सोमवार दोपहर को राजधानी लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में जीबीसी 4.0 के भव्य कार्यक्रम का आयोजन
पीएम मोदी करेंगे परियोजनाओं का शुभारंभ, सीएम योगी के साथ प्रदर्शनी का भी करेंगे अवलोकन
देश और दुनिया के तकरीबन 4000 प्रतिभागी ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी 4.0 में करेंगे प्रतिभाग
दिग्गज उद्योगपति, फॉर्च्यून ग्लोबल/इण्डिया 500 कंपनियां, विदेशी निवेशक भागीदार, राजदूत, उच्चायुक्त एवं अन्य प्रतिष्ठित अतिथि होंगे सम्मिलित
यूपी को वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के योगी सरकार के संकल्प के लिए मील का पत्थर होगा जीबीसी 4.0
10 लाख करोड़ से ज्यादा की निवेश परियोजनाओं की शुरुआत से प्रदेश में सृजित होंगे करीब 34 लाख रोजगार
प्रदेश के सभी हिस्सों तक पहुंचेगा निवेश, पश्चिमांचल में सर्वाधिक 52 प्रतिशत निवेश परियोजनाओं की होगी शुरुआत
लखनऊ, 18 फरवरी। उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के संकल्प के साथ आगे बढ़ रही योगी सरकार के लिए सोमवार का दिन बहुत महत्वपूर्ण होने जा रहा है। सोमवार को राजधानी लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी (जीबीसी 4.0) के जरिए प्रदेश भर में 10 लाख करोड़ से ज्यादा की 14 हजार से अधिक परियोजनाओं का शुभारंभ करेंगे। इसके साथ ही प्रदेश में करीब 34 लाख रोजगार के अवसरों की संभावनाओं के द्वारा भी खुल जाएंगे। प्रधानमंत्री मोदी सीएम योगी के साथ यहां आयोजित होने वाली प्रदर्शनी का भी अवलोकन करेंगे। साथ ही मुख्य जीबीसी हैंगर में वो प्रदेश की जनता को संबोधित करते हुए इन परियोजनाओं की शुरुआत के लिए शुभकामनाएं देंगे। उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष 10 से 12 फरवरी के मध्य ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन हुआ था। उसके करीब एक वर्ष बाद 19-21 फरवरी के बीच ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी 4.0 का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें पीएम मोदी समेत तमाम वीआईपी शामिल होंगे।
लक्ष्य की ओर कदम बढ़ाएगा उत्तर प्रदेश
22 जनवरी को अयोध्या में प्रभु श्रीराम लला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद योगी सरकार के लिए यह एक और बड़ा अवसर है, जब पूरी दुनिया की नजरें उत्तर प्रदेश की ओर लगी होंगी। पीएम मोदी के मार्गदर्शन और सीएम योगी के नेतृत्व में इन परियोजनाओं की शुरुआत से उत्तर प्रदेश सरकार अपने लक्ष्य की ओर कदम बढ़ाएगी। आयोजन के शुभारंभ के अवसर पर पीएम मोदी सरकार की उपलब्धियों की जानकारी देंगे तो साथ ही निवेशकों को सफलता के मंत्र भी बताएंगे। इस अवसर पर सीएम योगी भी उत्तर प्रदेश में उद्योगों के अनुरूप माहौल के साथ ही भविष्य की योजनाओं को लेकर अपनी बात रखेंगे। औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल नंदी पीएम मोदी का स्वागत करेंगे, जबकि हिंदुजा ग्रुप के चेयरमैन धीरज हिंदुजा, सैमसंग, साउथ वेस्ट एशिया के सीईओ जेपी पार्क, आईएनजीकेए के सीईओ सुसैन पल्वरर, टोरेंट ग्रुप के एमडी जीनल मेहता और एडवर्ब टेक्नोलॉजीज के चेयरमैन जलज मेहता भी प्रदेश में औद्योगिक विकास की उपलब्धियों के विषय में अपने विचार रखेंगे। भारत सरकार के रक्षा मंत्री और लखनऊ से सांसद राजनाथ सिंह भी यहां अपने विचार रखेंगे, जिसके बाद पीएम मोदी परियोजनाओं को डिजिटल ग्राउंड ब्रेकिंग के माध्यम से शुभारंभ करेंगे। इस अवसर पर पीएम को प्रदेश सरकार की उपलब्धियों पर आधारित एक शॉर्ट फिल्म भी दिखाई जाएगी।
