उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ वैक्सीन की हो रही बर्बादी पर बेहद नाराज हैं। उन्होंने स्पष्ट रुप से कहा है कि वैक्सीन की बर्बादी हर हाल में रुकनी चाहिए।
आपको बता दें कि कोविशील्ड हो या कोवैक्सीन, एक शीशी में वैक्सीन की दस डोज़ होती हैं। कई बार ऐसा होता है कि शीशी खुलने के बाद निर्धारित संख्या में लोगों के ना पहुंचने पर वैक्सीन बर्बाद हो जाती है। कई बार रखरखाव की लापरवाही से भी वैक्सीन बेकार हो जाती है।
संक्रमण रोकने और कोरोना से मुकाबले के लिए वैक्सीनेशन ही मौजूदा विकल्प है। वैक्सीनेशन सेंटर पर गतिविधियों का निरीक्षण करने के क्रम में सीएम योगी लखनऊ में कोरोना वैक्सीनेशन के कैम्प पहुंचे। उन्होंने लखनऊ में सूचना निदेशालय में पत्रकार और उनके स्वजन के कैम्प का निरीक्षण करने के साथ ही लाभार्थियों को कार्ड भी प्रदान किया।
अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल तथा निदेशक सूचना शिशिर सिंह की मौजूदगी में अभियान के निरीक्षण के साथ ही लाभार्थियों को कार्ड भी प्रदान किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि वैक्सीनेशन हर व्यक्ति का हो ये मंशा केंद्र और राज्य सरकार की है। इस बड़े अभियान में हमको वैक्सीन की वेस्टेज को बचाना होगा। हमारा प्रयास रहे कि हम इसकी एक भी बूंद बर्बाद न होने दें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस दौरान अधिकारियों को निर्देश दिया कि कोरोना की रोकथाम के लिए लगाई जा रही वैक्सीन की बर्बादी जीरो की जाए और इसका प्रचार भी कराएं। जिससे वैक्सीन की बर्बादी को रोका जा सके।
टीकाकरण की जानकारी लेने मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ सूचना एवं जनसंपर्क कार्यालय पहुंचे। यहां पर पत्रकारों और उनके परिवार के लोगों को टीका लगाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इलाहाबाद हाईकोर्ट के वैक्सीनेशन सेंटर का भी निरीक्षण किया। इस दौरान उनके साथ वरिष्ठ न्यायमूर्ति ऋतुराज अवस्थी, एएजी विनोद शाही, अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल व पुलिस कमिश्नर लखनऊ डीके ठाकुर भी थे।
हाईकोर्ट में निरीक्षण के दौरान एडीशनल एडवोकेट जनरल विनोद शाही ने खाली पड़ी हाईकोर्ट डिस्पेंसरी को कोविड हॉस्पिटल बनाने का सुझाव दिया। सीएम योगी आदित्यनाथ ने उनके सुझाव पर सहमति जताई और कहा कि शासन को प्रस्ताव भेजें। इस पर जस्टिस ऋतुराज अवस्थी ने अपने मातहतों को आज ही प्रस्ताव भेजने का निर्देश दिया।
टीम स्टेट टुडे
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