वैक्सीनेशन पर देश भर में मची उठापटक के बीच केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि दूसरी डोज लगाने को वरीयता दी जाए। केंद्र का कहना है कि उसकी तरफ से जो वैक्सीन की सप्लाई की जा रही है, उसमें से 70 फीसद का इस्तेमाल दूसरी डोज लगाने में करें। साथ ही टीके की बर्बादी कम करने और प्राथमिकता समूह में शामिल लोगों का टीकाकरण भी सुनिश्चित करने को कहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण और कोरोना पर गठित अधिकारिता समूह के चेयरमैन डॉ. आरएस शर्मा ने राज्य के अधिकारियों के साथ महामारी के हालात की समीक्षा के दौरान ये बातें कहीं।
प्राथमिकता समूह वाले लोगों का टीकाकरण सुनिश्चित हो
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से यह भी स्पष्ट कर दिया गया कि जिस राज्य में भी राष्ट्रीय औसत से ज्यादा वैक्सीन डोज की बर्बादी होगी, उसके आगे के कोटे में उसे समायोजित कर दिया जाएगा यानी जो राज्य राष्ट्रीय औसत से ज्यादा जितनी डोज बर्बाद करेगा, उसे उतनी कम डोज मिलेगी। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि राज्यों से अनुरोध किया गया है कि पहली डोज ले चुके लोगों को प्राथमिकता के आधार पर दूसरी डोज लगाएं।
इसके लिए राज्य केंद्र से मिलने वाली डोज का 70 फीसद हिस्सा रिजर्व रख सकते हैं। 30 फीसद का इस्तेमाल पहली डोज लगाने में कर सकते हैं।
मंत्रालय ने यह भी बताया कि राज्यों को अब तक केंद्र की तरफ से कोरोना रोधी वैक्सीन की 18 करोड़ से ज्यादा डोज दी जा चुकी हैं। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने इनमें से 17.09 करोड़ डोज का इस्तेमाल किया है और उनके पास अभी 90.31 लाख डोज बची हैं। अगले तीन दिनों में इन्हें वैक्सीन की 7.29 लाख और डोज दे दी जाएंगी।
जनता के बीच जागरुकता फैलाने पर जोर
टीकाकरण को गति देने के लिए केंद्र ने राज्यों से इसको लेकर जागरुकता फैलाने को कहा है। लोगों को यह समझाने को कहा गया है कि वैक्सीन की दोनों डोज लगवाने के क्या फायदें हैं। राज्यों से 45 साल से अधिक उम्र के लोगों के साथ ही स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंटलाइन वर्कर्स का टीकाकरण करने को प्राथमिकता देने को कहा गया है। बैठक में बताया गया कि राज्यों को 15-31 मई के लिए वैक्सीन की कितनी डोज आबंटित की जाएगी, उसकी जानकारी उन्हें 14 मई तक दे दी जाएगी, जिसके बाद वो अपनी योजना तैयार कर सकते हैं।
टीम स्टेट टुडे
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