आयोजन की सभी तैयारियां पूरी
आयोजन की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। दो दिन पहले ही सीएम योगी ने तैयारियों का जायजा भी लिया था और आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए थे। कार्यक्रम में दुनिया भर के तकरीबन 4000 प्रतिभागियों के प्रतिभाग करने की संभावना है, जिसमें जाने माने उद्योगपति, फॉर्च्यून ग्लोबल/इण्डिया 500 कंपनियां, विदेशी निवेशक भागीदार, राजदूत/उच्चायुक्त एवं अन्य प्रतिष्ठित अतिथि सम्मिलित हैं। ऐसे में कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए इन्वेस्ट यूपी द्वारा अलग-अलग जिम्मेदारियां दी गई हैं। इसमें विशिष्ट अतिथियों के होटल अरेंजमेंट के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं, जबकि एयरपोर्ट, हेल्प डेस्क, व्हीकल अरेंजमेंट, पार्किंग के साथ ही रजिस्ट्रेशन के लिए भी प्रमुख लोगों को नियुक्त किया गया है। आने वाले डेलीगेट्स को गोल्ड, सिल्वर और रेड पास उपलब्ध कराए गए हैं। प्रदर्शनी स्थल पर 10 अलग-अलग पवेलियन बनाए गए हैं, जिनमें एआई पवेलियन, टेक्सटाइल, डाटा सेंटर/इलेक्ट्रॉनिक्स एंड आईटी, वेयरहाउस एंड लॉजिस्टिक्स, फिल्म सिटी, इन्वेस्ट यूपी/टॉप इन्वेस्टर्स, मेडिकल डिवाइसेज, ईवी एंड रिन्यूएबल एनर्जी और डिफेंस/एयरोस्पेस शामिल हैं। आयोजन में स्टील के शिपिंग कंटेनर्स को बेस बनाकर जर्मन हैंगर बनाए गए हैं। साथ ही यहां श्रीराम जन्मभूमि मंदिर समेत डिफेंस के तमाम इक्विप्मेंट्स के 3डी रेप्लिका मॉडल्स को दर्शाया जाएगा। इसके साथ ही यीडा क्षेत्र में बनने जा रही फिल्म सिटी की भी पहली झलक यहां देखने को मिलेगी।
'बदलते यूपी' की झलक दिखाएंगे सेक्टोरल सेशन व प्रदर्शनी
19 फरवरी को जीबीसी के उद्घाटन के साथ ही भव्य प्रदर्शनी का भी आयोजन किया जाएगा जिसमें 9 से ज्यादा विशेष सेक्टर्स को शोकेस किया जाएगा। 1250 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में 3 दिवसीय प्रदर्शनी का आयोजन किया जाएगा। इसमें एआई पवेलियन, टेक्सटाइल, लॉजिस्टिक्स एवं वेयरहाउसिंग, डिफेंस एवं एयरोस्पेस, डेटा सेंटर/इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी, ईवी एवं नवीकरणीय ऊर्जा, फिल्म सिटी, मेडिकल इक्विप्मेंट्स व ओडीओपी प्रमुख हैं। साथ ही सेक्टोरल सेशंस का भी आयोजन होगा जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट (एफडीआई) व कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश की वर्तमान स्थिति और भविष्य की रूपरेखा को दर्शाया जाएगा।
पूरे प्रदेश में बहेगी निवेश की बयार
