वाराणसी, 18 फरवरी 2023 : महाशिवरात्रि पर्व पर काशी, प्रयागराज, प्रतापगढ़ और कौशांबी सहित प्रदेश के सभी शहरों में आस्था की ऊर्जा देखते ही बन रही है। शिवालयों में तड़के से ही हर हर महादेव के उद्घोष संग जलाभिषेक का क्रम शुरू हो गया है। मनकामेश्वर व पड़िला महादेव मंदिर में कतार नजर आ रही है। प्रतापगढ़ के लालगंज स्थित घुश्मेश्वर नाथ धाम में सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु सुबह ही पहुंच गए। यहां भी कतार दिखाई दे रही है। आशुतोष अवघड दानी की प्रसन्नता के लिए श्रद्धालु यथा सामर्थ्य सामग्री निवेदित कर पूजन अर्चन कर रहे हैं। संगम में भी जमकर पुण्य की डुबकी लग रही है। यह माघ मेले का आखिरी स्नान है।
अमरोहा में महाशिवरात्रि का पर्व जोया समेत, पूरनपुर, शाहपुर पैगम्बरपुर, फराशपुरा, पतेई खालसा ,कपासी के अलावा डिडौली में धूमधाम के साथ मनाया गया। भक्तों ने सुबह से ही उपवास रखकर मंदिरों में विधि-विधान के साथ जलाभिषेक किया। मंदिरों में बम-बम भोले की आवाज से वातावरण भक्तिमय हो गया। शनिवार को सुबह से ही हजारों श्रद्धालुओं ने उपवास रखकर डिडौली साठा भूढ़ के जंगल स्थित भगवान शंकर के मंदिर में कांवड़ चढ़ा कर जलाभिषेक किया। मंदिर पर श्रद्धालुओं की लंबी-लंबी कतारें लग गई थीं। मंदिर कमेटी सदस्यों ने मंदिर परिसर में साफ-सफाई मंदिर के पुजारी आत्मानंद सरस्वती ने बताया कि भगवान शिव के मंदिर में शिवरात्रि के पर्व पर जलाभिषेक करने से भगवान शंकर प्रसन्न हो जाते हैं। डिडौली थाना प्रभारी प्रवेज कुमार चौहान ने पुलिस बल के साथ मंदिरों का दौरा कर शान्ति व्यवस्था का जायजा लिया।
कानपुर के कल्याणपुर में ढाई सौ वर्ष से भी अधिक प्राचीन अद्वितीय शिव मंदिर में महाशिवरात्रि के दिन प्रतिवर्ष भंडारा आयोजित किया जाता है। यह भंडारा मंदिर के ट्रस्टी श्री अवनीश अवस्थी मालिनी अवस्थी, माता ऊषा अवस्थी जी एवं परिवार के सदस्यों द्वारा आयोजित किया जाता है। दूर-दूर से लोग इस भंडारे का प्रसाद ग्रहण करने आते हैं। अद्वितीय शिव मंदिर में उपस्थित भगवान शिव का विग्रह अत्यंत प्राचीन है। भंडारे की खास बात यह भी रहती है भोजन के साथ-साथ भक्ति संगीत भजनों व अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों की भी धूम रहती है। प्रसिद्ध गायिका श्रीमती मालिनी अवस्थी जी के अतिरिक्त कानपुर की गायिका एवं उनके शिष्य कविता सिंह रेनू गौर एवं दल ने अपना कार्यक्रम प्रस्तुत किया, इस अवसर पर भोलेनाथ की शोभायात्रा भी निकली प्रातः काल नौ बजे से प्रारंभ हुआ भंडारा देर शाम तक अनवरत चलता रहा। आसपास के क्षेत्र के लोग देर शाम तक प्रसाद ग्रहण करने आते रहे।
