लखनऊ, 26 मई 2023 : आयुष कालेजों में शैक्षिक सत्र 2021-22 में नीट-यूजी की मेरिट लिस्ट से छेड़छाड़ कर 891 छात्रों को फर्जी तरीके से दाखिला देने के मामले की जांच सीबीआइ द्वारा शुरू करने पर पूर्व आयुष मंत्री धर्म सिंह सैनी की मुश्किलें बढ़ना तय है। दाखिले में किए गए घोटाले में फंसे पूर्व आयुर्वेद निदेशक डा. एसएन सिंह की इस मामले में गिरफ्तारी हुई थी। यह पूर्व मंत्री के काफी करीबी थे।
पूर्व मंत्री के साथ-साथ आयुष विभाग में तैनात रहे कुछ बड़े अधिकारियों पर भी शिकंजा कस सकता है। शैक्षिक सत्र 2021-22 में आयुष कालेजों में दाखिले का जिम्मा तत्कालीन आयुर्वेद निदेशक डा. एसएन सिंह को सौंपा गया था। जांच में यह सामने आया कि आनलाइन काउंसिलिंग कराने का जिम्मा जिस वेंडर कंपनी वी थ्री साफ्ट साल्यूशन को सौंपा गया था उसने मिलीभगत कर नीट-यूजी की मेरिट लिस्ट बदल दी।
महानिदेशक, चिकित्सा शिक्षा द्वारा जो नीट-यूजी की मेरिट लिस्ट की जो साफ्ट कापी हार्ड डिस्क में दी गई उसे वेंडर से सांठगांठ कर बदल दी गई। सबसे ज्यादा फर्जी दाखिले निजी आयुर्वेद कालेजों में हुए। निजी आयुर्वेद कालेजों में बैचलर आफ आयुर्वेदिक मेडिसिन एंड सर्जरी (बीएएमएस) 5,010 सीटों में से 4,615 सीटें भरीं और इसमें 473 फर्जी दाखिले हुए। वहीं राजकीय आयुर्वेद कालेजों बीएएमएस कोर्स की कुल 502 सीटें थीं और सभी भर गईं। इनमें 43 फर्जी दाखिले कराए गए।
राजकीय होम्योपैथी कालेज में बैचलर आफ होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी (बीएचएमएस) भी 828 सीटों में से सभी भर गईं और इसमें छह फर्जी दाखिले कराए गए। वहीं निजी होम्योपैथी कालेजों में इस कोर्स की 200 सीटों में से 118 सीटें भरीं और दो फर्जी दाखिले कराए गए। यूनानी कालेजों में बैचलर आफ यूनानी मेडिसिन एंड सर्जरी (बीयूएमएस) कोर्स में राजकीय यूनानी कालेजों में 128 सीटें थीं और सभी भर गईं।
इसमें चार फर्जी दाखिले हुए। निजी यूनानी कालेजों में 670 में से 606 सीटें भरीं और 363 फर्जी दाखिले कराए गए। आयुर्वेद निदेशालय से ही पूरा नेटवर्क चलाया गया और आयुष कालेजों में दाखिले के लिए धन उगाही की गई। पूर्व मंत्री सैनी के नजदीकी पूर्व आयुर्वेद निदेशक डा. एसएन सिंह इतने पावरफुल थे कि उनसे विभाग के बड़े अफसर भी घबराते थे। अब सीबीआइ का शिकंजा कसने पर पूर्व मंत्री समेत कुछ बड़े अफसर फंस सकते हैं।
मेरिट लिस्ट में 1,181 छात्रों के बदले गए थे नाम
कुल 1,181 छात्रों का नाम व रैंक मेरिट लिस्ट में छेड़छाड़ कर बदला गया। इसमें 22 विद्यार्थी ऐसे भी थे जिन्होंने नीट-यूजी की परीक्षा भी नहीं दी थी। प्राइवेट कालेजों से सांठगांठ कर बिचौलियों के माध्यम से रेट तय किए गए। 891 छात्रों ने तो दाखिला ले लिए लेकिन 290 विद्यार्थियों ने एडवांस देने के बाद बकाया रकम नहीं दी। इन्हें फर्जी दाखिले की भनक लग गई थी। बाद में ऊंची मेरिट वाले छात्रों ने केंद्रीय आयुष मंत्रालय में शिकायत की तो इसकी पाेल खुली।