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GBC 4.0 : सेक्टोरल सेशन व प्रदर्शनी के जरिए 'बदलते उत्तर प्रदेश' की तस्वीर पेश करेगी योगी सरकार ,'स्टेट ओन्ड एयरक्राफ्ट फ्लीट' के कुशल संचालन पर फोकस

Writer's picture: statetodaytvstatetodaytv


-सीएम योगी के विजन अनुसार, उत्तर प्रदेश की विकासगाथा और देश के ग्रोथ इंजन के तौर पर यूपी के भविष्य का खाका विभिन्म माध्यमों से किया जाएगा पेश


-19 फरवरी को ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के चौथे संस्करण का पीएम मोदी के हाथों होगा उद्घाटन, सेक्टोरल सेशन व भव्य प्रदर्शनी का भी होगा आयोजन


-कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी, एफडीआई तथा एआई के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश की उपलब्धियों व भविष्यगामी परिदृष्य को दर्शाने का माध्यम बनेंगे सेक्टोरल सेशंस


इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में ही 1250 मीटर वर्ग क्षेत्र में तीन दिनी भव्य प्रदर्शनी का भी होगा आयोजन जिसमें 9 से ज्यादा सेक्टर्स को किया जाएगा शोकेस


लखनऊ, 12 फरवरी। उत्तर प्रदेश को विकास के नए सोपानों की ओर अग्रसर कर रही योगी सरकार ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी (जीबीसी) 4.0 के जरिए नया इतिहास रचने जा रही है। लखनऊ स्थित इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में 19 से 21 फरवरी के मध्य आयोजित होने जा रहे जीबीस-4 के जरिए 10 लाख करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट्स को धरातल पर उतारने जा रहा है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2023 में 10 से 12 फरवरी के मध्य आयोजित हुए उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के जरिए जो 40 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए थे उनमें से 10 लाख करोड़ रुपए की 14000 से अधिक परियोजनाओं को लागू किया जाएगा। इससे 33.50 लाख नौकरियों का रोजगार सृजन होगा। इस बड़ी उपलब्धि को हासिल करने की ओर बढ़ रही योगी सरकार ने जीबीसी के विधिवत आयोजन की विस्तृत कार्ययोजना की रूपरेखा तय कर ली है। कार्ययोजना के अनुसार, 19 फरवरी को पीएम नरेंद्र मोदी के हाथों जीबीसी का उद्घाटन होगा। वहीं, 19 से 21 फरवरी के मध्य भव्य प्रदर्शनी का आयोजन किया जाएगा जिसमें 9 से ज्यादा विशेष सेक्टर्स को शोकेस किया जाएगा। इसी प्रकार, सेक्टोरल सेशंस का भी आयोजन किया जाएगा जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट (एफडीआई) व कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश की वर्तमान स्थिति और भविष्य की रूपरेखा को दर्शाया जाएगा।


दो सेक्टोरल सेशंस में देखने को मिलेगी विकासयात्रा


जीबीसी 4.0 के अवसर पर राज्य सरकार द्वारा 20 फरवरी को ‘कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी’ तथा ‘एफडीआई एण्ड आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई)- अनलॉकिंग अपॉरचुनीटीज़ इन उत्तर प्रदेश’ विषय पर दो संगोष्ठियों का आयोजन किया जाएगा। ‘कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी’ की रूपरेखा राज्य सरकार के विभागों एवं कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व के लिए जीबीसी में सक्रिय प्रतिष्ठित राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों के बीच सहयोग स्थापित करने के लिए निरूपित की गई है। यह संगोष्ठी कॉर्पोरेट्स के सीएसआर प्रमुखों के साथ सीधे संवाद की सुविधा प्रदान करेगी, जिससे उन्हें संबंधित विभागों द्वारा किए गए प्रभावशाली कार्यों के बारे में जानकारी प्राप्त करने और परमार्थ के कार्यों का समर्थन करने के लिए धन प्रदान करने पर विचार करने का अवसर मिलेगा। प्रदेश के लगभग 6 विभाग उत्तर प्रदेश में परियोजनाओं के अनुरूप लिए जा रहे कदमों से अवगत कराएंगे। इनमें महिला एवं बाल विकास, बेसिक एवं माध्यमिक शिक्षा, व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास, उ.प्र. राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन, दुग्धशाला विकास विभाग तथा खेल विभाग प्रमुख हैं। वहीं, दूसरे सेक्शन में एफडीआई तथा एआई जैसे फ्यूचरिस्टिक सेक्शंस में उत्तर प्रदेश के प्रादुर्भाव से अवगत कराया जाएगा।


