ये बेखौफ गुंडे कहां से ला रहा रहे हैं इतनी ताकत और क्या कर रहा है पुलिस प्रशासन
कोरोना ने कुछ नहीं छोड़ा, किसी को नहीं छोड़ा। लोग घरों में बैठकर जिंदगी की दुआएं मांग रहे हैं। फिर भी कुछ हैं जिन्हें कोरोनाकाल का ये मौका अपनी गुंडई और खौफ बढ़ाने का जरिया लग रहा है। जब पुलिस प्रशासन आम लोगों की जिंदगी बचाने, कालाबाजारियों, मुनाफाखोरों और कोरोना कर्फ्यू का पालन कराने में व्यस्त है तो मौका का फायदा उठाकर कुछ अपराधी प्रवृति के लोग दहशत बढ़ाने का काम कर रहे हैं।
श्रावस्ती से एक वीडियो वायरल हुआ है। बेखौफ दबंगों के कारनामे खुल रहे हैं। बात सिर्फ गुंडई तक सीमित नहीं हैं इस तरह की जंग का बड़ा हिस्सा सियासी है। चुनावी रंजिश को लेकर इलाके के दबंगो ने दुकान सहित कई गाड़ियों में तोड़ फोड़ की और जमकर गुंडई का तांडव किया। मामला श्रावस्ती के थाना सिरसिया क्षेत्र के गुलरा इलाके का है।
वायरल वीडियो इसी चार मई का बताया जा रहा है। सिरसिया क्षेत्र के शातिर "हिस्ट्रीशीटर अपराधी" रिजवान और उसके समर्थकों पर गुंडई का आरोप लगा है। घटनाकाण्ड में घायल एक शख़्स की इलाज के दौरान मौत हो चुकी है।
अब पीड़ित पक्ष आरोपी दबंगों पर धारा 307 की FIR और गिरफ़्तारी की मांग कर रहा है। फिलहाल थाना सिरसिया में धारा 323,504, 427, व 325 की धाराओं में मामला दर्ज है।
जानकारी के मुताबिक मुस्तकीम उर्फ लुप्पुड़ निवासी गुलरा फटवा के घर व दुकान पर हिस्ट्रीशीटर रिजवान डफाली तीनों भाई व उसके सभी लडके और उसके गुर्गे लाठी डंडा से लैश होकर सैकड़ों की तादाद में जान से मारने के लिए आए हम पूरे परिवार शटर बंद करने की कोशिश कर रहे थे। दबंगो ने घर में घुसकर मारना पीटना शुरू कर दिया। बाहर खड़ी गाड़ी बोलेरो, डी सी एम् , मोटरसाइकिल और बाहर रखे सामानों को तोड़कर क्षतिग्रस्त कर दिया। पीड़ित पक्ष के मुताबिक ननके उर्फ अब्दुल कलाम व मुस्तकीम को काफी मारपीट कर लहूलुहान कर दिया और तमाम नुकसान पहुंचाया। मकान व दुकान पर लगे सीसीटीवी कैमरे में सारा घटनाक्रम मौजूद है।
मामले की तह को समझिए
दरअसल अब तक यूपी सरकार, पुलिस, प्रशासन जिस बात को नहीं समझ पाया वो है कोरोनाकाल में जब मामले बढ़े उसी दौरान पंचायत चुनाव में हुआ बड़ा खेल है। कई जिलों से ऐसी सूचनाएं आ रही हैं कि नतीजे आने के बाद कई ऐसे उम्मीदवार जिन्हें चुनाव जीता हुआ घोषित किया गया था बड़े दबाव, उपद्रव और कई बार अधिकारियों को मिली धमकी के बाद नतीजे बदले गए हैं।
आमतौर पर चुनाव के बाद इस तरह के किस्से आम होते हैं लेकिन यूपी के पंचायत चुनाव के नतीजों बाद जितनी बड़ी तादात में उपद्रव और नतीजे बदलने की सूचनाएं मिल रही हैं उसे नजरंदाज करना आसान नहीं है। अब ये देखना होगा कि इन सूचनाओं को योगी सरकार किस तरह से लेती है।
टीम स्टेट टुडे
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