बॉलीवुड की पार्श्व गायिका मोनाली ठाकुर, ग्रैमी अवार्ड विजेता रिक्की केज के गीतों और रसिका शेखर की बांसुरी की प्रस्तुति का होगा दीदार
बिरजू महाराज कथक संस्थान की ओर से राम स्तुति पर होगी नृत्य नाटिका
14 मंचों पर 350 से अधिक कलाकार महकाएंगे यूपी की संस्कृति की खुशबू
लखनऊ, 18 फरवरीः ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी (जीबीसी-4.0) में आने वाले आगंतुक यूपी की संस्कृति का भी दीदार करेंगे। एयरपोर्ट से लेकर आयोजन स्थल इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान (आईजीपी) तक 14 मंच बनाए जाएंगे, जिसमें लगभग 350 से अधिक कलाकार यूपी के विभिन्न लोकनृत्यों के जरिए आगंतुकों का स्वागत करेंगे। आईजीपी में दो दिन तक बॉलीवुड कलाकार भी धमाल मचाएंगे तो बिरजू महाराज कथक संस्थान की ओर से राम स्तुति पर नृत्य नाटिका भी होगी। उप्र संस्कृति विभाग ने आयोजन को लेकर अपनी तैयारी पूरी कर ली है।
आईजीपी में बॉलीवुड कलाकार मचाएंगे धमाल
इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में 19-20 फरवरी को बॉलीवुड कलाकार की प्रस्तुतियां दर्शकों को खूब झूमाएंगी। 19 को बिरजू महाराज कथक संस्थान के 12कलाकार कथक नृत्य नाटिका पर श्रीराम स्तुति की प्रस्तुति देगी। दर्शक मुंबई की पार्श्व गायिका मोनाली ठाकुर के गीतों का आनंद उठाएंगे। वहीं 20 फरवरी को ग्रैमी अवार्ड विजेता रिक्की केज की बैंड प्रस्तुति का आनंद भी दर्शक ले सकेंगे। रसिका शेखर की बांसुरी की धुन भी दर्शकों को आकर्षित करेगी।
एयरपोर्ट से आईजीपी तक बनेंगे 14 मंच
उप्र संस्कृति विभाग की तरफ से एयरपोर्ट से आईजीपी तक कुल 14 मंच बनाए जाएंगे। यह मंच एयरपोर्ट, एयरपोर्ट महानिदेशालय के सामने, एयरपोर्ट से शहीद पथ पर जोड़ने वाले फ्लाईओवर, शहीद पथ पर शहीदों की मूर्ति के सामने, 1090 चौराहा, वूमेन पावर लाइन, समतामूलक चौक अपट्रॉन के बाईं ओर, संगीत नाटक अकादमी की वाल पर फन मॉल के सामने पैदल पथ फ्लाईओवर के नीचे बाईं-दाईं तरफ, लोहिया पथ से आईजीपी जाने वाले फ्लाईओवर से पहले बाईं ओर, आईजीपी के गेट नंबर-एक व दो समेत कई मंच बनाए जाएंगे।
350 से अधिक कलाकार कराएंगे यूपी की संस्कृति का दीदार
19 फरवरी को कलाकारों के 22 दल के 350 से अधिक कलाकारों की प्रस्तुति लखनऊ शहर में बने विभिन्न मंचों पर होगी। इसमें मथुरा के राजेश शर्मा व जागृति पाल मयूर लोकनृत्य, अयोध्या के विजय यादव-शीतला प्रसाद वर्मा फरुवाही लोकनृत्य, प्रकृति यादव अवधी लोकनृत्य, राजेश गौड़ व आजमगढ़ के सतीश कुमार कहरवा लोकनृत्य पर प्रस्तुति देंगे। उमेश कन्नौजिया, गाजीपुर के सल्टूराम धोबिया लोकनृत्य, प्रयागराज की प्रीति सिंह व कृति श्रीवास्तव टीम ढेढ़िया लोकनृत्य, झांसी के निशांत सिंह भदौरिया व इमरान खान राई, मथुरा के खजान सिंह व महिपाल सिंह टीम के साथ बमरसिया लोकनृत्य पर प्रस्तुति देंगे। दिवारी-पाईडंडा लोकनृत्य पर महोबा के लखन लाल यादव- बांदा के अखिलेश यादव प्रस्तुति देंगे। सोनभद्र के कतवारू जनजाति लोकनृत्य व सोनभद्र की आशा कुमारी झूमर लोकनृत्य, संतोष सिंघा आदिवासी लोकनृत्य, पीलीभीत के बंटी राणा थारू लोकनृत्य पर विभिन्न मंचों पर अपनी प्रस्तुति देंगे।
जीबीसी 4.0 : अक्षय ऊर्जा का हब बनने की राह पर यूपी, धरातल पर उतरेंगी 182 परियोजनाएं
- ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के दौरान यूपीनेडा से जुड़ी ₹1.3 लाख करोड़ की योजनाओं का होगा भूमि पूजन
- सौर ऊर्जा और पंप्ड स्टोरेज प्रोजेक्ट में सर्वाधिक निवेश करेंगे अडाणी सहित अन्य उद्योग समूह
- बुंदेलखंड बनेगा नई ऊर्जा का नया 'ऊर्जांचल', चित्रकूट, ललितपुर और जालौन में ₹15000 करोड़ से अधिक का निवेश
- मथुरा में अडाणी समूह करेगा बायोगैस ऊर्जा के क्षेत्र में ₹300 करोड़ का निवेश
