शिकार हैं।
लखनऊ के लिए आदेश
प्रवासी मजदूरों के लिए जारी किए गए दिशा-निर्देश
यूपी सरकार ने प्रवासी मजदूरों की वापसी को लेकर मंडलायुक्तों व जिलाधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए हैं। इस संबंध में अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने पत्र लिखकर दिशा-निर्देश जारी किए हैं। प
जिले में पहुंचने पर जिला प्रशासन द्वारा यह सुनिश्चित किया जाएगा कि प्रत्येक प्रवासी की स्क्रीनिंग के साथ-साथ पता व मोबाइल नंबर के साथ लाइन लिस्टिंग तैयार की जाए।
जिले के क्वारंटीन स्थल पर पहुंचने पर प्रत्येक प्रवासी व्यक्ति के नाम, पता व मोबाइल नंबर के साथ संपूर्ण विवरण का एक रजिस्टर तैयार किया जाए। इस रजिस्टर में क्वारंटीन सेंटर पहुंचने वाले और क्वारंटीन सेंटर से घर भेजे जाने वाले प्रत्येक व्यक्ति का पूरा विवरण मौजूद हो। रजिस्टर पर प्रवासियों के हस्ताक्षर भी मौजूद हों।
अगर प्रवासियों के घर में क्वारंटीन होने की व्यवस्था नहीं है तो उन्हें प्रशासन की तरफ से बनाए गए क्वारंटीन सेंटर में रखा जाए।
इस दौरान प्रवासियों को भी निर्देश दिया गया है कि क्वारंटीन के दौरान वह भी सावधानियां बरतेंगे और अपने घर के अलग कमरे में रहेंगे और मास्क या फिर गमछे का प्रयोग करेंगे।
दिशा-निर्देशों में परिवार के 60 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्ग, गर्भवती महिलाओं व मधुमेह, उच्च रक्तचाप और हृदय रोगियों को क्वारंटीन किए गए व्यक्ति से अलग रहने के लिए कहा गया है।
यदि प्रवासी व्यक्ति व उसके परिवार के किसी सदस्य को बुखार व खांसी के लक्षण होते हैं तो इसकी सूचना चिकित्साधिकारी को दी जाएगी और उसे पैरासीटामाल देकर घर में ही क्वारंटीन रहने के लिए कहा गया है।
केजीएमयू और बलरामपुर में सिर्फ कोरोना मरीजों का इलाज
लखनऊ में मरीजों की संख्या इतनी हो गई है कि अस्पतालों में बेड फुल हो गए हैं। आसपास इलाकों से रेफर होकर आने वाले मरीजों को भी इलाज नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में योगी ने निर्देश दिए हैं कि लखनऊ में अन्य जनपदों के मरीजों का आगमन को देखते हुए अतिरिक्त व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा कि केजीएमयू और बलरामपुर हॉस्पिटल को पूरी तरह से कोविड डेडिकेटेड हॉस्पिटल के रूप में तैयार किया जाए।
सरकारी अस्पतालों के अलावा लखनऊ में प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों टीएस मिश्र हॉस्पिटल, इंटीग्रल और हिन्द मेडिकल कॉलेज को भी डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल के रूप में तत्काल विस्तारित करने का आदेश दिया गया है। योगी ने कहा कि इन अस्पतालों में अगले 2 दिनों में के अंदर अतिरिक्त बेड्स उपलब्ध कराए जाएं।
ऑक्सिजन और रेमडेसिविर इंजेक्शन की निगरानी के आदेश
कोविड से बचाव के लिए उपयोगी रेमडेसिविर और ऑक्सिजन की उपलब्धता पर निगरानी के आदेश दिए गए हैं। योगी ने कहा कि मुख्य सचिव के स्तर से इस पर नजर रखी जाएगी और रोज समीक्षा की जाएगी।
उन्होंने कहा कि सभी जनपदों में कोविड मरीजों के लिए बेड या ऑक्सिजन की कोई कमी नहीं है। हर दिन इस स्थिति की जिलेवार समीक्षा की जाए। यह सुनिश्चित करें कि प्रत्येक जनपद में कोविड बेड, दवाओं, मेडिकल उपकरणों तथा ऑक्सिजन की पर्याप्त उपलब्धता बनी रहे।
टीम स्टेट टुडे
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