कानपुर, 15 नवंबर 2023 : मुठभेड़ के दौरान शुक्रवार को एसओजी, सर्विलांस और उरई पुलिस ने एसटीएफ के फर्जी एसटीएफ दारोगा समेत दो लोगों को मुठभेड़ में गिरफ्तार किया था। घायल फर्जी दारोगा को रविवार को एलएलआर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। सोमवार तड़के वह सुरक्षा में लगे दोनों पुलिसकर्मियों को चकमा देकर भाग निकला।
काफी तलाश के बाद भी पता न चलने पर पुलिसकर्मियों ने स्वरूप नगर पुलिस को घटना की जानकारी दी जिसके बाद उरई पुलिस को सूचना दी गई। ड्यूटी में लापरवाही बरतने पर एसपी ने दोनों सिपाहियों को निलंबित कर दिया गया। वहीं उनके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया गया है। जालौन जनपद के जगम्मनपुर रामपुरा निवासी जितेन्द्र परिहार उर्फ शैलेंद्र रौब गांठने के लिये कभी एसओजी तो कभी एसटीएफ का अधिकारी बनकर लोगों को धमकाकर रंगदारी मांगता था।
इसमें उसका साथी गजेन्द्र भी उसका साथ देता था। शुक्रवार को पुलिस ने दोनों को मुठभेड़ में गिरफ्तार किया था। पुलिस की जवाबी फायरिंग में जितेन्द्र के दाहिने पैर में गोली लग गई थी। फर्जी दारोगा बने घायल जितेन्द्र परिहार को पुलिस ने रविवार को एलएलआर अस्पताल में भर्ती कराया था। उसकी देखरेख के लिए उरई कोतवाली में तैनात सिपाही दीपेन्द्र और तेज सिंह की ड्यूटी लगाई गई थी।
सोमवार तड़के शौच के बहाने जितेन्द्र दोनों सिपाहियों को चकमा देकर एलएलआर से पैर में प्लास्टर चढ़ा होने के बावजूद भाग निकला। इस पर सिपाहियों के होश उड़ गये उन्होंने काफी खोजबीन की लेकिन उसका पता न चलने पर उरई पुलिस को इसकी जानकारी दी साथ ही स्वरूप नगर पुलिस को इसकी सूचना दी। एसपी डा. ईरज राजा ने ड्यूटी पर लापरवाही बरतने पर दोनों सिपाहियों को निलंबित कर दिया गया।
पुलिस अभिरक्षा से फरार फर्जी दारोगा बने जितेन्द्र पर 21 मुकदमे दर्ज हैं और वह कई बार जेल जा चुका है। एसीपी स्वरूप नगर शिखर ने बताया कि उरई कोतवाली के दारोगा अनिल कुमार की तहरीर पर दोनों सिपाहियों तेज सिंह और दीपेन्द्र व फरार आरोपित जितेन्द्र परिहार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है।
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