जीबीसी के जरिए प्रदेश में 10,23,537 करोड़ की 14,619 परियोजनाओं का शुभारंभ होने जा रहा है। सबसे खास बात ये है कि प्रदेश के सभी हिस्सों और जनपदों में ये निवेश होगा। इसके अंतर्गत सर्वाधिक 52 प्रतिशत निवेश परियोजनाओं की शुरुआत प्रदेश के पश्चिमांचल हिस्से में होगी। वहीं पूर्वांचल में 29 प्रतिशत, मध्यांचल में 14 प्रतिशत और बुंदेलखंड में 5 प्रतिशत निवेश परियोजनाओं को धरातल पर उतारा जाएगा। प्रदेश के सभी 75 जनपदों में निवेश परियोजनाओं की शुरुआत होगी। इसमें 19 जिले तो ऐसे हैं जिन्होंने निवेश लक्ष्य का शत प्रतिशत से भी ज्यादा हासिल किया। इसमें एटा ने 354 प्रतिशत, सीतापुर ने 145 प्रतिशत, शाहजहांपुर ने 127 प्रतिशत, सोनभद्र ने 121 प्रतिशत, चंदौली ने 117 प्रतिशत, मुजफ्फरनगर और मुरादाबाद ने 114 प्रतिशत, मीरजापुर ने 113 प्रतिशत, हरदोई ने 111 प्रतिशत, अमेठी ने 108 प्रतिशत, बाराबंकी ने 108 प्रतिशत, फतेहपुर, गोंडा ने 105 प्रतिशत, बरेली ने 104 प्रतिशत, रामपुर ने 103 प्रतिशत, बहराइच ने 101 प्रतिशत और लखीमपुर खीरी, भदोही व बिजनौर ने 100 प्रतिशत लक्ष्य हासिल किया है।
सभी सेक्टर्स में हो रहा निवेश
अधिकांश 19.24 प्रतिशत निवेश आवास में होना निर्धारित है। इसके अलावा 15 प्रतिशत निवेश रिन्यूएबल एनर्जी में, 13 प्रतिशत मैन्युफैक्चरिंग में, 10 प्रतिशत आईटी एवं आईटी आधारित सेवाओं में, 7.83 प्रतिशत लॉजिस्टिक्स एवं वेयरहाउसिंग में, 7.5 प्रतिशत ऊर्जा में, 6.01 प्रतिशत फूड प्रॉसेसिंग में, 5.27 प्रतिशत इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग में, 2.96 प्रतिशत शिक्षा में स्थापित किया जाएगा। इसके साथ ही, कृषि (0.37%), पशुपालन (0.25%), ऑटोमोबाइल एवं इलेक्ट्रिक वाहन (0.33%), जैव ईंधन/बायोमास (0.82%), डेयरी (1.04%), डिफेंस एवं एयरोस्पेस (0.55%), डिस्टलरीज (0.84%), वित्तीय सेवाएं (0.12%), खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति (1.08%), स्वास्थ्य सेवाएं (2.73%), आतिथ्य एवं मनोरंजन (2.78%), अवस्थापना (0.02%), टेक्सटाइल एवं हथकरघा (1.28%), काष्ठ आधारित उद्योग (1.00%) और अन्य क्षेत्र (0.11%) में भी निवेश परियोजनाओं की शुरुआत होगी।
16 विभागों ने प्राप्त किया शत प्रतिशत लक्ष्य
37 विभागों के माध्यम से प्रदेश में 10 लाख करोड़ से अधिक की जो परियोजनाएं शुरू हो रही हैं, उसमें 37 विभाग अपना योगदान दे रहे हैं। इनमें 16 विभाग ऐसे हैं जिन्होंने 100 प्रतिशत से अधिक लक्ष्य हासिल किया है। इसमें बेसिक शिक्षा विभाग ने 888 प्रतिशत, फूड एंड सिविल सप्लाई (226%), वन विभाग (182%), आयुष (173%), पशुपालन (167%), ऊर्जा (165%), माध्यमिक शिक्षा (139%), तकनीकी शिक्षा (133%), उद्यान (120%), अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत (114%), केन डेवलपमेंट एंड शुगर इंडस्ट्री (112%), चिकित्सा शिक्षा (110%), स्वास्थ्य (105%), यीडा (103%), नागरिक उड्डयन (100%) और जीनीडा (100%) शामिल हैं।
पहले हो चुकी हैं 3 जीबीसी