लखनऊ, 18 फरवरी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उद्यम प्रदेश बनाने की राह पर अग्रसर उत्तर प्रदेश सोमवार को अबतक के सबसे बड़े निवेश के भूमि पूजन का गवाह बनेगा। देश-विदेश के विभिन्न औद्योगिक समूहों की ओर से उत्तर प्रदेश को अबतक मिले लगभग ₹40 लाख करोड़ के निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारने के लिए सोमवार को ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी (जीबीसी 4.0) का आयोजन होगा। जीबीसी 4.0 के प्रथम फेज में ₹10 लाख करोड़ की 14 हजार से अधिक परियोजनाओं का भूमि पूजन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में सम्पन्न होगा। इस दौरान अक्षय ऊर्जा/नविकरणीय ऊर्जा से जुड़ी यूपीनेडा की 182 परियोजनाएं भी शुरू होंगी। ये परियोजनाएं ₹1.3 लाख करोड़ से अधिक की है। सबसे अहम बात ये है कि योगी राज में बुंदेलखंड नई ऊर्जा का नया 'ऊर्जांचल' बनने जा रहा है। यहां अक्षय ऊर्जा से संबंधित ₹15 हजार करोड़ से अधिक की परियोजनाएं धरातल पर उतरने जा रही हैं।
यूपीनेडा ने हासिल किया टार्गेट से अधिक का लक्ष्य
उत्तर प्रदेश न्यू एंड रिन्यूवेबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (यूपीनेडा) के निदेशक अनुपम शुक्ला के अनुसार जीबीसी 4.0 में सौर ऊर्जा, बायो ऊर्जा, पम्प्ड स्टोरेज प्रोजेक्ट (पनबिजली से संबंधित) और ग्रीन हाइड्रोजन से जुड़ी 182 परियोजनाएं उत्तर प्रदेश में ऊर्जा के क्षेत्र में बड़े बदलाव का वाहक बनेंगी। उन्होंने बताया कि जीबीसी के लिए विभाग को ₹1.25 लाख करोड़ का टार्गेट मिला था। विभाग ने टार्गेट से अधिक 104 प्रतिशत का लक्ष्य अचीव करते हुए ₹1.30 लाख करोड़ की परियोजनाओं को धरातल पर उतारने में कामयाबी हासिल की है।
सौर ऊर्जा सेक्टर में 55,806 करोड़ का निवेश
अक्षय/नविकरणीय ऊर्जा से जुड़े सेक्टर की बात करें तो सोलर एनर्जी के क्षेत्र में 42 परियोजनाएं ₹55,806 करोड़ का निवेश करेंगी, वहीं बायो एनर्जी से जुड़ी 131 परियोजनाएं ₹7,299.35 करोड़ का इन्वेस्टमेंट करने जा रही हैं। इसी प्रकार जीबीसी 4.0 में पंप्ड स्टोरेज प्रोजेक्ट्स (पनबिजली से संबंधित) के लिए 8 कंपनियां आ रही हैं, इनकी ओर से ₹66,955 करोड़ का निवेश किया जाएगा। वहीं ग्रीन हाइड्रोजन का 1 प्रोजेक्ट भी प्रदेश में लगने जा रहा है। इसके लिए कंपनी की ओर से ₹150 करोड़ का निवेश किया जाएगा।
नया ऊर्जांचल बनने की राह पर बुंदेलखंड
बड़े प्रोजेक्ट्स की बात करें तो जालौन में एनएचपीसी द्वारा ₹6000 करोड़, चित्रकूट में ₹4000 करोड़ की सौर ऊर्जा और हाइड्रो परियोजना, ललितपुर में ₹5000 करोड़ की परियोजनाएं धरातल पर उतरेंगी। ₹15 हजार करोड़ की ये परियोजनाएं प्रदेश के उसी बुंदेलखंड रीजन में लगने जा रही हैं, जिसे आजादी के 70 साल बाद तक प्रदेश का सबसे पिछड़ा इलाका माना जाता रहा है। वहीं इसके अलावा मथुरा में अडाणी समूह की ओर से बायोगैस में ₹300 करोड़ की परियोजना और प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में नैवेली लिग्नाइट कॉर्पोरेशन की ओर से ₹3500 करोड़ की सौर परियोजनाएं धरातल पर उतरेंगी।
सीएम योगी के प्रयासों का असर
बता दें कि प्रदेश के विकास के साथ-साथ ऊर्जा की मांग में भी अनवरत बढ़ोतरी हो रही है। ऊर्जा के परम्परागत स्रोत सीमित होने तथा उनके दोहन से पर्यावरणीय प्रदूषण का भी खतरा बढ़ा है। ऐसे में नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों पर आधारित ऊर्जा के उत्पादन को बढ़ाने को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार प्रयासरत हैं। योगी सरकार के प्रयासों का ही नतीजा है कि सौर ऊर्जा, बायोमास और लघु जल विद्युत पर आधारित बड़ी परियोजनाओं की स्थापना का मार्ग प्रशस्त होने लगा है। प्रदेश में पहले से ही ग्रिड कंबाइंड सोलर पावर जनरेशन और रूफ टॉप पावर जनरेशन की दिशा में कार्य किये जा रहे हैं। अब इस क्षेत्र में होने वाले ₹1.30 लाख करोड़ के निवेश से ना सिर्फ यूपी अक्षय ऊर्जा का हब बनेगा, बल्कि बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन की संभावना भी बढ़ी है।
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