जब तक दवाई नहीं तब तक ढिलाई नहीं। फिलहाल भारत में कोरोना के खिलाफ जंग में ये नारा खूब चल रहा है। दो गज की दूरी और मास्क है जरुरी के बाद अनलॉक के इस दौर में बहुत कुछ पटरी पर आया है और बहुत कुछ सामान्य होना अभी बाकी है। लेकिन खतरे की घंटी इस बार फ्रिज के भीतर से बजी है। मामला भले चीन में सामने आया हो लेकिन भारत की जनता जिस तरह बेपरवाह होती है उससे खतरा बढ़ जाता है।
'फ्रोजन फूड पैकेजिंग के संपर्क में आने से आप कोरोना वायरस का शिकार हो सकते हैं। चाइनीज सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन (सीडीसी) ने इसे लेकर चेतावनी जारी की है। चीन ने इस साल सितंबर में 19 देशों की 56 कंपनियों से आए रेफ्रिजेरेटेड फूड को सस्पेंड कर दिया था, जहां कुछ स्टाफ मेंबर्स कोविड-19 से संक्रमित पाए गए थे।
पैकेट में बंद रेफ्रिजेरेटेड फूड पर एक्टिव कोरोना वायरस मिला है। यह घटना उस वक्त सामने आई जब सीडीसी पिछले सप्ताह क्विंगदाओ में आए कोविड-19 के प्रकोप की वजह को खंगालने में जुटा हुआ था।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह पहली ऐसी घटना है जहां एक पब्लिक ऑथोरिटी ने स्वीकार किया है कि फ्रोजन फूड पैकेजिंग के जरिए जीवित कोरोना वायरस काफी दूर तक फैल सकता है और लोगों को संक्रमित कर सकता है।
बता दें कि एक्सपर्ट्स ने पहले भी सूचित किया था कि कम तापमान में कोरोना ही नहीं बल्कि कोई भी वायरस ज्यादा देर तक सर्वाइव कर सकता है। ऐसे में किसी प्रोडक्ट के सरफेस पर रहने वाले कोरोना वायरस की लाइफ रेफ्रीजेरेटर में रहने से ज्यादा हो सकती है यानी वो ज्यादा देर तक एक्टिव रह सकता है।
टीम स्टेट टुडे
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