दिल्ली में उपद्रव और हिंसा के बाद किसान आंदोलन और तथाकथित किसान नेताओं ने देश के सामने भरोसा खो दिया है। लाल किले पर जिस तरह सैनिकों को करीब 100 फुट नीचे खाई में उपद्रवियों ने ढकेला है वो रोंगंटे खड़े करने वाला है। लाल किले को बुरी तरह नुकसान पहुंचा है।
तथाकथित किसान नेताओं ने अब अपनी खाल बचाने के लिए पूरे घटनाक्रम से पल्ला झाड़ने के साथ ही तरह तरह की दलीलें देना शुरु कर दिया है। किसान आंदोलन ट्रैक्टर रैली के नाम पर इन गद्दारों ने देश के मान सम्मान, तिरंगे की गरिमा, जवानों की जान किसी बात का मोल नहीं रखा।
सात से आठ संगठन ऐसे हैं जिनकी पूरी विचारधारा वाम दलों से जुड़ी हैं। इनकी ओर से ही आंदोलन स्थल से उन लोगों की रिहाई की मांग की गई थी जो पर देशद्रोह और नक्सली गतिविधियों के दोषी हैं। बताया जाता है कि ऐसे साथ से आठ संगठन हैं जो किसान के मुद्दों से इतर राजनीतिक विचारधारा से प्रेरित हैं और वही वार्ता से लेकर कार्यक्रम तय करने तक में हावी होते हैं। हन्नान मोल्ला का नाम इसमें सबसे ऊपर है।
जब ट्रैक्टर परेड को लेकर सुरक्षा की आशंका जताई जा रही थी तब भी ये लोग संगठन के साथ ही थे। लेकिन जब उपद्रव शुरू हुआ तो कोई नेता नियंत्रण करता नहीं दिखा। लाल किले पर जहां वीभत्स दृश्य था वहीं हर मोर्चे पर किसान उग्र थे और नेता नजर से ओझल। इन नेताओं ने एक फरवरी को बजट दिवस के दिन संसद तक मार्च करने की भी बात कही थी। ऐसे में किसान संगठनों की ओर से अब सिर्फ खाल बचाने की कोशिश हो रही है।
नेता जिनके खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर
26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड के दौरान राजधानी दिल्ली में हुई हिंसा और उपद्रव को लेकर अब ऐक्शन शुरू हो गया है। दिल्ली पुलिस की ओर से दर्ज की गई एफआईआर में कई बड़े किसान नेताओं के नाम भी शामिल किए गए हैं। किसान नेता दर्शन पाल, राजिंदर सिंह, बलबीर सिंह राजेवाल, बूटा सिंह बुर्जगिल और जोगिंदर सिंह को किसानों की ट्रैक्टर रैली को जारी की गई एनओसी का उल्लघंन करने का मामला दर्ज किया गया है। दिल्ली पुलिस की ओर से जानकारी दी गई है कि FIR में भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत का भी नाम है।
राकेश टिकैत के साथ-साथ योगेंद्र यादव के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की गई है। ईस्ट जिले के गाजीपुर थाने में भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत समेत तीन के खिलाफ नामजद एफआईआर की गई है। अलग-अलग थानों में अलग-अलग नेताओं के नाम से केस दर्ज हुए हैं। इन लोगों के खिलाफ गाजीपुर, पाण्डव नगर और सीमापुरी थाने में केस दर्ज हुए हैं। ईस्टर्न रेंज के जॉइंट कमिश्नर ने इस बात की पुष्टि की है कि पुलिस पर जहां-जहां हमले हुए हैं, ज़्यादातर केस वहीं दर्ज हुए हैं।
दिल्ली पुलिस ने सभी FIR क्लासीफाइड कर दिए हैं, जिन्हें अब एक पासवर्ड के जरिए सिर्फ आईओ और संबंधित मैजिस्ट्रेट ही खोल सकते हैं। दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को राजधानी में हुई हिंसा के मामले में कुल 22 एफआईआर दर्ज की है। बुधवार दोपहर तक करीब 200 से अधिक उपद्रवियों को हिरासत में लिया गया है।
जिन लोगों पर एफआईआर दर्ज हुई हैं उनमें ज्यादातर ऐसे नेता हैं जो बीते कई महीनों से लोगों की भड़काने की कोशिश कर रहे थे। राकेश टिकैट रैली में डंडा लेकर बक्कल खोलने की बात कर रहे थे तो दूसरी तरफ बहुत मीठा बोलने वाले केजरीवाल के सहयोगी रहे योगेंद्र यादव ने देश को मीठी छुरी घोंप दी। वामपंथी दर्शनपाल, हन्नान मोला जैसे लोगों का सच किसी से छिपा नहीं है।
टीम स्टेट टुडे
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