महाराष्ट्र कोविड टास्क फोर्स ने चेतावनी दी है कि अगले दो-चार हफ्ते में कोरोना की तीसरी लहर राज्य में दस्तक दे सकती है। कोरोना की दूसरी लहर से अभी देश उबरा भी नहीं है कि तीसरी लहर को लेकर आए अल्टीमेटम ने राज्यों की नींद उड़ा दी है।
फिलहाल महाराष्ट्र, दिल्ली, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश जैसे राज्य कोरोना कर्फ्यू या लॉकडाउन के बाद अनलॉक की प्रक्रिया से गुजर रहे हैं। अभी भी पाबंदिया जारी है। बावजूद इसके जिस तरह बाजारों में भीड़ उमड़ रही है और कोविड गाइडलाइंस की धज्जियां उड़ रही हैं उसके बाद तीसरी लहर का खतरा बढ़ गया है।
ये तीसरी लहर वो नहीं होगी जिसका अंदेशा बच्चों को लेकर लगाया जा रहा था। बल्कि अभी भी कोरोना के हजारों मरीज अलग अलग जिलों और राज्यों में अस्पताल में इलाज करा रहे हैं। दिन प्रतिदिन मामले भी निकल रहे हैं अंतर सिर्फ इतना आया है कि कोरोना कर्फ्यू के चलते संक्रमण की जो चेन टूटी थी वो लापरवाही के चलते फिर से बन सकती है और स्थितियां बेकाबू हो सकती हैं।
अभी तक कोरोना से गरीब और निम्न मध्यम वर्गीय वर्ग कमोबेश बचा रहा था, लेकिन तीसरी लहर की मार सबसे ज्यादा इन्हीं लोगों पर पड़ सकती है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ हुई समीक्षा बैठक में महाराष्ट्र कोविड टास्क फोर्स ने बताया कि तीसरी लहर में आने वाले मामलों की संख्या दूसरी लहर से दोगुनी होगी। अभी राज्य में 1.4 लाख ऐक्टिव केस हैं जो बढ़कर आठ लाख तक हो सकते हैं। काेरोना की पहली लहर में 19 लाख केस सामने आए थे तो दूसरी लहर में 40 लाख मामले आए।
क्या हुआ है ब्रिटेन में
महाराष्ट्र कोविड टास्क फोर्स के सदस्य डॉ शशांक जोशी का कहना है कि यूनाइटेड किंगडम में कोरोना की दूसरी लहर के थमने के चार हफ्ते के अंदर ही तीसरी लहर आ गई । अगर महाराष्ट्र समेत भारत के अन्य राज्यों में लापरवाही बरती तो भारत भी उसी स्थिति में पहुंच जाएगा।
क्या था कोरोना की दूसरी लहर का रुट
आपको बता दें कि कोरोना की दूसरी लहर का रुट कुछ इसी तरीके से बना था जो ताजा रिपोर्ट में सामने आ रहा है।
आपको ध्यान होगा कि 26 जनवरी को ब्रिटेन के प्रधानमंत्री भारत की गणतंत्र दिवस परेड के मुख्य अतिथि थे जो ब्रिटेन मे कोरोना की दूसरी लहर के प्रकोप के चलते भारत नहीं आए थे। इसके बाद फरवरी बीता और 15 मार्च के बाद भारत में कोरोना की दूसरी लहर का कहर टूट पड़ा।
उस समय ब्रिटेन और भारत के बीच फ्लाइट सेवा भी चल रही थी। इस समय फ्लाइट भले प्रतिबंधित तरीके से उड़ रही हों लेकिन भारत के भीतर अभी कोरोना का संकट खत्म नहीं हुआ है। ऐसे में जिस तरह की लापरवाही शहर दर शहर, राज्य दर राज्य देखने को मिल रही है वो बेहद चिंताजनक है। दूसरी लहर में भी पंजाब, महाराष्ट्र सबसे पहले प्रभावित राज्य थे जिसके बाद गुजरात, राजस्थान, मध्यप्रदेश, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार और अन्य राज्य संक्रमण की चपेट में आए।
सीएम योगी की अगुवाई में थर्ड स्ट्रेन की तैयारियां
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कोरोना की तीसरी लहर को लेकर खासे सतर्क हैं। वो लगातार यूपी की कोविड टास्क फोर्स टीम-9 के साथ बैठकें कर रहे हैं। पल पल की अपडेट ले रहे हैं। साथ ही हर दिन नए आदेश और निर्देश भी जारी कर रहे हैं।
