आप माने या ना माने, आप सतर्क हों या ना हों, आप कोविड गाइडलाइंस का पालन करें या ना करें, हकीकत ये है कि कोरोना की रफ्तार बढ़ चुकी है। उत्तर प्रदेश में भले लॉकडाउन ना लगा हो, सरकार सख्ती ना कर रही है लेकिन सच तो ये है कि सरकारी अस्पतालों में कोरोना के मरीजों की बाढ़ आ चुकी है। अस्पतालों में ना तो बेड हैं और ना ही वर्तमान में कोरोना का इलाज क्योंकि कोरोना की दवा नहीं है। अभी सिर्फ वैक्सीन आई है जो कोरोना वायरस के प्रति शरीर में प्रतिरोधक क्षमता विकसित करती है।
राजधानी लखनऊ में कोरोना से मरने वालों का सिलसिला तेज है। पहले की तरह अखबार, न्यूज चैनल और वेबसाइट्स भले कोविड की खबरों से भरे ना हों लेकिन अगर आप अब भी सचेत ना हुए तो कोरोना मार देगा। ये सीधी सपाट बात इसलिए क्योंकि राजधानी लखनऊ के जानकीपुरम का एक मामला दिल दहलाने के लिए काफी है।
इलाके की एक कॉलोनी में एक महिला को बीते दस दिन से शरीर में हल्के फुल्के दर्द की शिकायत थी। डॉक्टर को दिखाया, दवा ली। होली के एक दिन पहले हालत ज्यादा खराब हुई तो परिवार वाले अस्पताल ले गए। लोहिया अस्पताल में बेड नहीं थे, मेडिकल कालेज में भी जगह नहीं मिली, फिर चंदन हास्पिटल ने एडमिट करने से मना किया और आखिर में चरक हास्पिटल में जगह मिली तो वेंटिलेटर पर डाल दिया। दो दिन इलाज के बाद महिला की मौत हो गई। मौत से सिर्फ आधा घंटा पहले जुगाड़ लगाकर लोहिया में भर्ती हुई महिला को जब अस्पताल प्रशासन ने शव देने से मना किया तब पता चला कि महिला कोरोना से पीड़ित थी।
इसलिए अगर आप किसी मुगालते में हैं कि कोरोना जा चुका है या कोरोना हमें टच भी नहीं कर सकता तो आप सिर्फ अपनी जान खतरे में डाल रहे हैं।
कोविड गाइडलाइंस का पालन कीजिए। मॉस्क लगाइए, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कीजिए, खुद को सेनेटाइज़ कीजिए, हाथों को बार-बार साबुन से धोइये, और बाहर से आने के बाद गर्म पानी से नहाइये। वो सब कुछ कीजिए जो बीते साल आप लॉकडाउन के दौरान डर से सचेत रहने के चलते कर रहे थे।
राजधानी लखनऊ में ही बीते दिनों शिक्षा विभाग में कोरोना बम फूटा और करीब दर्जन भर लोग संक्रमित निकले। अब यूपी के वित्त विभाग में कोरोना बम फटा है। विशेष सचिव ओपी द्विवेदी सहित दर्जनों सचिवालय कर्मी कोरोना की चपेट में आ गए हैं। वित्त विभाग का अनुभाग E --11 सबसे ज़्यादा प्रभावित हुआ है। इसी सेक्शन से गृह और समाज कल्याण का बजट जारी होता है। आशंका व्यक्त की जा रही है कि किसी फाइल के ज़रिए वित्त विभाग तक कोरोना पहुंचा है। वित्त विभाग पर साल के अंत में 31 मार्च से पहले पहले स्वीकृतियां जारी करने का भारी दबाव रहता है। एहतियातन प्रभावित अनुभागों को सील किया जा रहा है।
लखनऊ में रविवार को 439 और सोमवार को 499 कोरोना मरीज मिले हैं। दो लोगों की मौत हुई है। जबकि पूरे प्रदेश में बीते चौबीस घंटे में एक हजार से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं। प्रदेश में एक्टिव कोरोना केसेज़ की संख्या 2600 के पार पहुंच गई है। सिर्फ इतना ही नहीं भारत में बीते 24 घंटे के दौरान कोरोना के 56,211 नए मामले सामने आए हैं और 271 लोगों की मौत हुई है। हालांकि इस दौरान 37,028 लोग कोरोना संक्रमण से मुक्त हुए हैं। पूरे देश में अबतक करीब 6,11,13,354 लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाई जा चुकी है।
बाकी देश की बात करें तो पंजाब, महाराष्ट्र, दिल्ली, गुजरात, मध्यप्रदेश में स्थिति बेकाबू है। राज्य सरकारें नाइट कर्फ्यू और कुछ शहरों में लॉकडाउन पहले ही लगा चुकी है। वर्तमान स्थिति को देखते हुए जानकारी मिल रही है कि यहां पूर्ण बंदी के दिन लौट सकते हैं।
टीम स्टेट टुडे
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