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आयुर्वेद पद्धति को फिर से अपनाने की जरूरतः दिनेश कुमार सिंह (मंडलायुक्त, बाँदा)


दिनेश कुमार सिंह (कमिश्नर बाँदा)
दिनेश कुमार सिंह (कमिश्नर बाँदा)


-450 बच्चों को दी गई स्वर्ण प्राशन की खुराक
-बच्चों और महिलाओं का हुआ स्वास्थ्य परीक्षण
-अभिभावकों को बांटे इम्यूनिटी वर्धक आयुष क्वाथ

बांदा। कोरोना संक्रमण की पहली और दूसरी लहर में बुजुर्ग, युवा और महिलाएं इसकी चपेट में आए। अब तीसरी लहर में बच्चों के प्रभावित होने का अंदेशा जताया जा रहा है। इसलिए शासन व स्वास्थ्य महकमा बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए तैयारी में जुटा हुआ है। बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आयुष विभाग ने स्वर्ण प्राशन की निःशुल्क खुराक पिलाने की शुरूआत की है। यह बातें शिविर में बच्चों को स्वर्ण प्राशन की खुराक पिलाते हुए मंडलायुक्त दिनेश कुमार सिंह ने कहीं।


मंडी समिति स्थित राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय में सोमवार को आयोजित निःशुल्क स्वर्ण प्राशन शिविर में मंडलायुक्त ने कहा कि ऐसा अंदेशा जताया जा रहा है कि कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर बच्चों को प्रभावित कर सकती है। कई साल पहले आयुर्वेद के जरिए ही बच्चों में इम्युनिटी विकसित की जाती थी। हजारों साल पुरानी आयुर्वेद पद्धति को फिर अपनाने की जरूरत है। क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डा. नीरेन्द्र बहादुर सिंह ने कहा कि स्वर्ण प्राशन शारीरिक ही नहीं मानसिक क्षमता भी बढ़ाता है। इसके अलावा पाचन शक्ति में सुधार लाता है। बच्चों को दीर्घायु, ओजस्वी व तेजस्वी बनाता है। उन्होंने बताया कि आयुर्वेदिक दवाओं को कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है।


चिकित्सा प्रभारी डा. नीरज सोनी ने बताया कि शिविर में शून्य से 16 वर्ष तक के 450 बच्चों को आयुर्वेदिक स्वर्ण बिंदु की ड्राप पिलाई गई। इसके साथ ही अभिभावकों को कोरोना से बचाव के लिए इम्यूनिटी वर्धक आयुष क्वाथ वितरित किए गए। डा. ऊषा अहिरवार ने महिलाओं और बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया। शिविर में फार्मेसिस्ट राजेन्द्र बाबू मिश्रा, वार्ड ब्वाय चंद्रपाल, वार्ड आया जमुना देवी, स्वच्छक राजू एवं सुनील कुमार, राजरानी, अंशिका, कल्पना, आयुकल्प फार्मा प्रा0 लि0 के सेल्स आफीसर अखिलेश सविता व दिनेश कुमार शुक्ला उपस्थित रहे।


स्वर्ण प्राशन से शरीर में बनती हैं एंटीबाडीज


आयुर्वेदिक चिकित्सक डा. नीरज सोनी बताते हैं कि स्वर्ण प्राशन पर लखनऊ पीजीआई के डाक्टरों, आयुर्वेदिक वैद्यों एवं सेंटर फार बायोलाजिकल रिसर्च के वैज्ञानिकों ने मिलकर रिसर्च की। इसमें पाया गया कि स्वर्ण बिंदु प्राशन की ड्राप पिलाने से बच्चों के अंदर जबरजस्त रूप से एंटीबाडी बनती है जो कि कोराना से बचाव में सहायक है। स्वर्ण प्राशन से बच्चों के खून में इम्यून सेल्स और टी-सेल्स में इजाफा होता है। इसके किसी भी प्रकार के साइड इफैक्ट भी सामने नहीं आए। एंटीबाडी न बनने या खत्म होने की अवस्था में टी-सेल ही कोरोना या अन्य संक्रामक रोगों से शरीर की रक्षा करता है।



संदीप तिवारी (संवाददाता, बांदा)
संदीप तिवारी (संवाददाता, बांदा)

रिपोर्ट - संदीप तिवारी, बांदा

टीम स्टेट टुडे



















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