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क्यों फेफड़ों पर अटैक कर रहा है कोरोना वायरस- क्या हैं लक्षण और कैसे बचें



कोविड बिहेवियर अब जीवन का हिस्सा है। अगर आप मॉस्क पहनते हैं, सोशल डिस्टेंसिंग रखते हैं, सेनेटाइजर और साबुन का समय समय पर इस्तेमाल करते हैं तो समझिए कि कोविड बिहेवियर जानते हैं और आखिर-आखिर तक कोरोना वायरस के संपर्क में आने से बचे रहेंगें।


फिर भी बहुत सारे लोग ऐसे हैं जो तमाम सावधानियों के बावजूद संक्रमण का शिकार हो गए। सिर्फ इतना ही नहीं लोग गंभीर रुप से बीमार हुए और ज्यादातर के फेफड़ों में संक्रमण हुआ।


अगर आपको चेस्ट इंफेक्शन या फेफड़ों में संक्रमण हुआ है तो पहले लक्षण समझिए

  • क्या आपको को सांस लेते समय अपने सीने में हल्का या तीखा दर्द महसूस हो रहा है?

  • क्या सूखी खांसी है और खांसते समय सीने में दर्द महसूस होता है?

  • और क्या सीने के निचले हिस्से में दर्द या फेफेड़ों में सूजन महसूस हो रही है?


अगर ऐसा कोई भी लक्षण आपको लगता है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करके इलाज शुरू कर देना चाहिए।


डॉक्टर बताते हैं कि ये ऐसे लक्षण हैं जहां फेफड़े खुद बता रहे हैं कि उन तक संक्रमण पहुंच चुका है।

खतरे की बात यह भी है कि अधिकतर मामलों में लक्षण सामने आने तक 20 से 25 फीसदी तक फेफड़े संक्रमित हो चुके होते हैं। इसी लिए लोगों को कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की आवश्यकता पड़ी।

कोरोना वायरस का नया रूप सीधे फेफड़ों को संक्रमित करने लगा है। इसकी वजह से सांस लेने में दिक्कत हो रही है। अगर मरीज की उम्र ज्यादा है और उसे हृदय रोग, कैंसर या डायबिटीज है तो यह लक्षण गंभीर अवस्था में मिल रहे हैं।


क्यों है फेफड़ों पर संकट


वायरस का यह नया रूप हमारे शरीर के श्वसन मार्ग में तेजी से फैलता है। 80 फीसदी में यह लक्षण हल्के या मध्यम श्रेणी के हैं। सामान्य संक्रमण निमोनिया और फेफड़ों के गहन संक्रमण बदल जाता है जिससे फेफड़े में सूजन आ जाती है। यह संकेत है कि वे (फेफड़े) कोरोना से लड़ रहे हैं। एक हिस्से में हुआ संक्रमण धीरे-धीरे और मरीज अगर कमजोर हुआ तो तेजी से समस्त फेफड़ों को संक्रमित कर सकता है।


क्या होता है नतीजा


संक्रमण से मरीज के निमोनिया, सांस लेने में बहुत ज्यादा दिक्कत, फेफड़ों का कॉलेप्स कर जाना और कुछ मामलों में मौत तक हो सकती है। निमोनिया के दौरान फेफड़ों में पानी भरने लगता है उससे आई सूजन सांस लेने में दिक्कत और तेज खांसी की वजह बनती है, ऑक्सीजन लेवल घटने लगता है। ऐसे मरीजों को ऑक्सीजन न मिले तो उनकी मौत हो सकती है।


ज्यादातर ऐसे हैं जो ठीक हो रहे हैं


एक राहत की बात यह है कि इस निमोनिया से अधिकतर मरीज ठीक हो रहे हैं। उनके फेफड़ों पर लंबे समय के लिए नुकसान भी नहीं हो रहा है। हालांकि कुछ मामलों में सांस लेने में दिक्कत लंबे समय तक बनी रह सकती है।


कैसे बनाएं फेफड़ों को मजबूत


  • एक सामान्य स्वस्थ व्यक्ति रोजाना 30 से 60 मिनट तक ऐसे शारीरिक व्यायाम करे जिसमें उसे हांफना पड़े।

  • वैज्ञानिकों के अनुसार इससे फेफड़ों की कार्यप्रणाली बेहतर होती है, वे ज्यादा ऑक्सीजन ग्रहण करके शरीर को पहुंचाते हैं।

  • इन व्यायाम में दौड़ना, साइकिल चलाना, तैराकी आदि प्रमुख हैं।

  • गहरी सास लेने की प्रैक्टिस करें जिससे फेफड़े ज्यादा खुलते हैं, उनकी कार्य क्षमता बेहतर होती है।

  • इससे भी शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ती है।

  • फेफड़ों की सेहत सुधारने के लिए केले, सेब, टमाटर, अंगूर आदि का सेवन करें, जिनमें प्राकृतिक एंटी ऑक्सिडेंट होते हैं, यह फेफड़े की सूजन को कम करने में मदद करते हैं।


टीम स्टेट टुडे


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