कोरोना का कहर क्या क्या दिन दिखाएगा कहना मुश्किल है। एक वायरस शरीर को इस तरह तबाह कर रहा है कि अगर जान बच भी जाए तो तरह तरह की समस्याएं पैदा हो रही हैं। अनिद्रा, थकान, सिरदर्द, पेट में गड़बड़ी ये सब समस्याएं तो साइड इफेक्ट के रुप में थी हीं अब क्षय रोग यानी टीबी का भी खतरा बढ़ गया है।
देश में ऐसे कई मामले सामने आए हैं जिसमें कोरोना संक्रमण से उबरने के बाद लोग स्वस्थ तो हुए लेकिन उन्हें खांसी की समस्या पैदा हो गई। लगातार खांसी आने से टीबी का खतरा बढ़ गया है। अब केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने सभी कोरोना संक्रमित होकर ठीक हो चुके लोगों को क्षय रोग यानी टीबी की जांच कराने का सुझाव दिया है। ये सुझाव उनके लिए है जिनकी खांसी बंद नहीं हो रही।
हाल ही में कोरोना से संक्रमित मरीजों में टीबी के मामलों में अचानक बढ़ोत्तरी देखी गई है। हर दिन करीब दर्जनभर मामले सामने आने से सरकार भी चिंतित है।
मंत्रालय के मुताबिक ब्लैक फंगस की तरह यह भी एक 'अवसरवादी' संक्रमण है, लेकिन कोविड-19 की वजह से टीबी के मामलों में वृद्धि के फिलहाल पर्याप्त सबूत नहीं हैं।
मंत्रालय ने कहा कि 2020 में कोविड रोधी प्रतिबंधों के चलते टीबी के मामलों में लगभग 25 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई।
सार्स-कोव-2 संक्रमण व्यक्ति के लिए टीबी का जोखिम बढ़ा सकता है। इसलिए अगर आपको ऐसा लगता है कि आप कोरोना संक्रमण से उबर चुके हैं। आपने वैक्सीन की पहली या दोनों खुराक ले लीं है बावजूद इसके खांसी की समस्या रह रह कर बनी है तो टीबी की जांच अवश्य करा लीजिए।
आपको बता दें कि भारत में टीबी का सही और पूरी तरह से ठीक करने का इलाज मौजूद है। इसलिए परेशान होने से बेहतर है टीबी की जांच अगर पाजिटिव होती है तो कोर्स करके इससे पूरी तरह निजाद पाई जा सकती है।
टीम स्टेट टुडे
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