'स्टेट ओन्ड एयरक्राफ्ट फ्लीट' के कुशल संचालन पर योगी सरकार का फोकस


-सीएम योगी आदित्यनाथ के विजन अनुसार, उत्तर प्रदेश नागरिक उड्डयन विभाग (सीएडीयूपी) द्वारा प्रक्रिया की हुई शुरुआत


-सीएडीयूपी के स्टेट ओन्ड फ्लीट में फिलहाल 3 फिक्स्ड विंग्स व 3 रोटर ब्लेड आधारित एयरक्राफ्ट्स का होता है संचालन


-इन सभी एयरक्राफ्टस के रखरखाव-संचालन समेत फ्लाइट प्लानिंग व फ्लाइट सपोर्ट सर्विसेस को बढ़ावा देने पर जोर


फ्लाइट प्लानिंग एजेंसी के चयन के जरिए हवाई बेड़े के उचित संचालन का मार्ग प्रशस्त करने पर योगी सरकार का फोकस


लखनऊ, 12 फरवरी। उत्तर प्रदेश को विकास के नए सोपानों की ओर अग्रसर कर रही योगी सरकार प्रदेश में एविएशन सेक्टर को भी बढ़ावा देने पर फोकस कर रही है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में एविएशन सेक्टर लगातार प्रगति कर रहा है और इस व्यापक प्रसार के मध्य 'स्टेट ओन्ड एयरक्राफ्ट फ्लीट' के कुशल संचालन को और प्रभावी बनाने की दिशा में योगी सरकार ने प्रयास शुरू कर दिए हैं। इस क्रम में, योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश नागरिक उड्डयन विभाग (सीएडीयूपी) को फ्लाइट प्लानिंग एजेंसी के चयन का कार्यभार सौंपा है। इस प्रक्रिया के जरिए इन सभी एयरक्राफ्ट्स के रखरखाव-संचालन समेत फ्लाइट प्लानिंग व फ्लाइट सपोर्ट सर्विसेस को बढ़ावा देने पर फोकस किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि सीएडीयूपी के स्टेट ओन्ड फ्लीट में फिलहाल 3 फिक्स्ड विंग्स व 3 रोटर ब्लेड आधारित एयरक्राफ्ट्स का संचालन हो रहा है। ऐसे में, इन सर्विसेस के बेहतर समन्वय, संचालन व कार्ययोजना निर्धारण जैसी प्रक्रियाओं को और प्रभावी बनाने की प्रक्रिया पर फोकस किया जा रहा है।

देशभर में कुशल फ्लाइट सपोर्ट सर्विसेस उपलब्ध कराने का मार्ग होगा प्रशस्त

योगी सरकार के निर्देश पर लखनऊ स्थित नागरिक उड्डयन निदेशालय ने राज्य सरकार द्वारा उपयोग किए जाने वाले विमानों की देशभर में उड़ान योजना सेवाओं और उड़ान सहायता सेवाओं से संबंधित सभी गतिविधियों के उचित संचालन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इस क्रम में, एक एजेंसी के चयन की प्रक्रिया शुरू की गई है जिसका निर्धारण ई-निविदा प्रक्रिया से पूर्ण किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि सीएडीयूपी का लखनऊ में मेन बेस है जो कि सीएआर-145 से संबंधित मेंटिनेंस ऑर्गनाइजेशन और डीजीसीए अप्रूव्ड सीएएमओ से युक्त है। ऐसे में, नियुक्त होने वाली एजेंसी को स्टेट ओन्ड एयरक्राफ्ट्स के संचालन के दृष्टिगत फ्लाइट प्लान का निर्माण व संकलन करना होगा तथा फ्लाइट ऑपरेशन टाइमलाइन में संबंधित एटीसी कंट्रोल समेत तमाम पहलुओं के समन्वय के कार्य को पूरा करना होगा।