यह योगी सरकार का चौथा ग्राउंड ब्रेकिंग समारोह है। इससे पहले योगी सरकार तीन ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी आयोजित कर चुकी है, जिसके माध्यम से प्रदेश में 2.10 लाख करोड़ से ज्यादा का निवेश धरातल पर उतारा गया था। उत्तर प्रदेश सरकार ने फरवरी-2018 में पहली बार यूपी इन्वेस्टर्स समिट का सफलतापूर्वक आयोजन किया था। समिट में 4.28 लाख करोड़ रुपए के 1,045 एमओयू पर हस्ताक्षर हुए थे। इसके बाद जुलाई-2018 में प्रथम ग्राउंड ब्रेकिंग समारोह तथा जुलाई 2019 में दूसरा ग्राउंड ब्रेकिंग समारोह आयोजित किया गया, जिसमें क्रमशः 61,792 करोड़ रुपए के निवेश वाली 81 परियोजनाओं तथा 67,202 करोड़ रुपए के निवेश वाली लगभग 290 परियोजनाओं का सफलतापूर्वक शुभारंभ किया गया। जून 2022 में, ग्राउंड-ब्रेकिंग समारोह के तीसरे संस्करण का आयोजन किया गया, जिसमें लगभग 80,000 करोड़ रुपए से अधिक के निवेश वाली 1,400 से अधिक परियोजनाओं का शुभारंभ किया गया।
जीबीसी 4.0: आकांक्षाओं पर खरे उतरे यूपी के आकांक्षात्मक जिले
- ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के माध्यम से आकांक्षात्मक जिलों में भी कई बड़े प्रोजेक्ट्स की होगी शुरुआत
- प्रदेश के 8 आकांक्षात्मक जिलों में कुल 1,57,651 करोड़ से अधिक की परियोजनाअों का होगा शुभारंभ
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मॉनीटरिंग और दूरदर्शी सोच का दिखने लगा असर
लखनऊ, 18 फरवरी: 19 फरवरी को ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी (जीबीसी 4.0) के माध्यम से प्रदेश में 10 लाख करोड़ से अधिक की निवेश परियोजनाओं का शुभारंभ होने जा रहा है। इसमें प्रदेश के अकांक्षात्मक जिलों का भी महत्वूपर्ण योगदान है। इससे योगी सरकार काफी गदगद है। जीबीसी में आकांक्षात्मक जिलों की 1,57,651 करोड़ से अधिक की परियोजनाअों का शुभारंभ होगा, जो ओवरआल टाॅरगेट का 102 प्रतिशत से अधिक है। बता दें कि योगी सरकार ने जीबीसी के माध्यम से प्रदेश के आठ आकांक्षात्मक जिलों को 1,53,400 करोड़ की परियोजनाअों को धरातल पर उतारने का लक्ष्य दिया था। इन जिलों को विकास की मुख्य धारा में लाने के लिए योगी सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों का ही नतीजा है कि जीबीसी में परियोजनाओं के शुभारंभ में यूपी के बड़े और औद्योगिक शहर ही नहीं बल्कि आकांक्षात्मक जनपद भी पीछे नहीं हैं।
गौतमबुद्धनगर के बाद सबसे ज्यादा सोनभद्र में परियोजनाएं लेंगी आकार
जीबीसी 4.0 में गौतमबुद्धनगर में सर्वाधिक 223887.77 करोड़ की परियोजनाओं का शुभारंभ होने जा रहा है। इसके बाद दूसरे स्थान पर आकांक्षात्मक जिला सोनभद्र में सर्वाधिक 1,21,220.62 करोड़ की परियोजनाएं मूर्त रूप लेने जा रही हैं। सोनभद्र को एक लाख करोड़ का लक्ष्य दिया गया था। इस लक्ष्य के सापेक्ष आकांक्षात्मक जिले ने 121.22 प्रतिशत हासिल कर लिया है। इस निवेश से ना सिर्फ पूर्वांचल बल्कि प्रदेश के विकास को भी रफ्तार मिलेगी। इसी तरह कभी नक्सल गतिविधियों का गढ़ माने जाने वाले चंदौली जिले में 23,457.61 करोड़ की परियोजनाओं का शुभारंभ होगा। चंदौली को बीस हजार करोड़ का लक्ष्य दिया गया था, जिसके सापेक्ष जनपद ने 117.29 प्रतिशत लक्ष्य हासिल किया है। वहीं आकांक्षात्मक जिलों में शामिल फतेहपुर में
1687.05 करोड़ की परियोजनाएं धरातल पर उतरेंगी, जबकि जनपद को 1600 करोड़ का लक्ष्य दिया गया था।