कौशांबी में महाशिवरात्रि पर संदीपन घाट पर सुबह से ही गंगा स्नान के लिए भक्तों का आवागमन शुरू रहा। स्नान कर स्थानीय शिव मंदिर में भक्तों ने विधिविधान से जलाभिषेक कर पूजा किये। इस अवसर पर सुरक्षा हेतु थाना कोखराज की पुलिस मौके पर उपस्थित रही। ऐसी मान्यता है कि महाशिवरात्रि पर्व पर विधिविधान से शिव की आराधना करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। हिन्दू धर्म के अनुयायी इस दिन काफी संख्या में व्रत धारण कर शिव की पूजा करते हैं।
पीलीभीत में महाशिवरात्रि का पर्व पूरे जिले में श्रद्धा एवं उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। प्रात: से ही भक्तों के शिव मंदिरों में पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया। शिवालयों में जलाभिषेक के साथ ही रुद्राभिषेक अनुष्ठान हो रहे हैं। प्रमुख शिव मंदिरों पर सुरक्षा के लिए पुलिस फोर्स की ड्यूटी लगाई गई है। शनिवार को प्रात: छह बजे से ही भक्त गौरीशंकर मंदिर में दर्शन, पूजन और जलाभिषेक के लिए पहुंचते लगे। दिन चढ़ने के साथ ही भक्तों की भीड़ बढ़ने लगी। देखते ही देखते गौरीशंकर मंदिर में भक्तों की लंबी कतार लग गई। इसी तरह से स्टेशन रोड पर स्थित अर्ध नारीश्वर शिव मंदिर में भी दर्शन पूजन के लिए भक्त उमड़ने लगे।
दूधिया मंदिर, बल्लभ नगर कालोनी के शिव मंदिर, ब्रह्मचारी घाट के मनकामेश्वर नाथ मंदिर में भी भक्तों ने हर हर बम बम और हर हर महादेव के जयघोष के साथ भगवान शिव को जलाभिषेक करके भांग, धतूरा, बेर, बेलपत्र, पुष्प, चंदन आदि अर्पित किया। पूरनपुर क्षेत्र में इकोत्तर नाथ महादेव मंदिर, बीसलपुर में गुलेश्वर नाथ शिव मंदिर और बिलसंडा में लिलहर स्थित नीलकंठ शिव मंदिर जैसे प्राचीन शिवालयों में दर्शन एवं पूजन के लिए भक्तों की कतारें लगी हुई हैं। एसपी अतुल शर्मा ने सुबह अधीनस्थ अधिकारियों के साथ गौरीशंकर मंदिर पहुंचकर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। इससे पहले शुक्रवार की रात में भी एसपी ने इस मंदिर में पहुंचकर सुरक्षा व्यवस्था, सीसीटीवी कैमरे, पार्किंग व्यवस्था आदि के संबंध में जानकारी ली थी। महाशिवरात्रि पर्व पर गौरीशंकर मंदिर, बल्लभ नगर के शिव मंदिर एवं मनकामेश्वर महादेव मंदिर में रुद्राभिषेक अनुष्ठान हो रहे हैं।
बदायूं में महाशिवरात्रि का पर्व पर श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। शनिवार को भोर से ही शिवालयों में हर-हर, बम-बम की ध्वनि सुनाई देने लगी। कछला से रात में ही गंगा जल लेकर लौटे कांवड़ियों ने जलाभिषेक किया। सुबह भी गंगा जल लेकर आने वालों का सिलसिला चलता रहा। शिव मंदिरों पर पहले से तैयारी कर ली गई थी। बिरुआबाड़ी मंदिर, हर प्रसाद मंदिर, गौरी शंकर मंदिर, नगला मंदिर समेत सभी शिव मंदिरों पर सुबह से ही जलाभिषेक करने के लिए लाइन लगी रही। सभी शिव मंदिरों पर पुलिस तैनात रही। महिला पुलिस कर्मियों को भी लगाया गया है। कांवड़यात्रा को देखते हुए रूट डायवर्जन आज भी लागू है।
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