रणनीति बनाने और सामाजिक तानेबाने के बीच उसे अमली जामा पहना कर पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने का करिश्मा बीते कई दशकों में सबसे पहले मायावती ने 2007 में किया जो पूर्ण रुप से सफल रहा।
सोशल इंजीनियरिंग का जो फार्मूला बसपा अध्यक्ष मायावती ने तैयार किया था अन्य दलों ने भविष्य में उसी का विस्तार किया।
एक बार फिर मायावती उसी फार्मूले को आजमाने जा रही हैं। बहुजन समाज पार्टी 2022 के विधानसभा चुनाव में हर जिले की सात से आठ विधानसभाओं मे से कम से कम चार उम्मीदवार ब्राह्मण होंगे। यानी चार सौ तीन सदस्यों वाली विधानसभा में बसपा का हर चौथा उम्मीदवार ब्राह्मण होगा।
मायावती ने पुरजोर तरीके से कहा है कि भले बहुजन समाज पार्टी के पुराने लोग पार्टी के साथ दगाबाजी कर रहे हों, मिशन छोड़ कर अपनी विचारधारा से समझौता कर रहे हों लेकिन बहुजन समाज पार्टी का आधार मजबूत है। लोग कांशीराम की त्याग, तपस्या और उनके साथ मायावती के संघर्ष को भूले नहीं हैं।
डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी ने भारतीय संविधान में देश के कमजोर एवं उपेक्षित वर्गों को विशेषकर शिक्षा एवं सरकारी नौकरियों आदि में आरक्षण एवं अन्य जरूरी सुविधाओं का प्रावधान किया है । तो उसका पूरा लाभ इन वर्गों के लोगों को नहीं मिल पा रहा है। जिसको लेकर इन वर्गों के लोग और हमारी पार्टी बहुत ज्यादा दुखी है।
केंद्र और राज्य की सभी सरकारें इस वर्ग पर जरूर ध्यान दें यह बीएसपी इनको सलाह देती है।
इन वर्गों के लोगों को सपा जैसी पार्टियों से जरूर सावधान रहना चाहिए जिसने एससी और एसटी सम्बंधित बिल को सांसद में फाड़ दिया था। और षड्यंत्र तहत पास भी नहीं होने दिया था।अर्थात सपा जैसी पार्टियां कभी भी इन वर्गों का उत्थान एवं विकास नहीं करना चाहती है।
एससी एसटी और ओबीसी वर्गों का सरकारी विभागों में अभी भी कोटा अधूरा पड़ा है।
शोषित,वंचित एवं गरीब वर्गों के लोगों का आज भी अपने हक के लिए सड़कों पर धरना प्रदर्शन जारी है। प्राइवेट सेक्टर में भी इन वर्गों के लिए आरक्षण देने की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। केंद्र और राज्य सरकारें प्राइवेट सेक्टरों में आरक्षण के मामले को लेकर तैयार नहीं है। क्या केंद्र और राज्य सरकारें संविधान का पालन कर रही है? ऐसी सरकारों को संविधान दिवस मनाने का कतई भी नैतिक अधिकार नहीं है। ऐसी सरकारों को आज इस मौके पर इन वर्गों के लोगों से माफी मांगना चाहिए।
अपने देश में हर वर्ग के लोग रहते हैं विभिन्न धर्मों को मानने वाले लोग रहते हैं। इन वर्गों के तथा सभी धर्मों के लोगों के लिए जो कानून बने हैं उसका केंद्र और राज्य सरकार सही से पालन नहीं कर रही है। देश में आए दिन गरीबी और महंगाई बढ़ रही है।
इस महंगाई से मध्यम वर्ग के लोग बहुत ज्यादा दुखी हैं। केंद्र और राज्य सरकार मंहगाई कम करने के लिए गंभीर नजर नहीं आ रही है। किसान आंदोलन का 1 वर्ष पूरा हो चुका है। किसानों की और भी अन्य जरूरी मांगे हैं जो सरकार जल्द से जल्द मान ले यह बीएसपी की मांगे है।
इसके साथ ही बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने ऐलान किया कि पार्टी के वरिष्ठ विधायक उमाशंकर सिंह को बीएसपी विधानमंडल दल का नेता बना दिया गया है। इन को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं।
महिलाओं को पार्टी संग जोड़ने की मुहिम
बसपा के राष्ट्रीय महासचिव एवं राज्यसभा सांसद सतीश चंद्र मिश्र की धर्मपत्नी कल्पना मिश्रा जी के नेतृत्व में महिला सम्मेलनों का आयोजन किया जा रहा है। वाराणसी के कार्यक्रम में अर्चना सिंह पटेल जिला पंचायत सदस्य, मनोरमा पांडेय अधिवक्ता एवं ब्राह्मण महिला वाराणसी मंडल संयोजक बसपा, कौशिक कुमार पांडेय अधिवक्ता संयोजग ब्रबुध्य वर्ग, यश पांडेय युवा बहुजन समाज पार्टी संयोजक,पूर्व मंत्री नकुल दुबे, कल्पना मिश्र जी के साथ मंच पर मौजद रहे ।
युवाओं से बसपा कर रही है सीधा संवाद
28 नवंबर से बहुजन समाज पार्टी के तत्वाधान में प्रबुद्ध वर्ग के सम्मान,सुरक्षा व तरक्की आदि को लेकर बसपा युवा संवाद का कार्यक्रम सतीश चंद्र मिश्र के पुत्र कपिल मिश्र के नेतृत्व में आयोजित किया जाएगा।
बहुजन समाज पार्टी युवा संवाद का पहला कार्यक्रम हरदोई से शुरू होना निश्चित हुआ है।
टीम स्टेट टुडे
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