इस तरह फतेहपुर जनपद ने लक्ष्य का 105.44 प्रतिशत योगदान दिया है। इसके साथ ही तराई वाले जिले बहराइच में 2548.74 करोड़ की परियोजनाओं का शुभारंभ होगा, जबकि उसे 2500 करोड़ का लक्ष्य दिया गया था। यह लक्ष्य का 101.95 प्रतिशत है। इसके अलावा श्रावस्ती में 832 करोड़, बलरामपुर में 415.35 करोड़, सिद्धार्थनगर में 442.39 करोड़ और चित्रकूट में 7047.37 करोड़ की परियोजनाओं का शुभारंभ होगा। इस तरह 8 आकांक्षात्मक जिलों में से 4 ने शत प्रतिशत से अधिक लक्ष्य हासिल कर नजीर पेश की है।
प्रदेश के आकांक्षात्मक जिले बने यूपी के विकास का दूसरा ग्रोथ इंजन
यूपी का सोनभद्र, चंदौली जिला, जो कभी देश में नक्सलियों से प्रभावित था, आज प्रदेश के विकास में अपनी अहम भूूमिका निभा रहा है। इसके अलावा डकैतों के आतंक से प्रभावित चित्रकूट और पिछड़ा जिला होने का दंश झेल रहे सिद्धार्थनगर, बहराइच, फतेहपुर, श्रावस्ती और बलरामपुर ने बड़ी संख्या में निवेशकों को अपनी ओर आकर्षित किया है। यह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की छोटे जिलों को विकास से जोड़ने की मुहिम का ही असर है। वहीं पहले इन जिलों में अव्यवस्था और नक्सल-दस्यु गतिविधियों के चलते उद्योग जगत यहां बड़ा निवेश करने से कतराते रहे हैं। हालांकि, अब परिस्थितियां बिल्कुल बदल चुकी हैं। योगी सरकार की अपराध और अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति, दुर्गम और हाशिये वाले क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाओं का विकास, आधारभूत संरचनाओं का निर्माण और बेहतर कनेक्टिविटी से ये जिले यूपी के विकास के ग्रोथ इंजन बनने जा रहे हैं।
जीबीसी 4.0: अयोध्या-मथुरा और काशी,बनेंगे 40 हजार करोड़ के निवेश के साक्षी
सीएम योगी के नेतृत्व में यूपी के धार्मिक महत्व वाले जिलों में बड़ी निवेश परियोजनाएं लेंगी आकार, ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में पीएम मोदी करेंगे उद्घाटन
वाराणसी में 15 हजार करोड़ से अधिक, मथुरा में 13 हजार करोड़ से अधिक और अयोध्या में 10 हजार करोड़ से अधिक की परियोजनाओं का होगा शुभारंभ
प्रदेश के प्रमुख 8 धार्मिक स्थलों में 80 हजार करोड़ की निवेश परियोजनाओं की भी होगी शुरुआत, नैमिषारण्य के लिए प्रसिद्ध सीतापुर में सर्वाधिक 22 हजार करोड़ की परियोजनाएं होंगी शुरू
लखनऊ,18 फरवरी। भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्या, भगवान श्रीकृष्ण का जन्मस्थान मथुरा और भगवान शिव की नगरी काशी पूरी दुनिया में अपने धार्मिक महत्व के कारण चर्चा के केंद्र में रहते हैं। ये तीन स्थान करोड़ों हिंदुओं की आस्था का भी केंद्र हैं। धार्मिक पर्यटन के लिहाज से यह तीनों स्थल उत्तर प्रदेश के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण हैं। ऐसे में सोमवार को लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में होने वाली जीबीसी 4.0 के माध्यम से पीएम मोदी के हाथों इन तीन स्थानों पर करीब 40 हजार करोड़ रुपए की निवेश परियोजनाओं का शुभारंभ होने जा रहा है। इन तीनों धार्मिक स्थलों का विकास मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्राथमिकताओं में है और जीबीसी के जरिए यह मूर्त रूप लेने जा रहा है। इसके अतिरिक्त प्रदेश के पांच अन्य धार्मिक स्थलों को मिलाकर कुल 86 हजार करोड़ की निवेश परियोजनाएं सोमवार को आकार लेने जा रही हैं।
