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कोरोना से जुड़ी ये बड़ी खबर पढ़ कर लीजिए राहत की सांस



रिपोर्ट - आदेश शुक्ला


सावधानी हटी- दुर्घटना घटी। खबर से पहले सचेत करना जरुरी है क्योंकि अगर आप सावधान ना रहे तो समस्या हो सकती है। वैसे खबर राहत भरी और सुकून देने वाली है।


जानकार कह रहे हैं कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर का चरम यानी पीक अब जा रहा है और काफी हद तक जा चुका है। 2021 के फरवरी महीने से शुरु हुई ये लहर अप्रैल के अंत तक कहर बरपाती रही। इस दौरान में 4 लाख से अधिक मामले रोजाना सामने आए थे, लेकिन 9 मई के बाद से इनमें गिरावट का रुख दिखाई दे रहा है, जो इस बात का संकेत है कि हम सही तरीके से इस महामारी से लड़ रहे हैं।


कोरोना महामारी की दूसरी लहर के पीक और इसके जाने का समय भी चर्चा का विषय है। सफदरजंग अस्‍पताल के कम्‍यूनिटी मेडिसिन डिपार्टमेंट के प्रोफेसर और हैड डॉक्‍टर जुगल किशोर का कहना है कि अगर इसी तरह संक्रमण का ग्राफ गिरता रहा तो ये लहर अधिकतम दस दिनों से लेकर दो सप्‍ताह के बीच में खत्‍म हो जाएगी।


प्रोफेसर जुगल किशोर का कहना है कि भारत में दूसरी लहर का जाना कई बातों पर निर्भर करता है।


  • सबसे प्रमुख है हम कोविड नियमों का कड़ाई से पालन करें और इस वायरस को फैलने से रोकने में अपनी भूमिका स्‍पष्‍ट करें।

  • अगर लोगों की सड़कों पर आवाजाही जारी रही और बाजारों में भीड़-भाड़ बढ़ी तो दूसरी लहर के खत्‍म होने का समय भी उसी तेजी के साथ आगे बढ़ जाएगा।

  • अधिक से अधिक लोगों को वैक्‍सीन लगने के साथ ही कोरोना का कहर कम होता जाएगा।

  • लोगों ने पिछले महीनों में चूक की जब समय रहते वो वैक्सीन लगवाने नहीं गए और अब वैक्सीनेशन का दायरा बढ़ने पर भीड़ के रुप में दिख रहे हैं।

  • वैक्‍सीन मिल जाने से इस वायरस को फैलने से रोका जा सकता है।

  • एक्टिव मामलों में जैसे-जैसे गिरावट आएगी वैसे-वैसे ही दूसरी लहर का प्रकोप भी थमने लगेगा। संक्रमण की चपेट में आने के दो या तीन दिन के बाद इससे संबंधित परेशानियों का दिखाई देना शुरू हो जाता है। ऐसे में आने वाले दस दिन बेहद खास होते हैं।

  • मरीज के साथ साथ उसके संपर्क में आने वाले लोगों के लिए भी ये समय बेहद अहम होता है।

  • इस दौरान यदि किसी को कोई परेशानी नहीं होती है तो ये अच्‍छी बात है, लेकिन यदि होती है तो उसको अपने आपको आइसोलेट कर लेना चाहिए।

  • एक्टिव केस का कम होना इस बात का भी सुबूत होता है कि हमारे कांटेक्‍ट कम हो रहे हैं, जो हमारी अपनी कड़ाई या नियमों के पालन की वजह से हुए हैं।

  • बड़ी संख्या में लोग दूसरी लहर की चपेट में आए और ठीक हुए ऐसे में वायरस के खिलाफ लोगों की इम्यूनिटी बढ़ी है।

  • इम्‍यूनिटी के बल पर उबरने वालों के संपर्क में जो लोग आए होंगे उनमें से कुछ ही ऐसे होंगे जिन्‍हें अस्‍पताल जाने की जरूरत महसूस होगी।


टीम स्टेट टुडे


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