ग्राउंड हैंडलिंग समेत कई टास्क्स को बेहतर तरीके से किया जा सकेगा पूरा

कार्चययोजना के अनुसार, यनित एजेंसी द्वारा फ्लाइट ऑपरेशन की जिन विभिन्न प्रक्रियाओं को अंजाम दिया जाएगा उसमें ग्राउंड हैंडलिंग समेत कई प्रक्रियाओं की पूर्ति शामिल है। इन कार्यों को करने के लिए विशिष्ट प्रकार के एरोप्लेन की उड़ान संचालन के लिए चीफ पायलट से स्वीकृति समेत तमाम कार्यों को पूर्ण करना होगा। सीएडीयूपी द्वारा आवश्यकता पड़ने पर उड़ान सहायता सेवाएं उपलब्ध कराने तथा डीजीसीए (नई दिल्ली) के साथ सभी आवश्यक समन्वय कार्यों को पूरा करना होगा। इसमें पायलट लाइसेंस और अन्य दस्तावेज को जमा व एकत्र कराने समेत कई प्रक्रियाओं पर फोकस किया जाएगा।


उत्तर प्रदेश में नए अवसरों को अनलॉक करने पर किया जाएगा फोकस


कार्यक्रम में सेक्टोरल सेशंस के दूसरे सेशन में ‘एफडीआई एण्ड आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) - अनलॉकिंग अपॉरचुनीटीज़ इन उत्तर प्रदेश’ संगोष्ठी का आयोजन किया जाएगा जिसकी अध्यक्षता खुद सीएम योगी आदित्यनाथ करेंगे। इसका उद्देश्य राज्य में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश एवं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को बढ़ावा देने के अवसरों पर विचार-विमर्श करने के लिए उद्योगपतियों, नीति निर्माताओं एवं संभावित निवेशकों को एक मंच उपलब्ध कराना है। इस संगोष्ठी के माध्यम से राज्य सरकार विदेशी निवेश को प्रोत्साहित करने तथा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे उदीयमान क्षेत्रों की संभावनाओं को का लाभ प्राप्त करने के लिए उत्तर प्रदेश में उठाए गए विभिन्न कदमों के बारे में जागरूकता सृजित करने का प्रयास करेगी। यह नेटवर्किंग, ज्ञान साझा करने तथा सहयोग हेतु एक उत्कृष्ट मंच होगा, जो आर्थिक प्रगति व क्षेत्र के विकास में योगद…



जीबीसी 4.0 के माध्यम से 45 जिलों में 1.5 लाख करोड़ की 3500 से अधिक इकाइयों को धरातल पर उतरेगा यूपीसीडा


सीएम योगी की मंशा के अनुरूप यूपीसीडा ला रहा है प्रदेश में निवेश और रोजगार की अनेक संभावनाएं


ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के माध्यम से यूपीसीडा ने किए थे रिकॉर्ड तोड़ 3.5 लाख करोड़ से ज्यादा के एमओयू


लखनऊ, 12 फरवरी। यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में प्राप्त निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारने के लिए योगी सरकार 19 फरवरी को लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी (जीबीसी) 4.0 का आयोजन करने जा रही है। इस समारोह के माध्यम से उत्तर प्रदेश के 10 लाख करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारा जाएगा। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) ने भी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के माध्यम से किए गए रिकॉर्ड तोड़ 3.5 लाख करोड़ से ज्यादा के प्रस्तावों (एमओयू) में से 1.5 लाख करोड़ के प्रस्तावों और परियोजनाओं को ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी (जीबीसी) के माध्यम से धरातल पर क्रियान्वित करने को तैयार है। उल्लेखनीय है कि ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी 2024 का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किया जाएगा।


45 से अधिक जिलों में परियोजनाओं का होगा शुभारंभ


यूपीसीडा के सीईओ मयूर माहेश्वरी ने बताया की प्राधिकरण ने प्रदेश के 45 से अधिक जिलों में लगभग 1.5 लाख करोड़ के एमओयू जीबीसी के लिए तैयार किए हैं। इसमें लगभग 3500 से अधिक इकाइयां अपना उद्योग स्थापित करेंगी, जिनमें मथुरा के विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में 6660 करोड़ का निवेश प्राप्त होगा। वहीं बुलन्दशहर में 3915 करोड़ का निवेश, अमेठी में 1693 करोड़ का निवेश, मेरठ में 1455 करोड़ का निवेश, गौतमबुद्ध नगर में 1129 करोड़ का निवेश , अलीगढ़ में 213 करोड़ का निवेश प्राप्त होगा। इससे न केवल नए-नए रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे, बल्कि प्रदेश आर्थिक रूप से भी सशक्त होगा, साथ ही भारत की जीडीपी में यूपी का योगदान भी बढ़ेगा।

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