अयोध्या, मथुरा, काशी पर बरसेगा निवेश
भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली मथुरा में जीबीसी के माध्यम से 13486.63 करोड़ रुपए की कई परियोजनाओं का शुभारंभ सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया जाएगा। इन परियोजनाओं की शुरुआत के साथ ही यहां बड़े पैमाने पर रोजगार का भी सृजन संभव हो सकेगा। मथुरा को 15000 करोड़ रुपए का लक्ष्य दिया गया था,जिसके सापेक्ष मथुरा 89.91 प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने में सफल रहा। इसी तरह भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्याधाम में भी 10,155.79 करोड़ रुपए की निवेश परियोजनाएं धरातल पर उतरेंगी। 22 जनवरी को ही अयोध्याधाम में प्रभु श्रीरामलला विग्रह के उनके भव्य मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम संपन्न हुआ है। इससे पहले से ही भारी संख्या में उद्यमी अयोध्या में व्यापक स्तर पर होटल,रिजॉर्ट,होम स्टे के अलावा कई अन्य सेक्टर में निवेश के लिए लालायित हैं। प्राण प्रतिष्ठा के बाद यहां उमड़ रही भक्तों की भीड़ को देखते हुए आने वाले दिनों में यहां और बड़ी संख्या में निवेश परियोजनाओं की शुरुआत होना तय है। वहीं,भगवान शिव की नगरी वाराणसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र भी है। यहां भी 15,313.81 करोड़ रुपए की परियोजनाओं का शुभारंभ होगा। कुल 124 निवेशक यहां अपने उद्यम स्थापित करेंगे, जिससे 43 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिलेंगे।
इन धार्मिक स्थलों पर भी होगी निवेश परियोजनाओं की शुरुआत
इसके अतिरिक्त ऋषिमुनियों की तपस्थली चित्रकूट,भगवान गौतम बुद्ध के महापरिनिर्वाण स्थली कुशीनगर,तीर्थराज प्रयागराज,नैमिषारण्य तीर्थ के लिए प्रसिद्ध सीतापुर और देवी उपासना की स्थली विंध्याचल की भूमि मीरजापुर को मिलाकर कुल 8 धार्मिक स्थलों में 86 हजार करोड़ की परियोजनाएं मूर्त रूप लेंगी। कुशीनगर में 1152.38 करोड़ रुपए की परियोजनाओं का शुभारंभ होगा। कुशीनगर को 1800 करोड़ का लक्ष्य दिया गया था। वहीं संगमनगरी प्रयागराज में 9619.9 करोड़ रुपए की निवेश परियोजनाओं का शुभारंभ होगा। अगले वर्ष 2025 महाकुंभ को देखते हुए इन निवेश परियोजनाओं का शुभारंभ महत्वपूर्ण होगा। चित्रकूट में भी 7047.37 करोड़ रुपए की परियोजनाएं मूर्त रूप लेने जा रही हैं, जबकि नैमिषारण्य तीर्थ क्षेत्र के लिए सीतापुर भी 21,801.8 करोड़ की निवेश परियोजनाओं को धरातल पर उतारने जा रहा है। यह क्षेत्र सीएम योगी की प्राथमिकताओं में शीर्ष पर है,इसलिए धार्मिक स्थलों में यहां सर्वाधिक निवेश परियोजनाएं मूर्त रूप लेने जा रही हैं। मां विंध्यवासिनी धाम के लिए प्रसिद्ध मीरजापुर जनपद में भी 7358 करोड़ रुपए का निवेश धरातल पर उतरेगा। मीरजापुर को 6500 करोड़ का लक्ष्य मिला था,जिसे 113.21 प्रतिशत तक प्राप्त कर लिया गया है।
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