प्रयागराज: पंचायत चुनाव के पूर्व कई ग्राम पंचायतों में वर्तमान प्रधानों द्वारा फर्जी तरीके से धनराशिका आहरणकिया गया ।धीरे-धीरे अब फर्जीवाड़े की पोल खुलती दिख रही है। ग्राम पंचायतों में कागजों पर काम दिखाकर लाखों रुपए कर्मचारियों की मिलीभगत से डकार लिए गए लेकिन जमीन पर काम ही नहीं कराया गया। पूर्व प्रधानों द्वारा ग्राम पंचायतों में कराए गए विकास कार्यों का लेखा जोखा ऑनलाइन चेक करने के बाद पोल खोलना शुरू हो गया है।
कहीं नाली तो कहीं इंटरलॉकिंग के नाम पर लाखों रुपए की धनराशि निकाली गई लेकिन जमीनी हकीकत यह रही कि ना तो नाली का निर्माण कराया गया और ना ही सड़क बनवाई गई।कुछ ग्राम पंचायतों में फर्जी तरीके से धनके आहरणका मामला प्रकाश में आते ही हड़कंप मचा हुआ है ।
शिकायत कर्ताओं द्वारा मामलों की शिकायत की तैयारी की जा रही है कुछ ग्राम पंचायतों में ग्राम प्रधानों द्वारा अपनी ही फर्म के नाम पर लाखों रुपए का भुगतान करा लिया गया जबकि शासनादेशमें इस बात का उल्लेख किया गया है कि ग्राम प्रधान द्वारा अपने अपने परिवार के किसी सदस्य के नाम से बनी फर्म के नाम पर कोई भुगतान नहीं कर सकता। आखिर इन सब अनियमितताओं का जिम्मेदार कौन है। शिकायतों पर अगर सही तरीके से जांच पड़ताल एवं कार्यवाही की गई तो बड़े भ्रष्टाचार का खुलासा होना तय है।
रिपोर्ट - विकास मिश्रा, प्रयागराज
टीम स्टेट टुडे
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