कोरोना की दूसरी लहर का कहर प्रदेश में काफी हद तक थमा है। बाजार, दफ्तर, फैक्ट्री वगैरह खुल रहे हैं। साथ ही मुख्यमंत्री के नेतृत्व में प्रदेश सरकार अब कोरोना वायरस संक्रमण के थर्ड स्ट्रेन से निपटने की तैयारी में जुट गई है।
समीक्षा बैठक में दिए गए निर्देश
मुख्यमंत्री ने समीक्षा के दौरान कहा कि उत्तर प्रदेश अब सभी तरह की परिस्थितियों का सामना करने के लिए तैयार है। कोरोना वायरस संक्रमण की पहली लहर के दौर में हमारे पास संसाधनों की घोर अभाव था। पीएम नरेंद्र मोदी के निर्देश पर हमको पर्याप्त संसाधन मिले। हमारे पास अब पहले से काफी बेहतर चिकित्सा सुविधा भी उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि सेकेंड स्ट्रेन के कमजोर पडऩे के कारण हमको अभी भी सुस्त नहीं पडऩा है, हमको अभी भी काफी सजग रहना है। सभी जगह पर अपेक्षित चिकित्सा उपकरण का इंतजाम भी देखना है। थर्ड स्ट्रेन से भी हमें पहले की तरह ही बहादुरी से निपटना है। सभी मेडिकल कॉलेज में पीडियाट्रिक आइसीयू (पीकू) के कम से कम 50-50 बेड तैयार करें। इतना ही नहीं जिला चिकित्सालयों में भी इससे निपटने की तैयारी करें।
यूपी में 441 ऑक्सीजन प्लांट स्थापित की स्थापना की जा रही है। वर्तमान में सौ ऑक्सीजन प्लांट क्रियाशील हो चुके हैं।
प्रदेश में टीकाकरण की स्थिति
प्रदेश में कोविड टीकाकरण की पहली डोज प्राप्त कर चुके लोगों की संख्या दो करोड़ से अधिक हो चुकी है, जबकि 39 लाख 11 हजार लोगों को दोनों डोज मिल चुकी है। 18 से 44 आयु वर्ग के 50 लाख 81 हजार युवाओं को वैक्सीन कवर मिल चुका है। 24 घंटों में 03 लाख 64 हजार 723 लोगों ने टीका-कवर प्राप्त किया। इस तरह अब तक 02 करोड़ 42 लाख 57 हजार से अधिक वैक्सीन लगाई जा चुकी है।
प्रदेश में सरकारी मदद और निगरानी
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कोरोना प्रबंधन में निगरानी समितियों की भूमिका की महत्ता पर एक बार फिर जोर दिया है। सीएम ने कहा गांवों में भ्रमण करते समय निगरानी समितियां यह भी सुनिश्चित करें कि कोई जरूरतममंद राशन से वंचित न रहे। हर गरीब, निराश्रित और अन्य पात्र लोगों को राशन जरूर मिले।
कोई भी राज्य सरकार हमेशा प्रतिबंध लगा कर नहीं रख सकती। कारखाने, दुकानें , दफ्तर हमेशा बंद नहीं रह सकते ऐसे में हर व्यक्ति को अपनी जिम्मेदारी खुद समझनी होगी और कोविड गाइडलाइंस का पालन करना ही होगा।
आपको बता दें कोरोना की दूसरी लहर में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ समेत वाराणसी, प्रयागराज, गाजियाबाद, नोएडा और प्रदेश के लगभग सभी जिलों में संक्रमण का कम या ज्यादा प्रभाव देखने को मिला था। जैसे ही अनलॉक की प्रक्रिया शुरु हुई है उसके बाद कोविड गाइडलाइंस को दरकिनार कर सड़कों पर स्थितियां एक बार फिर बिगड़ने लगी हैं। लोग घूमने फिरने के साथ साथ गैर जरुरी वजहों से भी सड़कों पर टहल रहे हैं जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है।
टीम स्टेट टुडे
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